प्रख्यात उपन्यासकार डॉ. मीनाक्षी स्वामी की पुस्तक ‘बांसुरी के सुर’ का लोकार्पण

इंदौर 22 अप्रैल // प्रख्यात उपन्यासकार डॉ. मीनाक्षी स्वामी की बहुचर्चित बाल पुस्तक का लोकार्पण, इंदौर के श्री मध्ये भारत साहित्य समिति के सभागार में नंदन की पूर्व सम्पादक व ख्यात लेखिका डॉ. क्षमा शर्मा, देवपुत्र के सम्पादक कृष्णकुमार अष्ठाना, डॉ. विकास दवे, सुश्री रेनू चौहान, नेशनल बुक ट्रस्ट के सहायक सम्पादक पंकज चतुर्वेदी द्वारा भव्य गरिमामय आयोजन में सम्पन्न हुआ। इस आयोजन में इंदौर के नामचीन रचनाकार व साहित्य प्रेमी इस आयोजन के साक्षी बने । डॉ. मीनाक्षी स्वामी की यह पुस्तक नेशनल बुक ट्रस्ट, नई दिल्ली से प्रकाशित हुई हैं ।

मूल्यपरक बाल साहित्य की इस पुस्तक में फेंटेसी और सहनशीलता के मूल्य का समन्वय बहुत ही कलात्मक सौंदर्य के साथ किया गया है। यदि व्यवस्था में लय हो तो बहुत सारी समस्याएं हल हो सकती हैं। मगर इस लय को लाने के लिए बहुत त्याग, बलिदान करना होता है।
सामाजिक सरोकारों को साहित्य से जोड़कर समाज में चेतना लाने के लिए सक्रिय डॉ. मीनाक्षी स्वामी की यह पुस्तक बालकों को बहुत रोचक लगेगी। पुस्तक का आकर्षक चित्रांकन फजरूद्दीन ने किया है।

डॉ. मीनाक्षी स्वामी के रचना कर्म को राष्ट्रीय स्तर पर भारत सरकार, मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश सरकार के अट्ठाईस पुरस्कारों के रूप में व्यापक सम्मान जनक स्वीकृती मिली हैं । इन्होंने हर विधा में हर वर्ग के लिए रचनाकर्म का चुनौती भरा काम सफलतापूर्वक किया है। देश भर के विश्वविद्यालयों में कई छात्र डॉ. मीनाक्षी स्वामी के रचना कर्म पर शोध कर रहे हैं। डॉ. मीनाक्षी स्वामी की कृतियां विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम का हिस्सा होने का गौरव पा रही हैं। समाजशास्त्र जैसे विषय का प्राध्यापक होना मीनाक्षी स्वामी की दृष्टी को बहुआयामी बनाता है।

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