केंद्र सरकार ने दिया जैन समुदाय को अल्‍पसंख्‍यक दर्जा

mahaveer swamiनई दिल्‍ली / केंद्र सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले जैन समुदाय को अल्पसंख्यक का दर्जा दे दिया है। अब जैन समुदाय के लोग सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों में अल्पसंख्यक समुदायों को मिलने वाले फायदे प्राप्‍त कर सकेंगे। जैन समुदाय को अल्पसंख्यक का दर्जा दिए जाने का फैसला सोमवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया। गौरतलब है कि एक दिन पहले ही कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने यह मुद्दा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के सामने उठाया था। जैन समुदाय के लोगों के समूह ने रविवार को राहुल गांधी से मुलाकात कर अपनी मांग रखी थी।
जैन समुदाय को अल्‍पसंख्‍यक दर्जा देने को लेकर लंबे समय से मांग चली आ रही थी, लेकिन हर बार मामला टल जाता था, लेकिन इस बार राहुल गांधी ने खुद मामला आगे बढ़ाया और नतीजा फटाफट आ गया। वैसे इसमें कोई हैरानी की बात नहीं है, क्‍योंकि राहुल के कहते ही मिनटों में पूरी कांग्रेस का रुख बदल जाता है। इससे पहले राहुल के कहने पर सब्सिडी वाले सिलेंडर 12 करने, दागियों को बचाने वाला अध्‍यादेश वापस लेने जैसे फैसले हो चुके हैं।
बहरहाल, लोकसभा चुनाव से ठीक पहले जैन समुदाय के करीब 50 लाख लोगों को अल्‍पसंख्‍यक दर्जा मिल गया है। जैन समुदाय अल्पसंख्यक दर्जा पाने वाला छठा समुदाय हो गया है। मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध और पारसी समुदाय को पहले से अल्पसंख्यक दर्जा हासिल है। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री के. रहमान खान ने बताया कि उनका मंत्रालय इस बारे में जल्द ही अधिसूचना जारी करेगा।
जैन समुदाय को अल्पसंख्यक का दर्जा मिलने के बाद उसके सदस्यों को अल्पसंख्यकों के लिए कल्याण कार्यक्रमों और छात्रवृत्तियों में केंद्रीय मदद हासिल होगी। वे अपने शैक्षिक संस्थान भी चला सकते हैं। इस समुदाय को उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान जैसे कुछ राज्यों में अल्पसंख्यक का दर्जा पहले से ही हासिल है।

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