अतिथि षिक्षको को षिक्षा विभाग में स्थायित्व प्रदान करे सरकार

bhopalभोपाल. अतिथि षिक्षक प्रदेष भर में विभिन्न मॉगो को लेकर मुख्यमंत्री,षिक्षा मंत्री,राज्य षिक्षा मंत्री एवं प्रमुख सचिव स्कूल षिक्षा विभाग के नाम 1 जून 2015 से लेकर 15 जून 2015 तक ब्लॉक,तहसील जिला स्तर पर ज्ञापन सौपेगे। प्रवक्ता आषीष जेन ने वताया कि प्रदेष में अतिथि षिक्षक विगत 8 वर्षो से निरंतर षोषित है। यद्यपि अतिथि षिक्षको के हित में संविदा षिक्षक पात्रता परीक्षा 2015 में वोनस अंको का लाभ दिये जाने का प्रावधान सेद्धान्तिक रूप से राजस्थान में विधार्थी मित्र एवं उत्तरप्रदेष में षिक्षा मित्रो की तुलना में बेहतर नही है। साथ ही अतिथि षिक्षक प्रदेष सरकार के दिये जा रहे वोनस अंको से संतुष्ठ नही है। अतिथि षिक्षको ने संविदा षिक्षक पात्रता परीक्षा 2015 के पहले षिक्षा विभाग में स्थायित्व प्रदान करने की माग की है। साथ ही डी.एड/बी.एड. प्रषिक्षित अतिथि षिक्षको को प्राथमिकता से अनुभव के आधार पर अध्यापक वनाने, अप्रषिक्षित अतिथि षिक्षको को अनुभव के आधार पर संविदा षाला षिक्षक वनाकर प्रषिक्षित होने के उपरांत अध्यापक संवर्ग में संविलियन करने ,अतिथि षिक्षको को उनके किये गये कार्यानुभव को डी.एड/बी.एड. के समतुल्य मानने , अतिथि षिक्षको को आयुसीमा में 15 वर्ष की छूट प्रदान करने, अतिथि षिक्षको की सेवाये बारह माह लेने सहित छ सूत्रीय मॉगो को लेकर प्रदेष भर में ज्ञापन सौपकर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर षीघ्र निराकरण करने की मॉग सरकार से करेगें। अतिथि षिक्षको ने सभी मॉगे जायज वताते हुये कहा कि इन्हे पूर्ण करने में सरकार भोतिक व व्यवहारिक रूप से सक्षम है। सभी मॉगे गुरूजी व अनुदेषको की भॉति है। तथा इन्हे पूर्ण करने में अलग से कोई गाइड लाइन की जरूरत नही है।

प्रमुख मॉगे –
1. अतिथि षिक्षको को संविदा षिक्षक पात्रता परीक्षा 2015 के पहले षिक्षा विभाग में
स्थायित्व प्रदान किया जाये।
2. डी.एड/बी.एड. प्रषिक्षित अतिथि षिक्षको को प्राथमिकता से अनुभव के आधार पर
अध्यापक वनाया जायें। बिना किसी परीक्षा के।
2. अप्रषिक्षित अतिथि षिक्षको को अनुभव के आधार पर संविदा षाला षिक्षक वनाया
जायें तथा प्रषिक्षित होने के उपरांत अध्यापक संवर्ग में संविलियन किया जाये।
4. अतिथि षिक्षको को उनके किये गये कार्यानुभव को डी.एड/बी.एड. के समतुल्य
माना जाये।
5. अतिथि षिक्षको को आयुसीमा में 15 वर्ष की छूट प्रदान की जाये।
6. अतिथि षिक्षको की सेवाये बारह माह ली जाये , उनके पद को रिक्त न माना
जाये।

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