डायमंड सीमेंट फैक्ट्री बंद होने की कगार पर

100_9880– बृजेश कुमार पाठक (राजा साहब) – बुंदेलखंड क्षेत्र के दमोह जिले की एक मात्र बड़ी इकाई मायसेम (डायमंड) सीमेंट्स नरसिंहगढ़ जिला दमोह (म.प्र.) जो एक मल्टीनेशनल कंपनी है व इस समय पानी की कमी से जूझ रही है, सन 1980 में लगभग 200 करोड़ की लगत से स्थापित की गई थी इस क्षेत्र के औद्योगिक विकास के तहत दिए गए विभिन्न आश्वासन के आधार पर हाइडलवर्ग सीमेंट्स ने करीब 1400 करोड रुपये का निवेश किया एवं विस्तारित योजना सन 2013 से उत्पादन शील हो गई थी, अब जब जिला प्रशासन ने कंपनी कि सोनार नदी से जल आपूर्ति जो कि मध्य प्रदेश शासन से अनुबन्ध के तहत कि जाती रही है उसे श्रीमान कलेक्टर महोदय दमोह द्वारा बिना पूर्व नोटिस दिए विवादित ढंग से बंद कर दिया है, फल स्वरुप यह इकाई कभी भी बंद हो सकती है जिसके कारण प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से कार्यरत लगभग 2400 लोग एवं उनके परिवार के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो जायेगा.
कंपनी से मध्य प्रदेश शासन के अनुबन्ध में क्या है-
मध्य प्रदेश शासन द्वारा मध्य प्रदेश में उद्योग को बढ़ने हेतु जलबलपुर (म.प्र.) में एक मीटिंग राखी गई थी जिसमे मायसेम (डायमंड) सीमेंट्स द्वारा एक एम औ यु.. हस्ताक्षर किया गया था जिसे प्रभावित हो कर फैक्ट्री द्वारा 1400 करोड़ कर्च कर एक नया प्लांट और लगया गया जिसने अपना उत्पादन सन 2013 में प्रारम्भ कर दिया गया
मध्य प्रदेश शासन द्वारा किये गए एम औ यु में क्या है –
(1) 8000 किलो लीटर पानी प्रति दिन फैक्ट्री चलने हेतु किसी भी प्राकृतिक स्रोत ले सकती है
(2) अनुबन्ध मध्य प्रदेश शासन द्वारा सन 2040 तक के लिए किया गया है
(3) फैक्ट्री द्वारा जिस भी प्राकृतिक स्रोत पानी लिया जायेगा उसका उसे साढ़े तीन लाख रूपये प्रति महा जल संसाधन विभाग दमोह में जमा करवाना पड़ेगा जो फैक्ट्री जमा कर रही है
(4) फैक्ट्री को पानी उपलब्ध करवाने की सम्पूर्ण जिमेदारी शासन की होगी
मायसेम (डायमंड) सीमेंट्स फैक्ट्री द्वारा अपने तरफ से क्या कर रही है-
(1) नदी से केवल 3000 किलो लीटर पानी फैक्ट्री हेतु ले रही है
(2) पानी के लिए फैक्ट्री द्वारा अपनी स्वयं की जमींन में हज़ार फिट गहर गड्ढे कर बरसात का पानी उसमे जमा कर उसे फैक्ट्री के कार्य में उपयोग कर रही है
(3) फैक्ट्री द्वारा पानी ग्राम नरसिंहगढ़ में जिसकी आवादी लगभाग 10-11 हज़ार है उसे निशुल्क पेय जल कंपनी द्वारा सालो से उपलब्ध कराया जाता रही है एवं फैक्ट्री में कार्यरत लगभग 2400 लोग एवं उनके परिवार को भी पानी निशुल्क उपलब्ध कराया जाता है
(4) जो भी फैक्ट्री व कॉलोनी से गन्दा पानी निकलता है उसे ग्राम नरसिंहगढ़ व फैक्ट्री के आस पास हज़ारो पडो को लगाने हेतु उपयोग किया जाता है
(5) फैक्ट्री अकसर दमोह जिले के सुंदरीकरण एवं कई योजनाओ में अपने तरफ से आर्थिक सहयोग करती रहती है
जिला प्रशासन द्वारा फैक्ट्री के साथ क्या किया गया-
(1) फैक्ट्री के लिए कभी भी पानी के लिए किसी भी प्राकृतिक स्रोत पर कभी ध्यान नही दिया गया
(2) बिना पूर्व सूचना दिए फैक्ट्री के नदी से पानी लेने का पंप सील कर दिया गया
मध्य प्रदेश शासन एवं जिला प्रशासन द्वारा फैक्ट्री के साथ क्या किया जाना चाहिए था-
(1) फैक्ट्री के पास से सुनार नदी निकली है जिसमे एक छोटा बांध बनाया जाना था जिसे फैक्ट्री को प्रयाप्त पानी मिल सकता था व नदी के आस पास के ग्राम वासिओ को भी प्रयाप्त पानी मिल सकता था जो नही किया गया
(2) इस बांध में फैक्ट्री भी पूर्ण सहयोग के लिए तैयार है
(3) फैक्ट्री के नदी से पानी लेने का पंप सील करने से पूर्व सूचना दी जानी थी जो नही दी गई
फैक्ट्री का मध्य प्रदेश शासन द्वारा सही ढंग से सहयोग नही किया जा रहा है, इसके पूर्व भी पानी की कमी से इस फैक्ट्री की एक यूनिट बंद हो गई है, एवं दमोह जिले के बटियागढ़ क्षेत्र में लगने वाली तीन बड़ी फैक्ट्री ने अपना हाथ जिला प्रशासन द्वारा सहयोग न करने से ही इस जिले से खींच लिया है, दमोह जिले में राजनीतिक दबाओ एवं भ्रष्टाचारी हमेशा हावी रही है जिस कारण उपरोक्त फैक्ट्री बंद होने की कगार पर है एवं इसका असर माननीय प्रधानमंत्री के “मेक इन इंडिया” प्रोग्राम पर भी पड़ सकता है.

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