दीक्षा और बुराई त्यागने के लिए शुभ मुहुर्त आवश्यक नहीं

WhatsApp-Image-20160520 (1)विदिशा में आयोजित ज्ञानानंद महोत्सव के अवसर पर आध्यात्मिक संगोष्ठी के द्वितीय सत्र की अध्यक्षता श्री अशोक जैन जबलपुर , मुख्य अतिथि श्री शिरीष लाखानी बड़ोदा,विशिष्ट अतिथि श्री बज्रसेन जैन दिल्ली , तथा जिनेन्द्र जी खतोली द्वारा की गई। गोष्ठी के प्रमुख वक्ता श्री ए.डी.शर्मा विभागाध्यक्ष दर्शन विभाग सागर थे। उन्होंने निमित्त , उपादान विषय पर व्याख्यान दिया। इस अवसर पर श्री प्रमोद जैन ,सागर, नरेश जी नागपुर , मनोज बघेला सागर भी उपस्थित रहे। प्रवक्ता डां. एमएल जैन ने बताया कि ज्ञानांनद महोत्सव के विशेष सम्मान समारोह में दो आईएएस चयनित छात्र श्री प्रमयेष बासल व श्री अगम जैन को सम्मानित किया गया।
शिविर के प्रेरणा स्त्रोत बाल ब्रं. सुमत प्रकाश जी भैया ने अपने भावनात्मक प्रवचन में कहा कि कार्य को समय सापेक्ष देखना काललब्धि कहलाती है, अज्ञान से जगत ठगाया जाता है, अभी तुम्हारा समय ठीक नहीं है, ठीक करना है तो वास्तु दोष ,काल दोष, गण्डा तावीज, नीबू र्मिच टंागना , काला टीका लगाना, इस प्रकाश के अंध विश्वास का बाजार सदा कायम रहता हे। वास्तु के नाम पर धनी लोगों को टारगेट क्यों किया जाता हैï? गरीब भिखारियों के भविष्य सुधारने की बाते क्यों नहीं मिलती , जलते हुए घर से निकलने के लिए कोई शुभ मुहुर्त नहीं निकालते ,चौघडिय़ों की जरूरत नहीं होती, डूबते आदमी को बचाने के लिए मुहुर्त की आवश्यकता नहीं होती, उसी तरह दीक्षा लेने ,बुराई त्यागने के लिए शुभ मुहुर्त नहीं। इच्छा शक्ति ,पवित्र ज्ञान, एवं परिणाम की आवश्यकता है।
अपने में अपनापन ही सम्यक दर्शन है: डां. भारिल्ल
विघावारिधि पं. हुकु चंद जी भारिल्ल ने कहा कि अपने में अपनापन ही सम्यक दर्शन है, अपने में अपनापन, पराए में पराया पन , को जानना, समझना ही सम्यक दर्शन है। जो मन मंदिर में उनका सातिशय पुण्य वंध होता है, और जो तन मंदिर में देव है, वह शिव मंदिर पहुंचाने में सहायक है। उन्होंने अपनी महानतम , कृति वैराग्य में भगवान नेमिनाथ की दिव्य ध्वनि में निहित वारह भावना का अर्थ बताया जिसमें उपस्थित जन समुदाय की हृदय तंत्री को आल्हादित कर धर्म के मर्म को समझाकर हृदय में धारण किया।
ज्ञानांनद महोत्सव के तहत 25 मई कों संकल्प दिवस कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री महेन्द्र कुमार, श्री राहुल जी गंगवाल जयपुर, मुख्य अतिथि की श्री अजित जैन दिल्ली, विशिष्ट अतिथि श्री अजित जैन लखनऊ होगें। रात्रि में आरोन मुमुक्षु मंडल द्वारा मुक्ति का स्वयंवर , लघुनाटिका मंचन होगा, आज दोनों समय का भोजन जबलपुर मुमुक्षु मंडल द्वारा प्रदान किया गया।

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