समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो मुलायम सिंह ने साफ कर दिया है कि तीसरा मोर्चा अभी नहीं बनेगा। उन्होंने कहा कि इसकी कवायद लोकसभा चुनाव के बाद होगी। अपते पत्ते खुले रखने और उसे संख्याबल के आधार पर मनमाफिक चलने का संकेत देते हुए मुलायम ने कहा कि समान विचार वाली पार्टियों के साथ बेहतर तालमेल बनाया जाएगा, पर एसपी चुनाव अपने बूते लड़ेगी।
कोलकाता में राष्ट्रीय कार्यकारिणी के दूसरे दिन मुलायम ने ममता बनर्जी की नाराजगी दूर करने की भी कोशिश की। यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ममता से मुलाकात भी की। गौरतलब है कि राष्ट्रपति चुनाव से पहले ममता बनर्जी का साथ छोड़कर मुलायम कांग्रेस के पाले में चले गए थे। उन्होंने कहा कि ममता मेरी छोटी बहन की तरह हैं और उनसे कभी कड़वाहट नहीं रही। केंद्र में सत्ताधारी कांग्रेस और बीजेपी को दुविधाग्रस्त व असफल करार देते हुए मुलायम ने कहा कि समाजवादी पार्टी पर जनता को यकीन है।
यूपीए सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि उसकी नीतियों के चलते महंगाई, गरीबी और बेरोजगारी बढ़ रही है। हमने कांग्रेस को समर्थन केवल सांप्रदायिकता के विरोध में दिया है। मुलायम ने कहा कि देश में डीजल के दाम नहीं बढ़ने चाहिए इससे किसानों की परेशानी बढ़ जाएगी। उन्होंने कहा कि किसान और मुस्लिम इस देश में सबसे ज्यादा दुखी हैं। एसपी सुप्रीमो ने कहा कि अगर तेल के दाम बढ़ाए गए तो उनकी पार्टी विरोध करेगी।
प्रियंका के रायबरेली से चुनाव लड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि अगर ऐसा हुआ तो समाजवादी पार्टी वहां से उम्मीदवार नहीं उतारेगी।
दरअसल, उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के भारी बहुमत से जीतने के बाद अब मुलायम तीसरा मोर्चा के जरिए खुद प्रधानमंत्री बनने का सपना देख रहे हैं। लेकिन चुनाव से पहले इस गठबंधन को वह एक रणनीति के तहत आकार नहीं देना चाह रहे हैं। एक बार चुनाव हो जाएं और सारी पार्टियों के नबंर्स जब सामने होंगे तो मुलायम को वैसे दोस्त चुनने में आसानी होगी जो उन्हें 7 रेसकोर्स रोड के करीब पहुंचा सके।
मुलायम ने कार्यकारिणी में कहा भी कि 2014 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी अधिक से अधिक सीटों पर जीतती है, तो दिल्ली में भी उसके नेतृत्व में सरकार बनेगी। ऐसे में वह लेफ्ट या तृणमूल कांग्रेस दोनों विकल्प खुला रखना चाहते हैं ताकि जिसके पास ज्यादा सांसद हों उससे चुनाव बाद पींगे बढ़ाई जा सके।
इससे पहले दिन में एसपी की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक के पहले दिन महासचिव मोहन सिंह ने तीसरे मोर्चे के बारे में कहा कि तृणमूल कांग्रेस महत्वपूर्ण क्षेत्रीय पार्टी है। जब हम अन्य दलों से बात करेंगे तो तृणमूल से भी बात करनी हमारी बाध्यता होगी। उन्होंने कहा कि लेकिन समस्या यह है कि हमारे लेफ्ट पार्टियों से पारम्परिक संबंध रहे हैं। बुरे दिनों में हमें हरकिशन सिंह सुरजीत और ज्योति बसु का साथ मिला।