निषाद समाज के पास सरकार बनाने की चाभी

मुकेश सहनी गांधी मैदान में लाखों समर्थकों के बीच की अपनी नई पार्टी ‘विकासशील इंसान पार्टी’ के नाम की घोषणा

निषाद आरक्षण महारैला ने पिछले 20 सालों के सफलता के सारे रिकॉर्ड ध्वस्त किए

पटना, 04 नवंबर 2018: पटना के ऐतिहासिक गाँधी मैदान में निषादराज तथा निषाद आरक्षण के नारों के बीच लाखों समर्थकों की उपस्थिति में सन ऑफ़ मल्लाह के नाम से मशहूर श्री मुकेश सहनी द्वारा पार्टी के नाम की घोषणा कर दी गई। अब मुकेश सहनी की पार्टी का नाम ‘विकासशील इंसान पार्टी’ है। साथ ही निषाद आरक्षण महारैला में प्रदेश के गांव-गांव तथा कोने-कोने से आए लाखों निषादों ने निषाद आरक्षण के लिए हुंकार भरा और सन ऑफ़ मल्लाह के नेतृत्व में अपनी चट्टानी एकता का शंखनाद किया। महारैला में अमर शहीद जुब्बा सहनी तथा वीरांगना फूलन देवी की विशालकाय प्रतिमा के बीच बना संसद भवन के आकार का बना भव्य मंच से मुकेश सहनी ने साफ तौर कहा कि अब हमारे समाज को दूसरों के रहमो-करम पर आश्रित नहीं रहने की जरूरत नहीं है। अब समाज की अपनी पार्टी बन गई है। अपनी पार्टी के बैनर तले समाज के हक़-अधिकार की लड़ाई को पटना से दिल्ली तक लड़ेंगे। जब प्रदेश में 3 % आबादी वाले लोग मुख्‍यमंत्री पद पर आसीन हो सकते हैं, तो हम 14 % की आबादी वाले क्‍यों नहीं। इसलिए भाईयों, आज गांधी मैदान से शपथ लेकर जाईये कि हम अब एकजुट होकर निषाद समाज के हक में वोट करेंगे और आबादी के हिसाब से ही राजनीति में भागीदारी भी लेंगे। हम बंट कर कमजोर नजर आते हैं, साथ डट जायें तो हम इतिहास बदल देंगे।

निषाद आरक्षण महारैला में संघ द्वारा 11 सूत्री प्रस्ताव पारित किए गए जिसमें निषाद समाज की सभी उपजातियों को अनुसूचित जाति /अनुसूचित जनजाति में अविलम्ब शामिल करने की मांग प्रमुख है। इसके अलावा राष्ट्रीय मछुआरा आयोग का गठन करने तथा सरकारी/गैर सरकारी बैंकों से सभी तरह के बैंक ) अनुदान पर उपलब्ध कराए जाने की मांग भी पारित किए गए। साथ ही विशेष अवसर ,वं प्राथमिकता के आधार पर सरकारी/गैर सरकारी शिक्षण संस्थानों में सभी तरह की उच्च शिक्षा निःशुल्क प्रदान करने तथा निषाद समाज पर अत्याचार, शोषण, हत्या ,वं चोरी से मत्स्य शिकारमाही करने वाले को सबसे पहले जेल भेजने का प्रावधान संबंधित प्रस्ताव पारित किए गए। इसके आलावा सामान्य प्रशासन विभाग बिहार सरकार के अत्यन्त पिछड़ा वर्ग की सूची में उल्लेखित निषाद समाज की उपजाति, क्र0सं0-7- केवट (कउट), 11- कैवर्त 21- गोढ़ी, 22- गंगई (गणेश) 23- गंगोता 28- चांय 36- तीयर 42- नोनिया 52- बेलदार 53- बिन्द 64- मल्लाह 67, मोरियारी 73- वनपर 95- अमात को निषाद में समावेशित करने तथा मत्स्यजीवी सहयोग समितियों के जलकरों का सीमांकनोपरांत जीर्णोद्धार, अतिक्रमण मुक्त ,वं घेराबंदी, सूखाग्रस्त जलकरों का राजस्व माफ निःशुल्क नाव ,वं जाल, गैर मछुआरों का निष्कासन सदस्यता ऑनलाइन, सर्वसुविधसंपन्न कार्यालय, मत्स्य किसान क्रेडिट कार्ड, हर तालाब में पानी बिहार मत्स्य जलकर प्रबंध्न नियमावली, मत्स्य जलकर प्रबंध/संसोधन, अन्य विभागीय जलकरों को मत्स्य विभाग में हस्तांतरण ,वं परम्पराग त मछुआरों की सूची जारी करने की मांग भी शामिल है। संघ द्वारा पारित प्रस्ताव में जिला स्तर पर शीतगृह सर्वसुविधसंपन्न मत्स्य (फिश) मार्केट का निर्माण ,वं मत्स्य व्यवसाय को मत्स्य उद्योग के रूप में विकसित करने, मत्स्य विभाग में आई0,0,स0 मत्स्य निदेशक को नियुक्त करने, मत्स्य विभाग का बजट जलक्षेत्र ,वं जनसंख्या के अनुपात में बढ़ाने तथा मात्स्यिकी शैक्षणिक योग्यता प्राप्त चयनित/अनुशंसित निषाद समाज के अभ्यर्थियों को कृषि समन्वयक के पद पर नियुक्त जाने का प्रस्ताव शामिल है।

