वाइब्रेंट गुजरात में मोदी ने रखी बेहतर इंडिया की पिक्चर

narendra-modiगांधी नगर /  गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए नरेंद्र मोदी ने प्रदेश में इनवेस्टमेंट जुटाने के लिए 2003 में वाइब्रेंट गुजरात का आयोजन शुरू किया था। पीएम बनने के बाद उन्होंने वाइब्रेंट गुजरात को दुनिया के सामने एक आकर्षक इनवेस्टमेंट डेस्टिनेशन के रूप में भारत को पेश करने का प्लेटफॉर्म बना दिया है। इस आयोजन में संयुक्त राष्ट्र के सेक्रेटरी जनरल बान की मून और अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी के अलावा दुनियाभर से बड़े कारोबारी जुटे हैं।

पीएम ने रविवार को इंडिया इंक के दिग्गजों की मौजूदगी में इस आयोजन में कहा, ‘जब भी आपको हमारी जरूरत होगी, हम आपके साथ होंगे। आपके सफर में हम साथ रहेंगे।’ मोदी ने अपनी 9 महीने पुरानी सरकार का कामकाज गिनाते हुए कहा, ‘मेरी सरकार एक भरोसेमंद, पारदर्शी और निष्पक्ष पॉलिसी एनवायरमेंट बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।’ मोदी ने देश को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने के लिए ‘लेवल प्लेइंग फील्ड’ की बात की और कहा कि सरकार ने पब्लिक और प्राइवेट पार्टनरशिप्स के जरिये इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने पर ध्यान दिया है। उन्होंने मार्स ऑर्बिटर मिशन का जिक्र किया और उसकी कम लागत की तुलना हॉलिवुड की हालिया ब्लॉकबस्टर ‘इंटरस्टेलर’ से की।
2002 में गुजरात में भीषण दंगे होने के बाद मोदी ने वाइब्रेंट गुजरात कार्यक्रम की शुरुआत की थी। इसके जरिये उन्होंने बिजनेस फ्रेंडली लीडर की अपनी इमेज भी गढ़ी। रविवार के आयोजन में मुकेश अंबानी, उनके भाई अनिल अंबानी, गौतम अडानी, शशि रुइया सहित गुजरात में अपना कारोबारी साम्राज्य खड़ा करने वाले कई उद्योगपति मौजूद थे। जॉन केरी ने मोदी सरकार के कई कदमों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, ‘मैं पीएम मोदी के सबका साथ-सबका विकास के नारे से बहुत प्रभावित हूं। यह इतना अच्छा नारा है कि इसमें हम सभी को अपना लेना चाहिए।’

इसी महीने होने वाली अमेरिकी प्रेजिडेंट बराक ओबामा की भारत यात्रा से पहले केरी के जरिये अमेरिका भारत के साथ आर्थिक संबंध मजबूत करना चाहता है। केरी ने बाद में कहा कि अमेरिकी प्रेसिडेंट की आगामी यात्रा ‘हैरतअंगेज अवसर’ होगी।
मोदी ने कहा कि सरकार सेंट्रल और स्टेट लेवल पर सिंगल विंडो क्लीयरेंस की दिशा में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार का ध्यान भारत में बिजनेस करने में सहूलियत से जुड़ी चिंता दूर करने पर भी है। वर्ल्ड बैंक की डूइंग बिजनेस इंडेक्स में भारत 189 देशों की लिस्ट में 142वें पायदान पर फिसल गया है। मोदी सरकार भारत को टॉप 50 में ले जाने का इरादा रखती है।

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