मिशन इंद्रधनुष में मीडिया की अहम भूमिका: किदवई

vidishaविदिशा/ राष्‍ट्रीय ग्रामीण स्‍वास्‍थ्‍य मिशन के मध्‍यप्रदेश के मिशन संचालक फैज अहमद किदवई ने कहा है कि बच्‍चों और गर्भवती माताओं के टीकाकरण के विशेष अभियान मिशन इंद्रधनुष को आगे बढ़ाने में मी‍डिया की महत्‍वपूर्ण भूमिका है। टीका लगने बाद होने वाली दुर्भाग्‍यपूर्ण घटनाओं को लेकर अफवाहों को रोकने और लोगों को सचाई बताने में मीडिया अहम रोल निभा सकता है।
श्री अहमद शुक्रवार को विदिशा में मिशन इंद्रधनुष के 7 जुलाई से शुरू होने वाले चौथे चरण से पूर्व मीडिया जागरूकता कार्यशाला में बोल रहे थे। उन्‍होंने कहा कि बच्‍चों को गंभीर और जानलेवा बीमारियों से बचाने के लिए संपूर्ण टीकाकरण का जो अभियान स्‍वास्‍थ्‍य विभाग चला रहा है उसमें जागरूकता बहुत महत्‍वपूर्ण बिंदु है। जागरूकता के अभाव में बड़ी संख्‍या में बच्‍चे टीकाकरण से वंचित रह जाते हैं।
टीका लगने के बाद थोड़ी बहुत सूजन आना या बच्‍चे को बुखार आना सामान्‍य बात है और इसका अर्थ है कि टीका असर कर रहा है। लेकिन लोग इससे घबरा जाते हैं और टीका नहीं लगवाते। ऐसे ही कभी कभार टीके से तो नहीं लेकिन टीका लगने के बाद किसी अन्‍य कारण के चलते यदि बच्‍चे की मृत्‍यु हो जाती है तो उसे टीके से मौत नहीं कहा जा सकता। यदि ऐसी घटनाएं टीके से मौत के रूप में मीडिया में आती हैं तो पूरे अभियान को नुकसान पहुंचता है। श्री किदवई ने मीडिया से अपील‍की कि वह ऐसी घटनाओं की पूरी जानकारी लेकर, बहुत सावधानी से उसकी रिपोर्टिंग करें।
श्री किदवई ने बताया कि मिशन इंद्रधनुष टीके वंचित रह गए बच्‍चों के लिए एक विशेष अभियान है लेकिन इसके बाद भी पूर्ण टीकाकरण का लक्ष्‍य पाने के लिए सामान्‍य सत्र जारी रहेंगे। यह बात ध्‍यान में आई है कि लक्ष्‍य की तुलना में टीकाकरण के सत्र कम हो रहे हैं, अब इनकी संख्‍या भी बढ़ाई जाएगी। उन्‍होंने बताया कि लक्ष्‍य पूर्ण करने वाले विकासखंडों में एक पुरस्‍कार योजना भी चलाई जाएगी। इसके तहत प्रत्‍येक विकास खंड में एक साल की उम्र तक पूर्ण टीकाकरण वाले बच्‍चों की लॉटरी निकालकर पांच बच्‍चों को एक एक हजार रुपए का पुरस्‍कार दिया जाएगा।
स्‍वास्‍थ्‍य विभाग की भोपाल संभाग संयुक्‍त संचालक डॉ. किरन शेजवार ने बताया कि 7 अप्रैल 2015 से अब तक मिशन इंद्रधनुष के तीन चरण हो चुके हैं। इन चरणों में 46717 सत्रों में 2 लाख 97 हजार 469 बच्‍चों और 91 हजार 272 गर्भवती माताओं का टीकाकरण किया गया। इसमें से विदिशा जिले में 3387 सत्र हुए और यहां 22642 बच्‍चों और 7557 गर्भवती माताओं का टीकाकरण किया गया।
यूनीसेफ की स्‍वास्‍थ्‍य विशेषज्ञ डॉ. वंदना भाटिया, विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के सब रीजनल टीम लीडर डॉ. ओ.पी. तिवारी, यूएनडीपी के डॉ. पंकज सोमानी ने भी संबोधित किया।
डॉ. वंदना भाटिया ने कहा कि टीकाकरण हर बच्‍चे का अधिकार है। उन्‍होंने मिशन इंद्रधनुष की सफलता को लेकर यूनीसेफ और अन्‍य संस्‍थाओं द्वारा निभाई जा रही भूमिका पर प्रकाश डाला।
डॉ. तिवारी ने विदिशा जिले के नटेरन क्षेत्र का हवाला देते हुए कहा कि मिशन इंद्रधनुष के तीसरे चरण में वहां 2100 ऐसे बच्‍चों के टीकाकरण में सफलता मिली जिन्‍हें कोई भी टीका नहीं लगा था।
वरिष्‍ठ पत्रकार गिरीश उपाध्‍याय ने कहा कि टीकाकरण जैसे अभियानों में समाज के अन्‍य अंगों की तरह मीडिया की भी महत्‍वपूर्ण जिम्‍मेदारी है। ऐसे मामलों में स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के अधिकारियों और मैदानी अमले का मीडिया के साथ बेहतर समन्‍वय आवश्‍यक है। मीडिया को यदि विश्‍वास में लेकर सही जानकारी दी जाए तो ऐसे अभियानों को ठेस पहुंचने से रोका जा सकता है।
यूनीसेफ मध्‍यप्रदेश के कम्‍युनिकेशन विशेषज्ञ अनिल गुलाटी ने बताया कि मीडिया किस प्रकार मिशन इंद्रधनुष जैसे विशेष अभियानों के अलावा नियमित टीकाकरण अभियान में कैसे सहयोग कर सकता है।
कार्यशाला को विदिशा के मुख्‍य स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारी डॉ. बी.एल.आर्य, सिविल सर्जन डॉ. मंजू जैन और जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. निर्मला तिवारी ने भी संबोधित किया।
मिशन इंद्रधनुष ऐसे बच्‍चों और गर्भवती माताओं के टीकाकरण का विशेष अभियान है जिन्‍हें या तो पूरे टीके नहीं लगे हैं या वे टीका लगने से वंचित रह गए हैं। विदिशा सहित मध्‍यप्रदेश के 15 जिलों में यह अभियान चलाया जा रहा है। इसका अंतिम चरण 7 जुलाई 2015 से शुरू हो रहा है।

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