झारखण्ड के हज़ारीबाग जिले में सीमा सुरक्षा बल के एक प्रशिक्षण केंद्र के पास हुए विस्फोट में तीन बच्चों के मारे जाने की ख़बर है.
यह बच्चे स्थानीय हैं जो प्रशिक्षण केंद्र के पास के गाँव के रहने वाले बताए जाते हैं.
पुलिस का कहना है कि सखिया गाँव के पास स्थित सीमा सुरक्षा बल के फायरिंग रेंज में रोज़ प्रशिक्षु जवान गोलियां चलाने का प्रशिक्षण करते हैं. निशानेबाजी के अलावा जवानों को हथगोला फेंकने का प्रशिक्षण भी दिया जाता है.
अधिकारियों का कहना है कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि सखिया के रहने वाले यह बच्चे फायरिंग रेंज के अंदर खेल रहे थे. तभी उनके हाथ एक पुराना हथगोला लग गया. यह हथगोला जिंदा था मगर बच्चों को पता नहीं चल पाया.
अधिकारियों का कहना है कि खेलने के दौरान हथगोला फट गया जिससे तीन बच्चों की मौत हो गई.
हज़ारीबाग के जिला प्रशासन और सीमा सुरक्षा बल दोनों ने मामले की अलग-अलग जांच शुरू कर दी है.
पुरानी शिकायत
हज़ारीबाग के मेरु में सीमा सुरक्षा बल के फायरिंग रेंज को लेकर पहले भी विवाद रहा है.
ऐसे कई मामले प्रकाश में आए जब जानवर चराने गए ग्रामीणों को प्रशिक्षण कर रहे जवानों की गोलियां लगीं.
स्थानीय ग्रामीणों ने सरकार से मांग करते रहे हैं कि प्रशिक्षण केंद्र को दूसरी जगह ले जाया जाए जहाँ आबादी नहीं है.
मगर सुरक्षा बल के अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने हमेशा प्रशिक्षण के दौरान सावधानी बरती है.
अधिकारियों का कहना है कि टारगेट प्रैक्टिस के दौरान भी लोगों को पहले से चेतावनी दे दी जाती है कि वे इस इलाके में प्रवेश न करें. इसके अलावा भी इलाक़े की नाकेबंदी कर दी जाती है.
मगर जानवर चराते चराते अक्सर ग्रामीण उस इलाके में प्रवेश कर जाते हैं जहाँ गोलियां चलाने का प्रशिक्षण चल रहा होता है.