जनता ने भाजपा, कांग्रेस और जदएस को सियासी भंवर में फंसा दिया

त्रिशंकु विधानसभा का जनादेश देकर राज्य की जनता ने भाजपा, कांग्रेस और जदएस को सियासी भंवर में फंसा दिया है। बुधवार को दिन भर इन पार्टियों के शीर्ष नेता इससे निकलने के लिए कसरत करते रहे। विधायक दल की बैठक में नेता चुने जाने से लेकर राज्यपाल से मुलाकात तक का सिलसिला चला। इस बीच, राजनीतिक गलियारों में कांग्रेस और जदएस के विधायकों को खरीदने के लिए 100-100 करोड़ नकद और मंत्री पद जैसे प्रलोभन दिए जाने के समाचार भी तैरते रहे।
सुबह सबसे पहले राज्य मुख्यालय में कांग्रेस विधायक दल की बैठक शुरू हुई। सिद्धारमैया कहते रहे कि उनके सभी विधायक साथ हैं लेकिन सात माननीयों के लापता होने की बात सामने आई। कुस्टागी से चुनाव जीतने वाले अमरगौड़ा लिंगनगौड़ा पाटिल बयापुर ने खुलासा किया कि उनके पास भाजपा नेताओं का फोन आया था और पाला बदलने के लिए मंत्री पद का लालच दिया गया था।
जदएस विधायक दल की बैठक दस बजे शुरू हुई जिसमें एचडी कुमारस्वामी को विधायक दल का नेता चुना गया। कहा जा रहा है कि इस बैठक में पार्टी के दो विधायक उपस्थित नहीं हुए। पार्टी ने आरोप लगाया कि उनके विधायकों को भाजपा नेताओं की ओर से 100-100 करोड़ रुपये का लालच दिया गया। इसके मद्देनजर विधायकों को कांग्रेस नेता केडी शिवकुमार के भाई केडी सुरेश के रिजॉर्ट ले जाने पर भी चर्चा हुई। कहा गया कि 102 कमरे बुक करा दिए गए हैं। इससे कयास लगाया गया कि जदएस के साथ कांग्रेस अपने विधायकों को भी वहीं रखेगी।

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