रिलीज़ होगी IAS अफसर डॉ. हरिओम की ग़ज़ल ‘फिर सिकंदर’

डॉ. हरिओम की इस ग़ज़ल पर कत्थक की अच्छी जुगलबंदी कोरियोग्राफ हो सकती है : राज महाजन

“मैं तेरे प्यार का मारा हुआ हूँ, सिकंदर हूँ मगर हारा हुआ हूँ” | भारत के दमदार आई ए एस और अब मशहूर ग़ज़ल गायक के तौर पर अपनी पहचान बना चुके डॉक्टर हरिओम ने करीब 10 वर्ष पहले जब ये शेर लिखा होगा तो उन्होंने उस समय यह नहीं सोचा होगा कि एक दिन यह शेर आम लोगों की ज़ुबान पर होगा। आज आलम यह है कि चाहे शेरो-शायरी का मंच हो या सोशल मीडिया की दुनिया, डॉक्टर हरिओम का यह शेर ख़ास लोकप्रिय है। अपनी इस ग़ज़ल को 3 साल पहले हरिओम ने अपने एल्बम ‘रोशनी के पंख’ में गाया और देखते ही देखते ग़ज़ल और ख़ासकर यह शेर हर किसी का चहेता बन गया और ग़ज़ल गायकी में डॉक्टर हरिओम का सिक्का चल निकला। अब हरिओम जहाँ कहीं भी जाते हैं, उनके फैन्स उनसे इस ग़ज़ल को ज़रूर सुनना चाहते हैं। इस प्रसिद्ध ग़ज़ल की धुन बनाई थी मशहूर ग़ज़ल गायक हुसैन बंधुओं ने जो ग़ज़ल गायकी में हरिओम के गुरू भी हैं। हुसैन बंधु भी इस ग़ज़ल को अक्सर मंचों पर गाते रहते हैं।

अब सिकंदर के नाम से भी बुलाए जाने वाले डॉक्टर हरिओम ने अपने फैन्स की पुरज़ोर माँग पर इस ग़ज़ल का नया वर्ज़न तैयार किया है। इस ग़ज़ल की तर्ज़ भोपाली राग पर बनी थी. इस बार डॉक्टर हरिओम ने स्वयं इसे राग जोग कौंस में कम्पोज़ किया है। इसका बेहतरीन अरेंजमेंट दक्षिण के गुणी संगीतकार प्रवीण डी राव ने किया है। डॉ. हरिओम ‘सिकंदर’ के इस नए वर्ज़न को लेकर काफ़ी खुश हैं। इस ग़ज़ल का संगीत कुछ इस तरह तैयार किया गया है कि इस पर बक़ायदा कथक नृत्य किया जा सकता है। गौरतलब है कि हरिओम एक ऐसे प्रोजेक्ट पर भी काम कर रहे हैं जिसमें उनकी ग़ज़लों का एक ऐसा अल्बम ऐसा होगा जिस पर कथक परफॉर्म किया जा सके। जल्दी वह प्रोजेक्ट भी श्रोताओं के सामने होगा। फ़िलहाल उसका यह नमूना आपके सामने है। इस बार ग़ज़ल के शेर भी एकदम नए हैं और संगीत भी। आशा है एक बार फिर ग़ज़लों के सिकंदर डॉ. हरिओम की सिंगिंग का जलवा उनके करोड़ों चाहने वाले ग़ज़ल के दीवानों के सर चढ़कर बोलेगा। मोक्ष म्यूज़िक ने हरिओम के इस नए म्यूज़िकल नम्बर को करोड़ों लोगों तक पहुँचने का ज़िम्मा लिया है।

मोक्ष म्यूजिक कम्पनी के प्रबंध निदेशक राज महाजन ने कहा, “सिकंदर डॉ. हरिओम की मशहूर गजलों में से एक है जिसका नया वर्जन जल्द ही पब्लिश हो जाएगा. मुझे उम्मीद है डॉ. साहब का यह प्रयोग श्रोताओं को बहुत पसंद आएगा.”

इससे पहले मोक्ष म्यूजिक कंपनी के माध्यम से डॉ. हरिओम के यारा वे, मजबूरियाँ, सोचा न था, मोरा पिया के बिना जैसे कई गाने पहले भी रिलीज़ हो चुके हैं.

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