विदिषा 16 मई 2018 / स्थानीय सिविल लाइन्स रोड स्थित श्रीहरि वृद्धाश्रम में निवासरत मूलतः छोला रोड भोपाल निवासी 85 वर्षीय वंशीलाल अहिरवार का आज जिला अस्पताल में चिकित्सा के दौरान दुखद निधन हो गया। वे अपनी धर्मपत्नी श्रीमती गुमानीबाई के साथ विगत एक वर्ष से श्रीहरि वृद्धाश्रम में ही रह रहे थे। वैसे तो उनकी एक बेटी सिंगारबाई और दामाद मूलचंद शंकर नगर छोला भोपाल में निवासरत हैं और नाती मथुरा प्रसाद भी है, पर वे लोग वंषीलाल अहिरवार की कोई खैर-खबर नहीं लेते थे।
श्री हरि वृद्धाश्रम संचालक श्रीमती इंदिरा शर्मा और वेदप्रकाश शर्मा ने ही उनको सहारा दिया और उनके बेटे बहू बनकर उनको पूरे सम्मान के साथ रखा। आश्रम संचालक की ही प्रेरणा से बंशीलाल अहिरवार ने अपने जीवनकाल में ही मरणोपरांत अपनी देहदान का संकल्प पत्र भरकर वेदप्रकाश शर्मा को दे दिया था। परिणामस्वरूप आज उनकी पार्थिव देह को पूरे सम्मान और धार्मिक रीति रिवाज संपन्न कर भोपाल के एम्स भेज दिया गया। इस पुण्य कार्य को करने संस्था के सहयोगी अशोक जैन और रमेश चंद्र व्यास उन्हें एम्बुलेंस से भोपाल ले गए। सुखद यह है कि मरणोपरांत भी उनकी देह किसी जरूरतमंद के और चिकित्सा शिक्षा के अनुसंधान के काम आएगी। गुमानीबाई आश्रम परिवार की देखरेख और संरक्षण में रहेगी। अगर वे यहाँ नही होते तो आज पति की मृत्यू के बाद वे ना जाने कहाँ-कहाँ भटकतीं। उनके परिवार वालों ने तो आज भी उनकी सुधि नही ली। आज वृद्धाश्रम की सार्थकता स्पष्ट हो गई है। उल्लेखनीय है कि श्रीहरि वृद्धाश्रम में मरणोपरांत पूरी धार्मिक रीति रिवाज और त्रयोदशी कार्यक्रम संपन्न कर मृत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की जाती है। वृद्धाश्रम के अनेक बुजुर्गो सहित आश्रम संचालक श्रीमती इंदिरा शर्मा और वेद प्रकाश शर्मा ने स्वर्गीय वंशीलाल अहिरवार को आज जिला चिकित्सालय से अंतिम विदाई देकर श्रद्धांजलि अर्पित की।