सपने साकार होगें उत्तराखण्ड आन्दोलनकारियों के:श्रीगोपालनारसन

उत्तराखण्ड राज्य बने 12 साल पूरे हो गए है। पहले भाजपा फिर कांग्रेस और फिर भाजपा तथा अब कांग्रेस यानि एक बार भाजपा और एक बार कांग्रेस के सत्ता में बने रहने से यह बात तो साफ हो गई है कि उत्तराखण्ड में केवल दो ही पार्टियों का अस्तित्व है और रहेगा। ऐसे में उत्तराखण्ड की जनता भी इन्हीं पार्टियों में से किसी एक पर विष्वास करके राज्य की बागडोर सोंपती रही है। लेकिन इस दौरान उत्तराखण्ड ने क्या पाया और क्या खोया,यही जानने के लिए उत्तराखण्ड में बीस सूत्रीय कार्यक्रम के राज्य सदस्य रहे और मौजूदा समय में केन्द्रिय जल संसाधन मन्त्री हरीष रावत के प्रवक्ता श्रीगोपालनारसन से पूर्व वैज्ञानिक गोपाल राजू द्वारा बातचीत की गई तो उन्होंने बेबाक कहा कि उत्तराखण्ड की जनभावनाओं के अनुरूप उत्तराखण्ड राज्य तो 12 साल पहले बन गया था परन्तु इस राज्य के लिए विकास का जो स्वप्न उत्तराखण्ड आन्दोलनकारियों ने देखा था उसे पूरा करने का काम पहले तिवारी षासन काल में किया गया लेकिन बीच में भाजपा सरकार के आने से विकास की गति में जो ठहराव आया था उसे अब कांग्रेस के चारो सांसद और बहुगुणा सरकार पूरा करने का काम कर रहे हैं।
पूर्व प्रधानमन्त्री राजीव गांधी की सोच को आगे बढाने के लिए राजीव गांधी राष्टृीय प्रतिष्ठा सम्मान व डा0 अम्बेडकर राष्टृीय फैलोषिप सम्मान से विभूषित श्री गोपालनारसन से जब पूछा गया कि राज्य में पहले सांसदो की संख्या 5 थी जो अब 4 रह गई है ? इस पर वे बोले,देखिए चुनाव में हार जीत एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। जिस टिहरी सीट की बात आप कर रहे हैं उसपर हुई हार के कई कारण हो सकते हैजिसे लेकर पार्टी स्तर पर विचार मंथन किया जा रहा है इसमें एक कारण महंगाई भी हो सकता है लेकिन जिस प्रकार भाजपा ने कांग्रेस की उपलब्धियों पर पर्दा डालने व टिहरी के भोले भाले मतदाताओं को गुमराह कर समर्थन हासिल किया है उसकी जल्दी ही पोल खुल जाएगी क्योकि कांग्रेस के सांसदो की विकासवादी सोच और राज्य सरकार की जनहित के मुददो को प्राथमिकता के साथ हल करने की ललक उत्तराखण्ड को उसके सुनहरे भविष्य की ओर ले जा रही है।
लोग तो निराष है। जल, जंगल और जमीन के मुददे आज तक हल नहीं हो पाए। वही मूल निवास, जाति प्रमाण पत्र और आन्दोलनकारियों के चिन्हीकरण की समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है? सभी लोग निराष हो ऐसा नहीं है। राज्य बनने के बाद राज्य को विकास की पटरी पर लाने का काम सबसे पहले कांग्रेस की तिवारी सरकार में ही हुआ। बीस सूत्रीय कार्यक्रम में तो उत्तराखण्ड देषभर में लगातार दो बार पहले स्थान पर रहा जो विकास कार्यो का एक बडा प्रमाण है और जो काम अधूरे रह गए थे उन्हें अब प्राथमिकता के साथ पूरा कराया जा रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह की उत्तराखण्ड