कलेक्टर, सचिव एवं उप सचिव पर अदालत ने लगाई 30 हजार की क्षतिपूर्ति

chatarpur-logoछतरपुर। सिविल जज प्रदीप दुबे की अदालत ने पेंशन मामले में रिटायर्ड सीएमओ को परेशान करने पर सचिव, उप सचिव एवं कलेक्टर को 30 हजार रूपए क्षतिपूर्ति के रूप मेें फरियादी को देने का आदेश दिया है।
एडवोकेट लखन राजपूत ने बताया कि मातवाना मुहल्ला निवासी बृजबिहारी साहू नगर पालिका नौगांव में मुख्य नगर पालिका अधिकारी के पद पर कार्यरत थे। दिनांक 31 मार्च 2009 को बृजबिहारी सीएमओ पद से सेवानिवृत्त हुए। इसके बाद बृजबिहारी का पेंशन प्रकरण संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास मप्र भोपाल द्वारा स्वीकृत किया गया, साथ ही सचिव , केके कातिया उप सचिव मप्र शासन नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग भोपाल से अजांच प्रमाण पत्र मांगा गया किंतु सचिव एवं उप सचिव ने बृजबिहारी रिटायर्ड सीएमओ को परेशान करने के आशय से अजांच प्रमाण पत्र नहीं भेजा तब मजबूर होकर रिटायर्ड सीएमओ ने हाईकोर्ट जबलपुर में याचिका दायर कर पेंशन मामला दो माह के अंदर निपटाने का आदेश प्राप्त किया।  2 माह की समयावधि बीतने पर भी पेंशन मामला निराकृत नहीं किया गया तब सचिव एवं उप सचिव के खिलाफ अवमानना का मामला हाईकोर्ट में पेश किया। उप सचिव केके कातिया ने झूठी जानकारी हाईकोर्ट में दी कि रिटायर्ड सीएमओ बृजबिहारी के खिलाफ विभाग में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो संबंधी मामला चल रहा है इसलिए अजांच प्रमाण-पत्र नहीं भेजा जा सकता। सूचना के अधिकार के तहत जानकारी लेने पर ज्ञात हुआ कि बृजबिहारी के खिलाफ कोई भी मामला विभाग में नहीं चल रहा है। इस पूरे पेंशन मामले में रिटायर्ड सीएमओ बृजबिहारी को हुई परेशानी एवं मानहानि की क्षतिपूर्ति के लिए मप्र शासन द्वारा कलेक्टर छतरपुर, सचिव, केके कातिया उप सचिव मप्र शासन नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग भोपाल के खिलाफ मामला  अदालत में पेश कर दिया। सिविल जज प्रदीप दुबे की अदालत ने मामले की अंतिम सुनवाई करते हुए केके कातिया उप सचिव की कार्यवाही से फरियादी रिटायर्ड सीएमओ को परेशानी होना पाया गया। जज श्री दुबे की अदालत ने कलेक्टर छतरपुर , सचिव, उप सचिव  मप्र शासन नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग भोपाल को 30 हजार रूपए बतौर क्षतिपूर्ति राशि रिटायर्ड सीएमओ को पृथक-पृथक या संयुक्त रूप से देने का आदेश दिया।
Santosh Gangele
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