चीन की बदमाशी, जताया कश्मीर पर हक

chinaनई दिल्ली / ऐसे मौके पर जब भारत के उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी पेइचिंग में हैं, चीन ने अपना एक ताजा मानचित्र जारी कर अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा बताया है जबकि जम्मू कश्मीर के एक बड़े हिस्से को भी चीन का अंग बताया है। भारत ने चीन के इस मानचित्र पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा है कि नक्शा जारी करने से ही जमीनी सचाई नहीं बदल जाती। यहां विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सईद अकबरुद्दीन ने इस बारे में पूछे जाने पर कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अंतरंग हिस्सा है जिसे कभी अलग नहीं किया जा सकता। इस मसले को चीन के साथ सर्वोच्च स्तर पर उठाया जाता है। यह पूछे जाने पर कि क्या उपराष्ट्रपति अंसारी चीन दौरे में इस मसले को उठाएंगे, प्रवक्ता ने कहा कि बातचीत के दौरान हम अपनी चिंता के हर मसले को उठाते हैं।  उल्लेखनीय है कि अमेरिकी दैनिक वॉशिंगटन पोस्ट ने चीन द्वारा जारी नये मानचित्र को प्रकाशित किया है जिसमें दक्षिण चीन सागर के अधिकांश इलाके को चीन को बताया गया है। इससे दक्षिण पूर्व एशिया के तटीय देशों में खासी नाराजगी है। वॉशिंगटन पोस्ट ने इसी नक्शे की ओर ध्यान दिलाते हुए यह भी कहा है कि इसमें भारत के अरुणाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर के एक हिस्से को चीन का बताया गया है। पोस्ट ने इस आशय की अपनी रिपोर्ट के शीर्षक में पूछा है कि क्या चीन का यह नक्शा एक नया यु्द्ध शुरू कर सकता है?उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी चीन सरकार के न्योते पर इन दिनों पेइचिंग में हैं जहां भारत चीन के बीच पंचशील समझौते की 60वीं सालगिरह मनाई जा रही है। उल्लेखनीय है कि अंसारी की चीन यात्रा के दौरान ही लद्दाख में स्थित पेंगोंग झील में चीनी सेना के अतिक्रमण की एक कोशिश हुई थी जिसे पीछे धकेलने का दावा यहां सैन्य अधिकारियों ने किया है।
इस बारे में पूछे जाने पर प्रवक्ता सईद अकबरुद्दीन ने कहा कि हमें भरोसा है कि सीमाओं के हमारे बहादुर रक्षक इस तरह के आक्रमण का समुचित जवाब देने में सक्षम होंगे। उल्लेखनीय है कि दो साल पहले चीन ने अपने नागरिकों को जारी नये पासपोर्ट के पन्नों पर चीन का मानचित्र छापा था जिसमें अरुणाचल प्रदेश को चीन का हिस्सा बताया गया था। अरुणाचल प्रदेश के 90 हजार वर्ग किलोमीटर और जम्मू कश्मीर के अक्साई चिन के 32 हजार वर्ग किलोमीटर इलाके पर चीन अपना दावा पिछले छह-सात दशकों से करता आया है।
पाक कब्जे वाले कश्मीरी इलाके पर चीन द्वारा एक नई रेल लाइन बिछाने और सड़क मार्ग तैयार करने की योजना पर चीन ने अमल शुरू कर दिया है जो भारत के लिये चिंता की नई बात है। कश्मीर के इस इलाके से चीन अपने शिनच्यांग प्रांत के काशगर शहर को कराची बंदरगाह से जोड़ने की नई महत्वाकांक्षी योजना पर काम कर रहा है। भारत ने इसे लेकर भी चीन से एतराज जाहिर किया है।

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