रॉबर्ट वाड्रा को हरियाणा सरकार से ‘क्लीन चिट’

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा को जमीन विवाद मामले मे हरियाणा की कांग्रेस सरकार की ओर से क्लीन चिट मिल गई है.

हरियाणा के अधिकारियों ने ज़मीन ख़रीदी के मामले में किसी तरह की अनियमितता नहीं पाए जाने की बात कही है.

अधिकारियों ने जाँच के बाद कहा है कि जो ज़मीनें ख़रीदी गईं उसमें स्टाम्प ड्यूटी का पूरा भुगतान किया गया है.

लेकिन इन रपटों से यह भी पता चला है कि वाड्रा की कंपनियों ने 2005 के बाद से अब तक हरियाणा में करीब दो सौ एकड़ जमीन खरीदी है. इनमें पलवल में 74 एकड़, फरीदाबाद में 52 एकड़, गुड़गाव में 47 एकड़ और मेवात में 27 एकड़ है.

डीएलएफ के जमीन के सौदों को लेकर पिछले कुछ समय से कांग्रेस की अगुवाई वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार(यूपीए) को खासी मुसीबतें झेलनी पड़ी थीं.

‘इंडिया अगेंस्ट करप्शन’ और विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने इस मामले में वाड्रा के ख़िलाफ़ जांच कराने की मांग की थी. केजरीवाल की टीम ने आरोप लगाया था कि वाड्रा और डीएलएफ के बीच हुए सौदे में कई अनियमितताएं हैं.

लेकिन शुक्रवार को गुड़गांव, फरिदाबाद, पलवल, और मेवात के डिप्टी कमिश्नरों (उपायुक्तों) ने जांच में किसी भी तरह की अनियमितता नहीं पाए जाने की बात कहते हुए रॉबर्ट वाड्रा को क्लीन चिट दे दी.

इससे पहले वाड्रा- डजीएलएफ के बीच हुए इस सौद की शुरुआती जांच आयुक्त अशोक खेमखा कर रहे थे जिनका तत्काल तबादला हो गया था.

और इस पूरे मामले को वाड्रा की जांच का असर बताया गया था जिसे बाद में हरियाणा सरकार के अधिकारियों ने नियमित फेरबदल कह कर खारिज कर दिया था. यहां तक कि डीएलएफ और रॉबर्ट वाड्रा भी इन आरोपों को खारिज करते रहे.

इधर, अरविंद केजरीवाल ने वाड्र को रहात देने के बाद प्रेस कान्फ्रेंस की और कहा कि पूरी जांच में लीपापोती की गई है. केजरीवाल ने दोबारा वाड्रा और गडकरी से संपत्ति का ब्यौरा भी मांगा है.

error: Content is protected !!