कोल और स्पेक्ट्रम की बंपर नीलामी लेकिन कहां से आएंगे 3 लाख करोड़ रुपए

rupeeनई दिल्ली। कोयला खदान और टेलीकॉम स्पेक्ट्रम की बंपर नीलामी ने भले ही सरकार को खुश कर दिया है। लेकिन नीलामी में अब तक लग चुकी 3 लाख करोड़ की बोली के लिए पैसे कहां से आएंगे, यह सवाल कंपनियों को सताने लगा है। ऐसा इसलिए हैं, क्योंकि एक तरफ जहां बैंकों का एनपीए 10 साल के रिकार्ड स्तर पर हैं, वहीं पावर और टेलीकॉम कंपनियां भी कर्ज में डूबी है। ऐसे में उनके लिए नए कर्ज जुटाना भी आसान नहीं होगा।
पीयूष गोयल ने की बैठक
इस संकट को देखते हुए बुधवार को ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने बैंकों के साथ बैठक भी की है। जिसमें उन्होंने कहा है कि बैंक पावर कंपनियों को कर्ज दें। हालांकि बैंकों ने साफ तौर पर कहा है कि जब तक पुराने कर्ज को लेकर कोई नरम रूख नहीं अपनाया जाता है, तब तक पहले से ही डूबते कर्ज से परेशान बैंकों के लिए नए कर्ज देना आसान नहीं होगा।
कितना जुटाना है पैसा
अभी तक हुई नीलामी में सरकार को कोयला खदानों के लिए 2 लाख करोड़ रुपये और टेलीकॉम स्पेक्ट्रम के लिए 1 लाख करोड़ रुपये की बोली मिली है। इस रकम में से 25-33 फीसदी तक रकम टेलीकॉम कंपनियों को पहले साल देनी है। जबकि बाकी रकम अगले 10 साल देनी हैं। इसी तरह कोयला खदानों के लिए कंपनियों को लॉग टर्म में रकम चुकानी है।
बैंकों के पास लॉग टर्म के लिए पैसा नहीं
बैंकर जी.एस. बिंद्रा के अनुसार बैंको के पास डिपॉजिट के रुप में औसतन 1-2 साल का पैसा होता है। जबकि इंफ्रा प्रोजेक्ट में लंबी अवधि का कर्ज देना होता है। इसके अलावा टेलीकॉम स्पेक्ट्रम को गिरवी रख कर कर्ज नहीं लिया जा सकता है। जिससे वह जोखिम भरा हो जाता है। इस तरह का कर्ज केवल कंपनी के साख पर ही दिया जाता है। साथ ही ज्यादातर बैंकों की पावर और टेलीकॉम स्पेक्ट्रम के लिए एक्सपोजर लिमिट भी पूरी हो चुकी है।
कंपनियों पर कितना है कर्ज
कोयला नीलामी में भाग लेने वाली जेएसपीएल, टाटा स्टील, हिंडाल्को, जीएमआर इंफ्रा, अदानी पॉवर, जेएसडब्ल्यू स्टील, जेपी एसोसिएट्स जैसी कंपनियों पर भारी मात्रा में कर्ज हैं। इसी तरह टेलीकॉम कंपनी भारती एयरटेल , आइडिया, रिलायंस कंम्युनिकेशंस पर भी कर्ज है। इंडस्ट्री के अनुसार कंपनियां पूंजी जुटाने के लिए बैंकों के अलावा फंड जुटाने के दूसरे तरीकों की इस्तेमाल करेंगी। क्योंकि अकेले बैंक से इतनी राशि जुटाना मुश्किल होगा।
कोयला नीलामी से जुड़ी कंपनियों पर कर्ज की स्थिति
कंपनी कर्ज करोड़ रुपए में (सितंबर’14) संपत्ती करोड़ रुपए (सितंबर‘ 14) शुद्ध लाभ करोड़ रुपए( वर्ष। 2014) शुद्ध लाभ करोड़ रुपए (अक्टूबर- दिसंबर 14)
जेएसपीएल 22666.91 35731.21 1291.95 -669.60
टाटा स्टील 26126.78 87274.77 6,412.19 880.64
हिंडाल्को 26366.95 63099.40 1413.33 359.36
जीएमआर इंफ्रा 3994.07 12394.72 165.90 -12.90
मोनेट इस्पात 6361.34 9201.99 66.63 -242.81
जेएसडब्ल्यू स्टील 24974.98 49269.16 1334.51 414.69
ऊषा मार्टिन 3215.93 4738.64 -25.68 -43.59
अदानी पॉवर 22317.20 30104.36 595.26 53.76
अंबुजा सीमेंट 1496.36 328.59
जे.पी. एसोसिएट्स 23171.55 36868 413.89 -116.09
जे.पी.पॉवर 17560.59 23890.30 19.73 -90.21
सीईएससी 3379.10 10417.70 652 111
अल्ट्राटेक 4872.78 21970.29 2144.47 364.37
ओसीएल ऑयरन 1481.28 2116.57 2.40 8.27
सनफ्लॉग ऑयरन 392.46 895.71 21.68 13.49
टेलीकॉम कंपनियों की कर्ज स्थिति
कंपनी कर्ज करोड़ रुपये में(सितंबर’14)
संपत्तियां(सितंबर’14)
करोड़ रुपये
शुद्ध लाभकरोड़ रुपये(वर्ष 2014) शुद्ध लाभ करोड़ रुपये(अक्टूबर-दिसंबर 14)
भारती एयरटेल 8522.70 75250.70 2278.80 6600.20
आइडिया 17753.24 33337.60 1689.31 665.44
रिलायंस कम्युनिकेशंस 30127.00 61507 730.00 -585
नोट- सभी आंकड़े स्टॉक एक्सचेंज पर उपलब्ध जानकारी से लिए गए हैं।
बैंकिंग सिस्टम में नकदी की नहीं कमी
पंजाब नेशनल बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मनीभास्कर को बताया कि उद्योगों की सुस्त रफ्तार के कारण बैंकिंग सिस्टम में नकदी की कमी नहीं है। बैंक चाहते हैं, कि क्रेडिट ग्रोथ बढ़े, लेकिन जब तक कंपनी की स्थिति अच्छी नहीं होगी, बैंकों के लिए कर्ज देना आसान नहीं होगा। आरबीआई द्वारा जारी 11 मार्च के आंकड़ों के अनुसार ओवर नाइट औसतन 7.49 फीसदी पर है। जो कि बैंक रेट से कम है। जिसे देखते हुए सिस्टम में नकदी की स्थिति अच्छी है।
सरकारी बैंकों का एनपीए 10 साल के रिकार्ड स्तर पर
दिसंबर 2014 के आंकड़ों के अनुसार सरकारी बैंकों की एनपीए पिछले 10 साल के सबसे उच्चतम स्तर पर है। इस अवधि में सरकारी बैंको का सकल एनपीए 5.64 फीसदी के स्तर पर पहुंच गया है। इसी तरह सीडीआर भी अपने रिकार्ड स्तर पर पहुंच गया है। इसके तहत सबसे ज्यादा आयरन और स्टील, पावर सहित दूसरी प्रमुख कंपनियों के कर्ज रिस्ट्रक्चर हुए हैं।

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