Jio का टैलीकॉम कंपनियों पर निशाना, अपनी समस्याओं के लिए वे च्खुदज् हैं जिम्मेदार

jioनयी दिल्ली, १२ जून :भाषा: मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली रिलायंस जियो ने उन टैलीकॉम कंपनियों पर निशाना साधा है, जो उसके च्फ्री ऑफर्सज् को अपनी फाइनैंशियल दिक्कतों की वजह बता रही हैं। जियो ने कहा कि टैलीकॉम कंपनियां नई टैक्नोलॉजी में इन्वेस्ट नहीं कर रही हैं और अपनी बैलेंसशीट को मजबूत करने के बजाय अपनी समस्याओं के लिए जियो को जिम्मेदार ठहरा रही हैं।
रिलायंस जियो ने सोमवार को इंटरमिनिस्ट्रीयल ग्रुप (आईएमजी) के साथ मुलाकात के दौरान कहा कि ऑपरेटर्स को स्टेक सेल के द्वारा फंड जुटाने या आंतरिक स्रोतों से नई टैक्नोलॉजी में इन्वेस्ट करने की जरूरत है। जियो के एक अधिकारी ने कहा, च्ऑपरेटर्स (जियो को छोड़कर) को १.२५ लाख करोड़ रुपए के इन्वेस्ट, कर्ज चुकाने और नई टैक्नोलॉजी में निवेश करने की जरूरत है, क्योंकि डाटा में ग्रोथ हो रही है और वे स्टेक सेल करके ऐसा कर सकते हैं।ज्
टैलीकॉम सेक्टर को हो रहीं फाइनैंशियल दिक्कतों के समाधान के लिए आईएमजी के साथ ऑपरेटर्स की कंसल्टेशन मीटिंग आज शुरू हुई। टैलीकॉम कंपनियां फिलहाल ४.६० लाख करोड़ रुपए के कर्ज के बोझ से दबी हुई हैं और जियो की एंट्री के बाद कॉम्पिटीशन बढ़ने से उनसे रेवेन्यू और प्रॉफिटेबिलिटी पर प्रेशर बना हुआ है।

जियो ने तीन बड़ी दूरसंचार कंपिनयों पर साठगांठ का आरोप लगाया, कहा उद्योग का मार्जनि बेहतर
नयी दिल्ली, १२ जून :भाषा: मुकेश अंबानी की स्वामित्व वाली रिलायंस जियो ने आज जोर देकर कहा कि दूरसंचार क्षेत्र में मार्जनि ेबेहतरे बनी हुई है। हालांकि उसने तीन बड़ी दूरसंचार कंपनियों को साठगांठ का आरोप लगाया।
अंतर-मंत्रालयी समूह के समक्ष अपनी बातें रखते हुए जियो ने छोटी कंपनियों की विाीय समस्याओं के लिये एयरटेल, वोडाफोन तथा आइडिया जैसी पुरानी कंपनियों के कदम को जिम्मेदार ठहराया।
जियो ने दावा किया, ये तीनों कंपनियां साठगांठ कर रही हैं और छोटी कंपनियों की समस्याओं को दिखाकर राहत की मांग कर रही हैं। कंपनी ने क्षेत्र की स्थिति के लिये उद्योग संगठन सीओएआई को जिम्मेदार ठहराया और आरोप लगाया मौजूदा दबाव के लिये कई साल से सीओएआई की गैर-प्रतिस्पर्धी कार्रवाई को समान रूप से जिम्मेदार ठहराया। जियो ने आगे कहा कि मौजूदा दूरसंचार कंपनियां प्रौद्योगिकी में निवेश नहीं कर रही और इसके बजाए क्षेत्र की समस्याओं के लिये नई कंपनी को जिम्मेदार ठहरा रही हैं।
कंपनी के अनुसार, पुरानी कंपनियों ने नई कंपनियों को क्षेत्र में आने से रोकने की कोशिश करती रही हैं और नई प्रौद्योगिकी पेश करने से रोकती रही हैं। अब वे दूसरे पर आरोप लगा रही हैं तथा राहत की मांग कर रही हैं। दिलचस्प है कि जियो ने स्पेक्टम के भुगतान के लिये जो समयसीमा आगे बढ़ायी गयी है, उसकी जगह तत्काल भुगतान की वकालत की है। वहीं दूसरी तरफ अन्य कंपनियां स्पेक्टम की मियाद के अनुसार भुगतान का समय बढ़ाकर २० साल करने की मांग कर रही हैं।

रिलायंस इंडस्टीज की कंपनी ने यह भी कहा कि दूरसंचार कंपिनयां नई प्रौद्योगिकी में निवेश नहीं कर रही और उनकी विाीय कठिनाइयों का एक बहुत बड़ा कारण यही है।

error: Content is protected !!