बिहार के किशोरों पर हुए अब तक के सबसे विस्तृत शोध का विमोचन आज

SKS_7437पटना 20 नवंबर 2017 : बिहार में किशोरों की स्थिति के बारे में एक स्वतंत्र अध्ययन के रिपोर्ट का विमोचन 21 नवंबर, मंगलवार को श्री मंगल पांडेय, माननीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री, बिहार, श्री कृष्‍णनंदन प्रसाद वर्मा, माननीय शिक्षा मंत्री बिहार और श्रीमती मंजू वर्मा, माननीय समाज कल्‍याण मंत्री, बिहार द्वारा किया जायेगा। ये जानकारी आज पटना के होटल लेमन ट्रीट प्रीमियर में आयोजित एक संवाददाता सम्‍मेलन में अध्‍ययनकर्ता डॉ के जी संथिया और पॉपुलेशन काउंसिल, इंडिया के डायरेक्‍टर निरंजन जुगरही ने दी। इस रिपोर्ट Understanding the Lives of Adolescents and Young Adults (UDAYA) के तहत बिहार और उत्तर प्रदेश के 36 जिलों से शिक्षा, रोजगार, आर्थिक समावेश, एजेंसी, समुदाय, नागरिकता, स्वास्थ्य और पोषण जैसे मुद्दों पर कुल 10,433 युवाओं को शामिल किया गया है। संवाददाता सम्‍मेलन में स्‍वास्तिक चक्रवर्ती भी मौजूद रहीं।

वहीं, डॉ संथिया ने बताया कि यूडीएए का बिहार में अपने आप में एक पहले तरह की रिपोर्ट है, जिसमें राज्‍य के किशोरों के सिचुएशन, उनकी जरूरत को कंसीडर किया गया है। इसके अलावा उनकी जरूरतों में आने वाले बदलावा और उनकी स्‍वास्‍थ्‍य, शिक्षा व उनमें संपूर्ण विकास की स्थिति को शामिल किया गया है। इसके लिए जहां न सिर्फ 10 – 14 साल के यंग और 15 – 19 साल के किशोरावस्‍था की स्थितियों एवं जरूरतों का पता लगाया गया, बल्कि उन कारकों का मूल्‍यांकन भी किया गया, जो किशोरावस्था से युवा वयस्कता के लिए अपने संक्रमण की गुणवत्ता निर्धारित करते हैं। उन्‍होंने कहा कि लॉगीट्यूडनल डेटा की अनुपस्थिति और लगातार क्रॉस-सेक्शनल डेटा की कमी ने इष्टतम कार्यक्रमों की डिजाइनिंग के साथ-साथ राज्य में किशोरों के लिए चल रहे कार्यक्रमों की प्रभावशीलता और पहुंच के कठोर आकलन को लंबा किया है। यूडीएए किशोर कार्यक्रमों द्वारा सामना किए गए इन दो बड़े अंतराल को भर देगी। उन्‍होंने कहा कि पूरी रिपोर्ट राज्‍य के तीन माननीय मंत्री पापुलेशन काउंसिल द्वारा आयोजित कार्यक्रम में जारी करेंगे, यह मेरे लिए खुशी की बात है। डॉ संथिया ने अपने रिसर्च वर्क को चाइलेंजिग और गौरवान्वित महसूस करने वाला बताया।

वहीं, पॉपुलेशन काउंसिल, इंडिया के डायरेक्‍टर निरंजन जुगरही ने कहा कि पॉपुलेशन काउंसिल दुनियाभर में महत्वपूर्ण स्वास्थ्य और विकास के मुद्दों पर अध्‍ययन करती रही है। यह एचआईवी से रोकथाम, प्रजन्‍न में सुधार और युवाओं के प्रोडक्टिव लाइफ के उपाय को सुनिश्‍चित करने के लिए काम करती है। 50 देशों में बायोमेडिकल, सोशल साइंस, और पब्लिक हेल्थ रिसर्च के जरिए, ऐसे समाधान प्रदान करने के लिए अपने सहयोगियों के साथ काम करते हैं जो कि अधिक प्रभावी नीतियों, कार्यक्रमों और प्रौद्योगिकियों को जन्म देती है। जो दुनिया भर के जीवन को बेहतर बनाती हैं। 1 9 52 में स्थापित और न्यूयॉर्क में मुख्यालय, परिषद एक गैर सरकारी, गैर-लाभकारी संगठन है, जो न्यासियों के एक अंतरराष्ट्रीय बोर्ड द्वारा शासित है।

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