आगरा। शनिवार को अखिल भारतीय लोधी राजपूत टेलीफोन डायरेक्टरी की तरफ से दहतोरा के अखिल भारतीय लोधी राजपूत टेलीफोन डायरेक्टरी कार्यालय पर अमर शहीद गुलाब सिंह लोधी का 79वां बलिदान दिवस मनाया गया। इस अवसर पर अमर शहीद गुलाब सिंह लोधी की तस्वीर पर माल्यार्पण कर उन्हें अपने श्रद्धासुमन अर्पित किये। कार्यक्रम का शुभारम्भ मानसिंह राजपूत एडवोकेट द्वारा झण्डा लहराकर और दीप प्रज्जवलित कर किया गया।
अमर शहीद गुलाब सिंह लोधी का 79वें बलिदान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में अखिल भारतीय लोधी राजपूत टेलीफोन डायरेक्टरी के सम्पादक मानसिंह राजपूत एडवोकेट ने कहा कि अमर शहीद गुलाब सिंह लोधी का बलिदान देशवासियों को देशभक्ति और परमार्थ के लिये जीने की प्रेरणा देता रहेगा। भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का इतिहास ऐसे वीरों कि कहानियों से भरा पडा है जिनके योगदान को कोई मान्यता नहीं मिली है। ऐसे ही हमारे अमर शहीद गुलाब सिंह लोधी हैं। जिनका योगदान भी भारतीय स्वतंत्रता संग्राम मैं अग्रणी रहा है लेकिन दुर्भाग्य यह रहा है कि हमारे अमर शहीद गुलाब सिंह लोधी को इतिहासकारों ने पूरी तरह से उपेक्षित रखा है लेकिन आज अखिल भारतीय लोधी राजपूत टेलीफोन डायरेक्टरी ऐसे अपने वीर अमर शहीद गुलाब सिंह लोधी को याद कर रही है जिनको आज के ही दिन 78 वर्ष पहले अंग्रेजों ने अमीनाबाद पार्क में नीम के पेड पर तिरंगाा फहराने के जुर्म में गोलियों से छलनी कर दिया था। उन्होने कहा कि शहीद कभी मरता नही है बल्कि वो अपनी धरती मां और अपने देश के लिये न्योछावर हो जाने के कारण अमर हो जाता है। उनके त्याग व बलिदान से सभी को प्रेरणा लेनी चाहिए। सम्पादक मानसिंह राजपूत एडवोकेट ने प्रदेश सरकार से अमर शहीद गुलाब सिंह लोधी की प्रतिमा आगरा में लगवाने की मांग की।
आयोजित कार्यक्रम में अखिल भारतीय लोधी राजपूत टेलीफोन डायरेक्टरी के उपसम्पादक ब्रह्मानंद राजपूत ने कहा कि भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के समय शहीद गुलाब सिंह लोधी ने सन् 1935 में 23 अगस्त को लखनऊ के जुलूस का नेतृत्व किया। जो 23 अगस्त 1935 मैं तिरंगा झंडा फहराने के लिए अमीनाबाद पार्क कि तरफ बढ रहा था। झंडा फहराने से रोकने के लिए अग्रेजी सिपाहियों ने पार्क को घेर लिया। शहीद गुलाब सिंह लोधी सैन्य बल कि परवाह किये बिना ही तिरंगे को हाथ मैं लेकर नीम के पेड पर चढ गए। जब शहीद गुलाब सिंह लोधी पेड पर तिरंगे को फहरा रहे थे तभी एक अंग्रेज अधिकारी ने उन्हें गोली से मार दिया। तभी से उस पार्क का नाम झण्डे वाला पार्क पड गया। और शहीद गुलाब सिंह लोधी का नाम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास मैं स्वर्णिम अक्षरों से लिख गया। ब्रह्मानंद राजपूत ने कहा कि अमर शहीद गुलाब सिंह लोधी सिर्फ उन्नाव ही अपितु पूरे देश के लिये गौरव हैं। अमर शहीद गुलाब सिंह लोधी एक महान देशभक्त थे जिन्होंने भारतमाता और अपने तिरंगे को अंग्रेजों की गुलामी से मुक्ति दिलवाने के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी। हमें ऐसे महान शहीदों के जीवन से प्रेरणा लेते हुए अपना सबकुछ देश के लिए कुर्बान करने की शपथ लेनी चाहिए।
अरब सिंह बॉस ने कहा कि एक सच्चा वीर ही देश और तिरंगे के लिये अपने प्राण न्यौछावर कर सकता है। ऐसे ही अमर शहीद गुलाब सिंह लोधी एक सच्चे वीर थे जिन्होने अपने देश और तिरंगे की खातिर अपना बलिदान दे दिया और अपने तिरंगे को झुकने नहीं दिया।
कार्यक्रम में प्रभावसिंह, दुष्यंत लोधी, मोरध्वज लोधी, दीपक लोधी, विष्णु लोधी, लोकेन्द्र लोधी, नीतेश राजपूत, मुकेश, दिनेश, भूरीसिंह, जीतेन्द्र लोधी, राजवीर सिंह, सहित समाज के प्रमुख गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
Mansingh Rajput