सविता हत्याकाण्ड में खाकी पर लगा लापरवाही का दाग

पुलिस के नक्कारखाने में नहीं सुनी गई पीड़ित मॉं की करूण पुकार
murderछतरपुर। मंगलवार को जिस सविता रैकवार नाम की छात्रा की ओरछा रोड थाना क्षेत्र में धुबेला म्युजियम के पास पत्थरों से कुचल कर हत्या कर दी गई, उस मामले में कोतवाली पुलिस की बर्दी पर लापरवाही का दाग लग गया। यदि पुलिस मृतक सविता रैकवार की मॉं रामकुंअर रैकवार की करूण पुकार सुन लेती और समय पर कार्यवाही करती तो सविता रैकवार हत्याकाण्ड होता ही नहीं लेकिन पुलिस तो पुलिस है उसके नक्कारखाने में पीड़ित मॉं की करूण पुकार किसी ने नहीं सुनी। पुलिस के पास 4 बार मृतिका की मां आवेदन लेकर गयी लेकिन हर बार पुलिस ने उसे दुत्कार कर भगा दिया। घटना वाले रोज तो तब इंतेहा हो गई जब रामकुंअर रैकवार कोतवाली से लेकर सिविल लाईन थाना, खजुराहो और बमीठा थाना तक के चक्कर लगाती रही लेकिन किसी भी थाने की पुलिस ने गुमसुदगी की रिपोर्ट दर्ज करना तक उचित नहीं समझा। बुधवार को जब इस पूरे मामले का खुलासा हुआ तो सभी ने पुलिस की कार्यषैली पर सवाल उठाये और उसे जमकर कोसा।
क्या है मामला ?
शहर के नजर बाग मुहल्ले में रहने वाली रामकुंअर रैकवार घरों में काम कर अपनी तीन बेटियों का लालन पालन कर रही है। रामकुंअर के पति ने उसे केवल इस लिये छोड़ दिया था क्योंकि वह बेटा पैदा नहीं कर सकी थी। किसी तरह घरों में बर्तन मांज मांज कर एक मां ने अपनी तीनों बेटियों को पाला और पढ़ाया। इसी बीच मुहल्ले का ही एक सिरफिरा युवक सूरज रैकवार रामकुंअर की बेटियों को परेषान करने लगा, आये दिन शराब पीकर गाली गलौज करना और बेटियों के साथ छेड़छाड़ करना उसकी आदत में सुमार हो गया था। 19 फरवरी को रामकुंअर रैकवार कोतवाली पुलिस के पास पहुंची और घटना की रिपोर्ट दर्ज कराना चाही लेकिन पुलिस ने धारा 155 के तहत कार्यवाही कर युवक को समझा बुझाकर भगा दिया। 28 मार्च को रामकुंअर फिर कोतवाली पहुंची और बताया कि सूरज रैकवार उसकी बेटी को जान से मार डालने की धमकी दे रहा है लेकिन पुलिस ने इस बार भी रिपोर्ट दर्ज नहीं की और पीड़ित मां को दुत्कार कर थाने से भगा दिया। 31 मार्च को सविता रैकवार परीक्षा देने कॉलेज गई लेकिन जब लौट कर नहीं आई तो पीड़ित मां सुबह 10 बजे कोतवाली पहुंची और रिपोर्ट दर्ज कराना चाही, पर कोतवाली पुलिस ने उसे सिविल लाईन थाना पुलिस के पास भेज दिया। सिविल लाईन थाना पुलिस ने भी रिपोर्ट नहीं लिखी, इसी बीच किसी ने बताया कि उसकी बेटी खजुराहो में है, तो मां अपनी छोटी बेटी को साथ लेकर खजुराहो पहुंच गई, खजुराहो पुलिस ने उसे यह कह कर बमीठा थाना भेज दिया कि रेलवे स्टेषन बमीठा थाना क्षेत्र में आता है। इसी बीच सविता की लाष पड़े होने की सूचना पुलिस को मिल गई। पुलिस की यह असंवेदनषीलता यह सावित करती है कि सविता की हत्या पुलिस की लापरवाही के कारण ही हुई है।
शव वाहन के नीचे लेटी मॉं
अस्पताल में जैसे ही सविता रैकवार का शव लेकर वाहन आगे बढ़ा, पीड़ित मां रामकुंअर रैकवार, उसकी बेटी कविता सहित तमाम लोग शव वाहन के नीचे लेट गये। पीड़ित मां चिल्ला चिल्ला कर कह रही थी कि कोतवाली टीआई ने उसके सामने सूरज से पैसे ले लिये और मामला दर्ज नहीं किया, अगर पुलिस रिपोर्ट लिख कर आरोपी को पकड़ लेती तो उसकी बेटी की जान बच जाती। यहां देखते ही देखते हंगामा खड़ा हो गया और लगभग डेढ़ घण्टे तक शव वाहन आगे नहीं बढ़ पाया। काफी हंगामें के बाद जब लोगों ने छत्रसाल चौराहे पर शव रखकर चक्का जाम करने की योजना बनाई और कोतवाली टीआई डीडी आजाद को सस्पेंड करने की मांग ने जोर पकड़ा, तब जाकर कहीं पुलिस ने लोगों की बात सुनी। इसी बीच यहां नगर पालिका अध्यक्ष अर्चना गुड्डू सिंह, उपेन्द्र प्रताप सिंह लकी, कांग्रेस जिलाध्यक्ष मनोज त्रिवेदी, पत्रकार प्रतीक खरे, हरी अग्रवाल, सुरेन्द्र अग्रवाल, देवेंद्र दीप सिंह राजू सरदार, अंकुर यादव, राजीव खरे, गोबिंद तिवारी, अभिलेख खरे, अरविंद पटेरिया, पार्षद राघवेंद्र सिंह बुंदेला, द्रोपदी कुषवाहा, मद्दू नेता, लालचंद लालवानी, राममूर्ति राजपूत, अभिषेक खरे, समाज सेविका गायत्री देवी परमार, अफसर जहां, मीरा सिंह, प्रभा वैद्य के अलावा शहर के तमाम गणमान्य नागरिक पहुंचे और टीआई को सस्पेंड करने का  दबाव बनाने लगे।
