मथुरा मोहन स्मृति संध्या में शास्त्रीय गायन करेंगे पं. सुमित मिश्रा

संगीत सम्राट तानसेन के गुरूदेव स्वामी हरिदासजी की 33वीं पीढ़ी के वंषज हैं पं. सुमित मिश्रा

Mathura Mohan ji
विदिषा 8 अक्टूबर 2018/नगर के जाने-माने दिवंगत संगीतकार मथुरा मोहन श्रीवास्तव की स्मृति में स्थानीय स्वर्णकार कॉलोनी स्थित विनायक वैंकट हॉल में आज 9 अक्टूबर मंगलवार को रात्रि 7.30 बजे आयोजित स्मृति संध्या में पं. सुमित मिश्रा शास्त्रीय गायन प्रस्तुत करेंगे। स्मरणीय है कि पं. सुमित मिश्रा संगीत सम्राट तानसेन के पूज्य गुरूदेव स्वामी हरिदासजी की 33वीं पीढ़ी के वंषज हैं।
इस अवसर पर पं.अषेष उपाध्याय तबला वादन कर संगत करेंगे। वहीं पं. जितेन्द्र शर्मा हारमोनियम पर अपनी संगत प्रस्तुति देंगे। यह आयोजन स्थानीय पं. गंगाप्रसाद पाठक ललित कला न्यास द्वारा किया गया है। यह समारोह मध्यप्रदेष शासन के संस्कृति विभाग के सहयोग से आयोजित किया गया है। इस अवसर पर न्यास तथा स्व.मथुरा मोहन श्रीवास्तव के संगीतकर सुपुत्र सुदिन श्रीवास्तव ने समस्त संगीतप्रेमियों को सादर आमंत्रित किया है।
पं.सुमित मिश्रा वंषज हैं स्वामी हरिदासजी के
मुगल सम्राट अकबर के नवरत्नों में प्रमुख संगीत सम्राट तानसेन के पूज्य गुरूदेव हरिदासजी की 33वी पीढ़ी के वंषज प्रतिभाषाली युवा संगीत-कलाकार पं. सुमित मिश्रा देष के उभरते हुए युवा शास्त्रीय गायक है। अपने पिताश्री पं. शंकरलाल मिश्रा से संगीत की प्रारंभिक षिक्षा लेने के पष्चात पं. सुमित देष के प्रख्यात गायक पं. तुषार दत्त के सान्निध्य में सतत साधनारत हैं। देष के सभी प्रमुख संगीत समारोह में गायन कर चुके पं. सुमित मिश्रा को हालही में भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोबिन्द द्वारा सम्मानित किया गया है। मूलतः काषी-बनारस निवासी मिश्रा परिवार के पं. सुमित वर्तमान में कॉलकाता में निवास कर रहे हैं। अपने दो-दिवसीय विदिषा प्रवास के दौरान पं. सुमित ने स्टार चैनल की स्टार नन्ही गायिका सौम्या शर्मा तथा उसके परिवार से सौजन्य भेंट सहित विष्वविख्यात पुरातत्व स्थली उदयगिरि तथा सांची का भी भ्रमण किया।
पं.अषेष उपाध्याय
विदिषा में निवास के दौरान पं. अषेष ने तबला वादन की षिक्षा भैयालाल बहनिया, व्हीएल पुरी और प्रसिद्ध तबला वादक एवं गायक दिवंगत पं. दीपक पाठक से प्राप्त की। आज कल वे देष के प्रख्यात तबला वादक मूर्धन्य विद्वान पं. किरण देषपांडेजी से तबला वादन की बारीकियां सीख रहे हैं। तानसेन समारोह के साथ देष के प्रतिष्ठित मंचों पर वे एकल तबला वादन एवं तबला संगत में व्यापक ख्याति अर्जित कर चुके हैं। वे वर्तमान में एमसीईआरटी भोपाल से संबद्ध हैं।
पं.जितेन्द्र शर्मा
हारमोनियम पर अपनी उंगलियों की चपलता से अपने एकल हारमोनियम वादन एवं गायन के साथ अनुकूल संगत के लिए पं. जितेन्द्र शर्मा की विषेष प्रसिद्धि है। वे प्रदेष एवं देष के प्रमुख मंचों पर प्रस्तुति के साथ चीन की कलायात्रा भी कर चुके हैं।

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