जब धर्म पर संकट आए, मंत्रों की रचना हुई – डॉ. पुष्पेन्द्र

Photo (3)पूना 7 जुलाई 2017।
पूना शहर के कात्रज स्थित ‘आनंद दरबार’ मे चातुर्मास प्रारम्भ के एक दिवस पूर्व शुक्रवार 7 जुलाई 2017 को सामूहिक रुप से श्रावक व श्राविकाओं ने सजोड़े पैंसठिया छंद महाजाप संपन्न किया। श्रमण संघीय सलाहकार दिनेश मुनि के पावन सानिध्य में आयोजित हुए पैंसठिया छंद महाजाप में उसका महत्व बताते हुए श्रमण डॉ. पुष्पेन्द्र ने कहा कि जब जब धर्म व साधु – संयासीओं पर संकट आए, तब मंत्रों की रचना की गई। अहमदाबाद के दरियाखाना पीर दरगाह में आचार्य धर्मसिंह मुनि ने पैंसठिया छंद की रचना रात्रिकालीन की। पैंसठिया छंद में 24 तीर्थंकरों की स्तुति हैं। आधि – व्याधि, कष्ट निवारण, रोग निवारण व भौतिक – आध्यात्मिक सुखों की प्राप्ति के लिए श्रद्धालुजन पैंसठिया छंद की एकाग्रता पूर्वक तथा विधि पूर्वक जाप करें तो अवष्य फलदायी होता हैं।
महाजाप समारोह के प्रारम्भ में डॉ. द्वीपेन्द्र मुनि ने नवकार स्तुति गान कराया। उल्लेखनीय है कि शनिवार 8 जुलाई से चातुर्मास प्रारम्भ हो रहा है। इस अवसर पर चातुमार्सिक काल में अधिक से अधिक धर्मआराधना तप – जप करने के लिए श्रावक – श्राविकाओं को प्रेरित किया गया।
जैनत्व संस्कार दीक्षा 9 जुलाई को

श्रमण डॉ. पुष्पेन्द्र ने जानकारी देते हुए बताया कि रविवार 9 जुलाई (प्रात 9 बजे) को गुरु पूर्णिमा के अवसर पर ‘जैनत्व संस्कार दीक्षा’ का आयोजन किया जाएगा, पूना में प्रथम बार यह कार्यक्रम आयोजित हो रहा है जिसमें युवापीढी को जैनत्व के नियमों व सिद्धान्तों से परिचित करवाना और संस्कारों का बीजारोपण किया जाएगा।

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