ईसाई मिशनरी संचालित नर्सिंग कॉलेज के छात्र-छात्राएं बिषाक्त भोजन के शिकार

दो दर्जन से अधिक चिकित्सारत,मामले को दबाने का प्रयास
मेडीकल ऑफीसर सहित अधिकारियों ने किया कॉलेज का निरीक्षण 
damoh-डा. एल. एन. वैष्णव- दमोह / विषाक्त भोजन के सेवन से अनेक छात्र-छात्रायें प्रभावित हो गये जबकि दो दर्जन से अधिक को चिकित्सा हेतु भर्ती कराया गया है। जिला मुख्यालय से मात्र एक डेढ किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक ईसाई मिशनरी द्वारा संचालित नर्सिंग कॉलेज में घटित उक्त मामले को लगभग तीन दिन पूर्र्व का बतलाया जाता है। मामला प्रकाश में न आये इसके लिये संचालकों एवं प्रबंधन ने इनको गोपनीय तरीके से मिशनरी द्वारा संचालित एक मिशन हास्पिटल में भर्ती करा दिया गया था। अचानक मामले के प्रकाश में आने से जहां संचालकों में हडकंप मच गया तो वहीं जिला प्रशासन का संबधित विभाग भी हरकत में आ गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार नगर से सटे मारूताल क्षेत्र में स्थित एक प्राईवेट नर्सिग कालेज हॉस्टल के करीब 21 छात्राओं को गुपचुप तरीके से मिशन अस्पताल में भर्तीं कराया गया था। चिकित्सारत समस्त छात्राओं को उल्टी-दस्त एवं पेट में अससहनीय दर्द होने लगा था। सूत्र बतलाते हैं कि हॉस्टल में दूषित भोजन के सेवन करने के बाद छात्र-छात्राओं की हालत बिगडी थी। एक साथ बडी संख्या में उक्त समस्या से ग्रसितों की सूचना देना प्रबंधन एवं संचालकों ने जिले के स्वास्थ्य विभाग को सूचना देना एवं सेवायें लेना उचित नहीं समझा। लगातार मामले को दबाने के प्रयास करने के बाद जब जानकारी सामने आयी तो स्वास्थ विभाग के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.ओपी गौतम ने कॉलेज एवं चिकित्सालय में निरीक्षण के लिये एक दल को भेजा। इसी क्रम में मिशनरी द्वारा संचालित कॉलेज प्रबंधन इसको मौसमी बीमारी बतला कर अपना बचाव करने में लगा हुआ है। लेकिन एक साथ दो दर्जन से अधिक का गंभीरावस्था में भर्ती कराया जाना एवं अनेकों का प्रभावित होना तथा गुपचुप तरीके से मिशनरी द्वारा अपने ही चिकित्सालय में भर्ती कराना निश्चित रूप से अनेक प्रश्रों को उपजा रहा है। ज्ञात हो कि उक्त कॉलेज सेंट्रल इंडिया क्रिश्चियन मिशन सीआईसीएम द्वारा संचालित किया जा रहा है जिसके सीएमटी नर्सिंग कॉलेज के छात्रावास का उक्त मामला है। अब बात करें छात्रा-छात्राओं की तो वह कुछ ने प्रबंधन की लापरवाही का आरोप लगाया है उनके अनुसार बासा एवं गुणवत्ता हीन भोजन आये दिन दिया जाता है शिकायत करने पर धमकियां दी जाती हैं। जानकारी के अनुसार लगभग आधा दर्जन छात्र-छात्राओं के स्वास्थ्य में सुधार होने पर वापस छात्रावास भेज दिया गया है । चिकित्सारत छात्र प्रकाश कुमार ,कैलाश गार्डिया,प्रकाश हीवाली एवं जैकअप ने भी भोजन के पश्चात् तबियत बिगडनें की बात बतलायी।

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