आचार्यश्री विद्यासागरजी के दर्षन कर अभिभूत श्रीहरि वृद्धाश्रम के वृद्धजन

आचार्यश्री ने यथासमय वृद्धाश्रम पधारने की कृपालु स्वीकृति भी प्रदान की
1विदिषा 05 अक्टूबर 2016/स्थानीय श्रीहरि वृद्धाश्रम के सभी बुजुर्गो को राजधानी भोपाल में संत षिरोमणि आचार्यश्री विद्यासागरजी महाराज ने धर्मसभा में आसंदी पर विराजमान होकर व्यक्तिगत रूप से दर्षन दिए और सभी बुजुर्गों के कल्याण की कामना करते हुए वृद्धाश्रम को भी अपने आषीष से धन्य एवं कृतार्थ किया।
जैन ब्रह्मचारिणी हेमा दीदी की प्रेरणा से सकल दिगम्बर जैन समाज द्वारा अनेक निजी वाहनों से श्रीहरि वृद्धाश्रम के सभी बुजुर्गों की इच्छापूर्ण करने हेतु भोपाल ले जाया गया। उनके साथ वृद्धाश्रम संचालन समिति की अध्यक्ष श्रीमती इन्दिरा शर्मा, सदस्य वेदप्रकाष शर्मा भी पहुंचे, जहां धर्मसभा के मंच से ब्रह्मचारिणी हेमा दीदी ने विदिषा में वृद्धाश्रम के माध्यम से हो रही पीड़ित मानवता की सेवा के बारे में संतो सहित श्रद्धालुओं को भी विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर सभी वृद्धजनों को आचार्यश्री विद्यासागरजी महाराज ने सिंहासन के निकट बुलाकर दर्षन दिए। वृद्धजनों ने भी भावविभोर होकर उनके चरण स्पर्ष भी किए और वृद्धजन उनके सानिध्य में भाव-विभोर होकर रो पड़े।
इस अवसर पर सभी वृद्धजन अपने आपको सौभाग्यषाली मानते हुए अपने दुखों को भूल गए और एक टक सन्त षिरोमणि आचार्यश्री विद्यासागर महाराज को मुनिसंघ सहित अपने निकट पाकर उनकी प्रसन्नचित्त मुद्रा को निहारते रहे। आचार्यश्री को यह जानकर प्रसन्नता हुई कि विदिषा के श्रीहरि वृद्धाश्रम में पार्ष्वनाथ जिनालय के सहयोग एवं पंडित श्री महेन्द्र जैन के सराहनीय प्रयासों से मुनिश्री अजीत सागरजी, मुनिश्री प्रषांत सागरजी एवं मुनिश्री निर्वेक सागरजी की प्रेरणा से उत्तम आधुनिक रसोई घर का निर्माण कराया जा रहा है, जिसका लोकार्पण आगामी 16 अक्टूबर को होगा।
वृद्धाश्रम की संचालक श्रीमती इन्दिरा शर्मा के विनम्र आत्मीय आग्रह को स्वीकारते हुए आचार्यश्री विद्यासागरजी ने समय आने पर वृद्धाश्रम पधारने की कृपालु स्वीकृति मुक्त कंठ से प्रदान की। इस अवसर पर विदिषा को गौरवान्वित करने वाले मुनिराजश्री शीतल सागरजी (रिषी भैया) ने अपने संत निवास में बुजुर्गों की कक्षा लेकर वृद्धावस्था में सुख से जीने के उपाय बताते हुए कहा कि यदि आलोचना, असंतुष्टि, क्रोध पर नियंत्रण रखा जाए तो वृद्धावस्था का अन्तिम चरण आसानी से पार किया जा सकता है।
वेदप्रकाष शर्मा
मोबा. 94256-37506

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