लाईन अटैच हुये टीआई
मौके पर मौजूद अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नीरज पाण्डेय, नगर पुलिस अधीक्षक डीएस परिहार, एसडीएम डीपी द्विवेदी निष्पक्ष जांच कराने की बात कहते रहे लेकिन जब हंगामा ज्यादा बढ़ने लगा और अधिकारियों को लगा कि वाकई में कोतवाली पुलिस की गलती है तब कहीं जाकर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नीरज पाण्डेय ने पुलिस कप्तान से दूरभाष पर चर्चा की और फिर सभी की उपस्थिति में टीआई डीडी आजाद को लाईन अटैच करने की घोषणा की लेकिन उसके बाद भी पीड़ित मां एम्बुलेंस के नीचे से उठने को तैयार नहीं हुई। उसका कहना था कि जब तक यह आदेष लिखित में नहीं दिया जायेगा, तब तक वह एम्बुलेंस के नीचे ही लेटी रहेगी। बाद में नगर पालिका अध्यक्ष अर्चना सिंह के समझाने पर किसी तरह विवाद शांत हुआ।
गुड्डू-अर्चना ने कराया अंतिम संस्कार
इस पूरे घटनाक्रम में मंगलवार को दिन भर पुलिस से संपर्क में रही नगर पालिका अध्यक्ष अर्चना सिंह और रात में पीड़ित परिवार को ढांढ़स बंधाते रहे गुड्डू सिंह ने इस होनहार छात्रा का अंतिम संस्कार करवाया। शव अस्पताल से सीधे मुक्तिधाम ले जाया गया, जहां पहली बार 5 दर्जन से भी अधिक महिलायें अंतिम संस्कार के वक्त श्मषान घाट पर मौजूद रहीं। गुड्डू सिंह व उनकी धर्मपत्नि अर्चना सिंह ने अंतिम संस्कार की सारी व्यवस्थायें जुटाईं और अंतिम क्रिया की रष्म सविता की छोटी बहिन कविता ने निभाई। जब कविता ने अपनी बड़ी बहिन को मुखाग्नि दी तो उसकी आंखें नम आंखों को देख अंतिम संस्कार में शामिल हुये सभी समाजसेवियों की भी आंखें छलक पड़ीं। यहां लोगों ने अर्चना सिंह और गुड्डू सिंह द्वारा दिखाई मानवीयता की जमकर सराहना की।
आज निकाला जायेगा केंडिल मार्च
अंतिम संस्कार के बाद समाज सेविका मीरा सिंह ने श्मषान घाट पर ही 2 मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी और कहा कि पुलिस की लापरवाही के कारण एक होनहार छात्रा उत्पीड़न और हत्या का षिकार हुई है। पुलिस की यह लापरवाही क्षम्य नहीं है। उन्होने कहा कि सभी समाज सेवी महिलायें गुरूवार की शाम 5 बजे छत्रसाल चौराहे पर एकत्रित होंगी तथा अपने अपने सिर पर काली पट्टी बांध कर पुलिस का विरोध करेंगी और केंडिल मार्च निकाल कर मृतात्मा की शांति हेतु ईष्वर से प्रार्थना करेंगी। उन्होने नगर के सभी समाजसेवियों, राजनैतिक संगठनों के प्रतिनिधियों, व्यापारियों, पत्रकारों से आग्रह किया है कि वे इस कार्यक्रम में आवष्यक रूप से उपस्थित हों।
पहला नहीं है यह मामला
पुलिस की लापरवाही से हुई मौत का यह मामला पहला नहीं है, इससे पहले भी छतरपुर जिले में कई मौतें केवल पुलिस की लापरवाही के कारण हुईं हैं। लगभग 1 महीने पहले ग्राम कालापानी में एक सनकी पति ने अपनी पत्नी को एक कमरे में बंधक बना लिया था, परिजनों इसकी सूचना ओरछा रोड पुलिस को दी, पुलिस मौके पर भी गई और दरवाजे के बाहर खड़ी होकर सनकी पति को हिदायत देकर वापस लौट आई लेकिन जब उसने महिला को मुक्त नहीं किया तो फिर पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस मकान के बार खड़ी रही ओर अंदर सनकी पति ने अपनी पत्नी का गला काट कर हत्या कर दी। इस मामले मे ओरछा रोड टीआई दिलीप पाण्डेय पहले ही लाईन अटैच हो चुके हैं और अब कोतवाली पुलिस की लापरवाही के कारण नजर बाग निवासी सविता रैकवार की मौत हुई है।
Santosh Gangele
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