विदिषा की सौम्या को स्टार प्लस पर देखेगी सारी दुनिया

विदिषा 7 जुलाई 2018/लोकप्रिय टीवी चैनल स्टार प्लस पर प्रत्येक शनिवार और रविवार को रात्रि 8 बजे प्रसारित हो रहे अंतर्राष्ट्रीय सिंगिंग रियलिटी शो ‘‘दिल है हिन्दुस्तानी‘‘ कार्यक्रम में आज रविवार 8 जुलाई को रात्रि 8 बजे विदिषा की लाड़ली और मध्यप्रदेष की शान सौम्या शर्मा द्वारा गायन की प्रस्तुति दी जाएगी।
तीन माह से मुम्बई में है सौम्या
सौम्या पिछले लगभग तीन महीनों से मुम्बई में है और स्टार प्लस के चैनल के सिंगिंग रियलिटी शो ‘‘दिल है हिन्दुस्तानी‘‘ कार्यक्रम में परफॉर्मेन्स की रिकॉडिंग में व्यस्त है। फिल्म सिटी मुम्बई में जारी रिहसल और रिकॉर्डिंग के दौरान सौम्या को एक ओर जहां फिल्म जगत से जुड़ी बड़ी हस्तियों से मिलने का सौभाग्य प्राप्त हो रहा है, वहीं दूसरी ओर देष की सुविख्यात संगीत विभूतियों यथा सुप्रसिद्ध गायिका सुनीति चौहान, सुविख्यात म्यूजिक डायरेक्टर प्रीतम दा तथा नम्बर 1 रैपर बादषाह सहित संगीत विधा में पारंगत बड़े-बड़े गुणीजनों से गायन की बारीकियां और गहराई भी सीखने को मिल रही है।
यद्यपि सौम्या मुम्बई की तुलना में मध्यप्रदेष के छोटे से नगर विदिषा की निवासी है, लेकिन यहां भी उसके गायन विधा के प्रथम गुरू स्थानीय रामद्वारा निवासी आषुतोष पाठक ने अपने व्यस्त समय में से समय निकालकर उसे गायन विधा की गहराइयों और बारीकियों से परिचित कराया है। मुम्बई जाने से पूर्व सौम्या विगत तीन वर्षों से सप्ताह में पांच दिन आषुतोष पाठक के यहां ही गायन-संगीत सीखने जाती रही है। वहीं, उच्च स्तरीय प्रतियोगिताओं-स्पर्धाओं के अवसर पर भोपाल के सरोजनी नायडू (नूतन) महाविद्यालय में संगीत विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. अष्विना रांगड़ेकर ने छुट्टियों के दिनों में समय निकालकर गुरू-षिष्य की गुरूकुल परम्परा के अनुरूप सौम्या को अपने घर पर ही ठहराकर संगीत विधा में पारंगत किया है।
स्मरणीय है कि इसके पूर्व भी सौम्या अनेक अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर के रियलिटी सिंगिंग शोज में अपने नगर विदिषा और अपने प्रदेष मध्यप्रदेष के झण्डे लहरा चुकी है। जी-टीवी के सिंगिंग रियलिटी शो सारेगामापा लिटिल चैम्पस 2017 में भी सौम्या को सिल्वर मैडल प्राप्त हुआ था और वह पूरे मध्यप्रदेष की एक मात्र प्रतिभा थी जो मेघा ऑडिषन तक पहुंची थी। कलर्स टीवी शो, राइजिंग स्टार और एण्ड-टीवी शो ‘‘दि वॉइस ऑफ किड्स’’ प्रतियोगिता में भी सौम्या मुम्बई स्टूडियो राउण्ड के लिए चुनी गई थी। दोनों ही चैनलों से लगातार फोन आने के बावजूद भी सौम्या आगे भागीदारी नहीं कर पाई, क्योंकि उस समय उसकी वार्षिक परीक्षा चल रही थी। सौम्या जब मात्र 5 वर्ष की थी तभी से देवी जागरण और श्री सुन्दरकाण्ड पाठ आयोजनों में भजनों की प्रस्तुतियां देती रहती थी। सौम्या जब 8 वर्ष की थी तब उसने वाद्य यंत्र हारमोनियम बजाना सीख लिया था। उसे हारमोनियम की षिक्षा प्रेमसिंह मांझी (लल्ला मास्टर) ने दी। वहीं शास्त्रीय संगीत की षिक्षा सुदिन श्रीवास्तव से प्राप्त हुई। सौम्या की इस संगीत तपस्या में उसके माता-पिता श्रीमती संगीता-अमिताभ शर्मा सहित समूचे शर्मा परिवार ने सदैव विषेष योगदान दिया है।

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