टीचरों ने फिर किया नीतीश का विरोध, काले झंडे दिखाए

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अधिकार यात्रा के दौरान कॉन्ट्रैक्ट टीचर उनके विरोध का सिलसिला जारी रखे हुए हैं। बेगूसराय में टीचरों ने नीतीश के काफिले को काले झंडे दिखाए और उसके बाद सभा स्थल पर पहुंचकर भी विरोध जताया। टीवी चैनलों के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों ने मंच की ओर अंडे और कुर्सियां फेंकीं।

नियमित किए जाने की मांग कर रहे कॉन्ट्रैक्ट टीचरों का कहना है कि वे नियमित शिक्षकों के बराबर ही काम करते है, जबकि उनका वेतन महज 4 से 5 हजार रुपये है। खास बात यह है कि नीतीश का विरोध अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एवीबीपी) के कार्यकर्ता भी कर रहे हैं। एवीबीपी बीजेपी की छात्र इकाई मानी जाती है।

नीतीश के विरोध का दौर रविवार को मधुबनी में कॉन्ट्रैक्ट टीचरों द्वारा चप्पलें दिखाए जाने के साथ शुरू हुआ था। इसके बाद से नीतीश अधिकार यात्रा के तहत जहां भी जा रहे हैं, उन्हों ऐसे ही प्रदर्शनों का सामना करना पड़ रहा है। बुधवार को कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविदयालय, दरभंगा मैदान में नीतीश की सभा के दौरान टीचरों ने समान काम के लिए समान वेतन की मांग को लेकर नारेबाजी की और हाथ में पोस्टर बैनर लेकर प्रदर्शन किया। मुख्यमंत्री के भाषण के दौरान एक टीचर ने हाथ में चप्पल लेकर विरोध जताया।

टीचरों के प्रदर्शन के दौरान नीतीश भी अपना आपा खो बैठे और उन्हें जमकर फटकार लगाई। उन्होंने कहा, ‘आप लोग (टीचर) चिल्लाते रहिए। आप लोगों की आगे से कोई बात नहीं सुनी जाएगी। आप लोग पटना में किससे गाइड हो रहे हैं, सब पता है। यह प्रदर्शन बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने से भटकाने की कोशिश है।’

जगह-जगह प्रदर्शन और हंगामे से नाराज नीतीश कुमार ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा, ‘यह सरासर अनुशासनहीनता है। शिक्षकों से उदंडता और अनुशासनहीनता की आशा नहीं की जाती।’ उन्होंने साफ कहा कि ड्यूटी से गायब रहकर ऐसी अनुशासनहीनता अब भारी पड़ेगी। सरकार ऐसे लोगों की मांगों को मानना तो दूर, इस पर विचार तक नहीं करेगी। नीतीश ने कहा कि यह नियोजन इकाइयों का दायित्व है कि वे शिक्षकों की उपस्थिति और उनकी गतिविधि पर नजर रखें।

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