भ्रष्टाचार के खिलाफ देशभर में करेंगे आंदोलन

भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग के लिए अपनी नई रणनीति बनाने रविवार को नई दिल्ली पहुंचे समाजसेवी अन्ना हजारे ने इसके लिए राजनीति का हाथ थामने के निर्णय को गलत करार दिया है। उन्होंने कहा कि वह डेढ़ वर्ष तक पूरे देश का दौरा करेंगे और इस जनआंदोलन को गांव-गांव तक पहुंचाएंगे। अन्ना अक्टूबर-नवंबर में पटना के उसी गांधी मैदान से देश की यात्रा शुरू करने की योजना बना रहे हैं, जहां से जेपी ने अपना आंदोलन शुरू किया था।

अरविंद केजरीवाल से अलग होने के बाद रविवार को पहली बार दिल्ली पहुंचे अन्ना हजारे ने कहा कि देश में एक बड़े आदोलन की जरूरत है। उन्होंने देश में परिवर्तन लाने के लिए राजनीति की राह पर चलने के फैसले को गलत बताते हुए कहा कि इसके लिए देशभर में आदोलन करना होगा। उन्होंने देश से भ्रष्टाचार मिटाने के लिए राजनीति में आने को नापाक रास्ता बताया। उन्होंने कहा कि वह इस आदोलन को जनआदोलन बनाने के लिए मैं देश में डेढ़ साल तक घूमेंगे और इसे गांव-गांव तक लेकर जाएंगे।

रणनीति बनाने को दिल्ली पहुंचे अन्ना दो दिन दिल्ली में सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटेकर, रिटायर्ड आईएस, आईपीएस अधिकारियों से मुलाकात करेंगे। पुणे से दिल्ली रवाना होने से पहले अन्ना ने कहा कि वो लोकपाल के लिए अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। हजारे ने अपने ब्लॉग पर अलगाव के लिए केजरीवाल के नेतृत्व वाले पार्टी समर्थक समूह पर आरोप लगाया था जिसके बाद उनकी बैठक हो रही है। सूत्रों ने कहा कि बैठक में कार्यकर्ता मेधा पाटेकर, डॉ. सुनीलम एवं अन्य हिस्सा ले सकते हैं। हजारे ने शनिवार को अपने ब्लॉग में कहा था ‘राजनीति ने भ्रष्टाचार विरोधी आदोलन को बाट’ दिया और पार्टी समर्थक समूह उनकी इच्छा के खिलाफ गए।

इससे पूर्व शनिवार रात पुणे में एक गणेश महोत्सव पंडाल में पहुंचे अन्ना ने आगे से अनशन न करने की रणनीति का जिक्र करते हुए कहा कि अब वह न तो अनशन करेंगे न ही याचना करेंगे बल्कि अब केवल वह रण करेंगे। साथ ही कहा कि वह संसद में अच्छे लोगों को भेजने के लिए काम करते रहेंगे। उन्होंने देश के युवाओं में विश्वास व्यक्त करते हुए उनसे देश के भविष्य के प्रति निराशावादी न होने की अपील की। उनके मुताबिक देशभर से तमाम लोग उनसे संपर्क कर रहे हैं। इनमें कई राज्यों के सेवानिवृत पुलिस महानिदेशक, आइएएस अधिकारी और सेना के पूर्व ब्रिगेडियर इत्यादि शामिल हैं। वह यह भी मानते हैं कि भ्रष्टाचार के विरुद्ध जनजागृति का काम रालेगणसिद्धि में बैठकर नहीं किया जा सकता। इसलिए वह जल्दी ही दिल्ली में एक कार्यालय खोलने की योजना भी बना रहे हैं। उनका कहना है कि उन्हें इसके लिए किसी उद्योग घराने या विदेशी पैसे की जरूरत नहीं है। जनता द्वारा दिए गए 5-10 रुपयों से ही उनका काम चल जाएगा। इससे पहले उन्होंने अपने ब्लॉग पर लिखा कि उनकी टीम को तोड़ने का जो काम सरकार बहुत प्रयास करके भी दो साल में नहीं कर पाई, राजनीति का रास्ता अपनाने से वह काम अपने आप हो गया। अन्ना का यह भी मानना है कि उनकी टीम में फूट नहीं पड़ती तो सरकार को 2014 के आम चुनाव से पहले लोकपाल बिल संसद में पास करवाना ही पड़ता।

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