राजयोग तपस्विनी ब्रह्माकुमारी पुष्पा बहन का महाप्रयाण

अंतिम यात्रा आज दोपहर 1 बजे प्रारंभ होगी
Pushpa Didiनीमच : पिछले 45 वर्षो से विश्व कल्याण के मार्ग पर समर्पित राजयोग तपस्विनी ब्रह्माकुमारी पुष्पा बहनजी ने दि. 19 दिसम्बर को शाम 5.45 बजे देहत्याग कर परमपिता परमात्मा शिवबाबा की गोद ली, बाल ब्रह्मचारिणी राजयोगिनी पुष्पा बहनजी न्यायाधीश स्व. एम.एम. श्रीवास्तव की सुपुत्री थी एवं उन्होंने इन्दौर से एम.ए. तक की शिक्षा प्राप्त कर 24 वर्ष की आयु में ही ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय से जुड़कर विश्व कल्याण के मार्ग पर अपना जीवन समर्पित कर दिया। पुष्पा बहन जी ने पिछले 45 वर्षो में सम्पूर्ण मध्यप्रदेश, गुजरात व राजस्थान के विभिन्न स्थानों पर रहकर लाखों लोगों तक ईश्वरीय संदेश पहुंचाने का कार्य किया। ब्रह्माकुमारी पुष्पा बहनजी पिछले लगभग 30 वर्षो से ब्रह्माकुमारी संस्थान की संभागीय संचालिका के रूप में अपनी सेवाएें दे रही थी, आपने नीमच के अलावा मन्दसौर, चित्तौड़गढ़, मनासा, रामपुरा, पिपलिया मण्डी, मल्हारगढ़ एवं जीरन सेवाकेन्द्रों की स्थापना की तथा लगभग 70 ग्रामीण शाखाओं की स्थापना में भी अपना संपूर्ण योगदान दिया । आपसे राजयोग की शिक्षा एवं ईश्वरीय संदेश पाकर उपरोक्त सभी सेवाकेन्द्रों के सैंकड़ों लोगों ने अपना जीवन आदर्श बनाकर सुख-शांतिमय बनाया है।
ब्रह्माकुमारी संस्थान के संभागीय निदेशक बी.के.सुरेन्द्र जैन ने बताया कि राजयोग तपस्विनी पुष्पा बहनजी की अंतिम महाप्रयाण यात्रा आज दोपहर 1 बजे ब्रह्माकुमारी केन्द्र से प्रारंभ होगी।
Santosh Gangele

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