आखिर कानून मंत्री से क्यों भिड़े राहुल बजाज

इंडिया इंक में सरकारी नीतियों को लेकर आक्रोश विश्व आर्थिक फोरम (डब्ल्यूईएफ) के सम्मेलन में खुलकर सामने आ गया। यहा चल रहे इस सम्मेलन में कानून मंत्री अश्वनी कुमार और प्रमुख उद्योगपति राहुल बजाज के बीच सरकारी कामकाज के तौर-तरीकों को लेकर भिड़ंत हो गई। भारतीय अर्थव्यवस्था को उबारने के मुद्दे पर चल रही चर्चा के दौरान बजाज समूह के मुखिया ने मौजूदा नीतिगत माहौल पर हमला बोला। वहीं, इसके बचाव में उतरे कानून मंत्री राहुल पर तंज कसने से नहीं चूके। राज्यसभा के सदस्य रह चुके बजाज ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि उनकी कंपनी सरकार के बावजूद तेज रफ्तार से बढ़ने में कामयाब रही है। बजाज ऑटो के पास अरबों की नकदी है, मगर कंपनी सरकार से लेनदेन वाला कोई भी कारोबार नहीं कर रही है। इसीलिए यह बिजली परियोजनाओं, कोयला खदानों और आधारभूत ढाचे के विकास में निवेश से दूरी बनाए हुए है। राहुल के तर्क कानून मंत्री के गले नहीं उतरे। उन्होंने पुरजोर ढंग से कहा कि बजाज ऑटो को लगातार भारी-भरकम लाभ सरकारी नीतियों की बदौलत ही संभव हुआ है। आज मोटरसाइकिलों से नहीं, बल्कि वित्तीय प्रबंधन के क्षेत्र से सबसे ज्यादा मुनाफा आ रहा है। कुमार ने तंज कसा, यह सब कैसे हो रहा है, जबकि कुछ लोग कह रहे हैं इस देश में सब गलत हो रहा है और कुछ भी सही नहीं हो रहा है। फिर देश ने किस तरह से 8.2 फीसद की आर्थिक विकास दर को हासिल कर लिया। हमारी अर्थव्यवस्था 5.5 फीसद की रफ्तार से बढ़ रही है, जबकि हम इसके पुनरुद्धार की बात कर रहे हैं। इसके उलट विश्व अर्थव्यवस्था की औसत रफ्तार महज 3.2 फीसद है। दोनों दिग्गजों के बीच हो रही इस गरमागरम बहस का अंत होते न देख इस सत्र के संचालक को बीच-बचाव के लिए उतरना पड़ा। उसके हस्तक्षेप के बाद ही दोनों के बीच इस बहस का समापन हुआ।

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