अवंतिबाई लोधी की जयंती पर घोषित हो अवकाश

ब्रह्मानंद राजपूत
ब्रह्मानंद राजपूत
आगरा। अखिल भारतीय लोधी राजपूत टेलीफोन डायरेक्टरी की तरफ से देह्तोरा की वीरांगना अवंतिबाई पार्क में 20 मार्च 2017 दिन सोमवार वीरांगना महारानी अवंतिबाई के 159वें बलिदान दिवस के अवसर पर वीरांगना महारानी अवंतिबाई लोधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें अपने श्रद्धासुमन अर्पित किये।
इस अवसर पर अखिल भारतीय लोधी राजपूत टेलीफोन डायरेक्टरी के सम्पादक मानसिंह राजपूत एडवोकेट ने कहा कि रानी अवंतीबाई भारत की प्रथम स्वाधीनता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली वीरांगना थी। रानी अवंतीबाई ने परतंत्र की बेडियो में जकडे रहने से अच्छा रणभूमि में आजादी की मौत मरना स्वीकार किया। उन्होंने अंग्रेजो के खिलाफ हथियार उठाकर अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए युद्ध किया। देश की आजादी के लिए प्राण देने वाली वीरांगना महारानी अवंतबाई का बलिदान सदैव याद रहेगा। उनके त्याग व बलिदान से सभी को प्रेरणा लेनी चाहिए।
अखिल भारतीय लोधी राजपूत टेलीफोन डायरेक्टरी के उपसंपादक ब्रहमानंद राजपूत ने कहा कि महारानी वीरांगना अवंतीबाई ने देश को आजादी दिलाने के लिए अपने प्राणों की कुर्बानी दी थी। इसलिए आज उन्हें वीरांगना के नाम से जाना जाता है। वे लोधी समाज की गौरव हैं इसलिए हमें उनको इसी तरह याद करना चाहिए। उन्होंने कहा कि महारानी ने अपने राज्य तथा देश की रक्षा के लिए तलवार उठाई थी। उनके जीते जी कोई भी दुश्मन उनके राज्य की सीमा में प्रवेश नहीं कर पाया। यह लोधी समाज के लिए गौरव की बात है। हमें भी उन्हीं के आदर्शों पर चलकर देश तथा समाज की रक्षा करनी चाहिए। इसके साथ ही ब्रहमानंद राजपूत ने कहा की 1857 में लोधी समाज की एक वीरांगना ने अग्रेजी साम्राज्य की चूले हिला दी थी। आज जरूरत है लोधी समाज की लोह महिलाओं के सशक्तिकरण की और शिक्षा के संचार की जिससे की लोधी समाज की महिलाए राष्ट्रीय और विश्व पटल पर अधिक से अधिक हर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज करा सके। रानी अवंतीबाई देश को मुक्ति दिलाने के संग्राम की ऐसी शहीद हैं जिन्हें आजादी के बाद उतना महत्व नहीं मिला जितना मिलना चाहिये था। आप इसे पिछडे वर्ग के खिलाफ इतिहासकारों की साजिश कह सकते हैं। वीरांगना अवंतिबाई लोधी का योगदान भी उतना ही है जितना 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में वीरांगना झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई का था। डायरेक्टरी के उपसंपादक ब्रहमानंद राजपूत ने यूपी के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से यूपी बोर्ड की इतिहास की पुस्तकों में वीरांगना महारानी अवंतिबाई लोधी का इतिहास शामिल करने की मांग सहित अवंतिबाई लोधी की जयंती 16 अगस्त को सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की मांग की।
इसके साथ ही ब्रज लेजर के डायरेक्टर अरब सिंह बॉस ने कहा कि वीरांगना अवंतीबाई ने अंग्रेजी हुकूमत से लोहा लिया था। एक महिला होने के बाद भी उन्होंने संघर्ष के मामले में पुरुषों को पीछे छोड़ दिया। जिस समाज में उनकी जैसी महिला ने जन्म लिया हो तो भला वह समाज पीछे कैसे रह सकता है। बस उनके बताए रास्ते पर चलने की जरूरत है। इसके साथ ही उन्होंने वीरांगना रानी अवंती बाई को केवल लोधी समाज और मध्यप्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे राष्ट्र की प्रेरणा-स्त्रोत बताया।
इस अवसर पर ब्रहमानन्द राजपूत, पवन लोधी, प्रभावसिंह, दुष्यंत लोधी, धारा राजपूत, विष्णु लोधी, मोरध्वज लोधी, दीपक लोधी, लोकेन्द्र लोधी, नीतेश राजपूत, मुकेश, दिनेश, भूरीसिंह, जीतेन्द्र लोधी, राजवीर सिंह, सहित समाज के प्रमुख गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे और महिलाओं की भी भागीदारी रही।

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