पर विषेष कृपा है तभी तो हरिद्वार सांसद हरीष रावत जी को केबिनेट में शामिल कर और उन्हे जल संसाधन जैसा महत्वपूर्ण विभाग देकर उत्तराखण्ड की जनता का सम्मान किया गया है। वही पौडी गढवाल के लोकप्रिय सांसद सतपाल महाराज न सिर्फ दूसरी बार संसदीय रक्षा समिति के सभापति बने है बल्कि उन्हे लोकसभा अध्यक्ष के पीठासीन पैनल में भी रखा गया है जो उत्तराखण्ड के लिए दूसरी बडी उपलब्धि कही जा सकती है। इतना ही नही उत्तराखण्ड आन्दोनल कारियों की भावना एवं पर्वतीय मूल के लोगो की आकांक्षा का सम्मान करते हुए गैरसेण में न सिर्फ ऐतिहासिक केबिनेट बैठक की गई बल्कि ग्रीष्मकालीन विधान सभा सत्र गैरसेण करने तथा वहां विधान सभा भवन बनाने का भी महत्वपूर्ण फैसला किया गया जो कांग्रेस की एक बडी उपलब्धि कही जा सकती है। जिससे हम कह सकते है कि कांग्रेस जनता की हर कसौटी पर खरा उतरने का लक्ष्य व सामर्थ्य रखती है। जिसे समय रहते पूरा भी किया जाएगा। जहां तक मूल निवास प्रमाण पत्र के सरलीकरण का सवाल है माननीय उच्चन्यायालय के इस बाबत जो भी आदेष प्राप्त हुए है उनका पालन कराया जा रहा है और अधिकारियों को भी इसमें षीध्रता बरतने को कहा गया है। कांगेस उत्तराखण्ड आन्दोलनकारियों को सम्मान देने में हमेषा आगे रही है। कांग्रेस सांसद सतपाल महाराज ने तो उत्तराखण्डके अमर शहीदो के सम्मान में गोपेष्वर से रामपुर तिराहा तक की पदयात्रा की और नारसन में शहीद स्मारक का निर्माण कराया। केन्द्रिय मन्त्री हरीष रावत हमेषा राज्य आन्दोलन का हिस्सा रहे। वही मुख्यमन्त्री विजय बहुगुणा ने हाल ही में दो अक्टूबर को उत्तराखण्ड के षहीदो के सपनों पूरा करने सकंल्प लिया था और आन्दोलनकारियों के चिन्हीकरण का काम पूरा कराकर उन्हे भरपूर सम्मान देने की बात कही थी। जिसे वे पूरा भी करेंगे।
सन 1942 के अमर षहीद एवं स्वतन्त्रता सेनानी जगदीष प्रसाद वत्स के भान्जे श्रीगोपालनारसन जिन्हे उत्तराखण्ड में उपभोक्ता आन्दोलन का संवाहक माना जाता है,का स्पष्ट मानना है कि उत्तराखण्ड के जल, जगंल और जमीन के मुददे कांग्रेस ही सुलझा सकती है और लोगो उनके हक दिलाकर राज्य से प्लायन की समस्या पर अकुंष लगा सकती है। उनकी राय में उत्तराखण्ड का भविष्य उज्जवल है। बस जरूरत है तो यहां की सांस्कृतिक विरासत को बचाकर उत्तराखण्ड की लोक भाषाओं को सरंक्षित करने की जिसके लिए सतपाल महाराज संसद में भी आवाज उठा चुके है।एक साहित्कार होने के नाते वह स्वयं भी चाहते है कि राज्य में क्षेत्रीय भाषा गढवाली, कुमाउनी का संवर्धन हो । श्रीगोपालनारसन का कहना है कि केन्द्रिय मन्त्री हरीष रावत के केबिनेट में षामिल होने का लाभ यहां की जल परियोजनाओं को मिलेगा। साथ ही राज्य के चहुंमुखी विकास में भी मदद मिल सकेगी।

-गोपाल राजू 
पूर्व वैज्ञानिक  
30, सिविल लाईन्स, 
रूडकी – 247 667 
Mob.: 9760111555  

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