निषाद आरक्षण की लड़ाई का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि हम मार्च 2017 में अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे तथा बिहार के प्रत्येक जिला मुख्यालय पर एकसाथ धरना देकर सरकार को झुकाया। फलस्वरूप राज्य सरकार को हमारे दबाब में एथ्नोग्रफिक रिपोर्ट बनाकर केंद्र सरकार को भेजना पड़ा। अब हमारी लड़ाई दिल्ली सरकार से है। उन्होंने कहा कि हमारा प्रभाव था कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी तथा भाजपा अध्यक्ष श्री अमित शाह ने कहा कि उनका भी फर्ज बनता है कि वे निषाद समाज के लिए कुछ करें। मगर अबतक उन्होंने अपना वादा पूरा नहीं किया है। उन्होंने समाज से इनको अपना फर्ज याद दिलाने का आह्वान करते हुए कहा कि इस डबल इंजन की सरकार को हमारी 11 मागों में से कम-से -कम आधी मांगे मानने के बाद ही हम उनके साथ गठबंधन की सोचेंगे। वरना 2014 में तो हमने उनका साथ दिया था मगर 2019 में उन्हें अपनी शक्ति का एहसास करवाएँगे।

महारैला में उपस्थित लाखों समर्थकों को संबोधित करते हुए सन ऑफ़ मल्लाह ने कहा कि निषाद विकास संघ में अबतक साढ़े तीन लाख से ज्यादा पदाधिकारियों की नियुक्ति की जा चुकी है। उन्होंने संघ का जिक्र करते हुए कहा कि निषाद विकास संघ तथा इसके पदाधिकारी विआईपी पार्टी की रीढ़ की हड्डी है। राज्य तथा केंद्र सरकार नहीं चाहती कि हमारा समाज आगे बढ़े। हम मोदी जी से जबाब चाहते हैं कि वे एक देश, एक संविधान तथा एक टैक्स की बात करते हैं तो बिहार तह उड़ीसा की तरह अबतक बिहार में निषादों को आरक्षण क्यों नहीं मिला है?

सन ऑफ़ मल्लाह ने तमाम समर्थकों से अपील करते हुए कहा कि आप हमें 6 महीना दें। जिस तरह सुभाष चन्द्र बोस ने कहा था कि ‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा।’ उसी तरह मैं आपसे कहता हूँ कि ‘तुम मुझे पसीना दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा।’ आप सिर्फ 6 महीने तक बिना थके और बिना रुके मेरा साथ दीजिए। मैं आपको आरक्षण सहित सारे हक़-अधिकार दिलवाऊंगा। उन्होंने कहा कि हर पॉलिटिकल पार्टी द्वारा आपके पास मेरा बारे में अफवाह उड़ाई जाएगी। इस देश में जब सीता माता पर भी लांछन लगाया जा सकता है तो फिर मैं किस खेत की मुली हूँ। मगर मेरे बारे में आप अपने दिल की आवाज सुनकर फैसला लीजिएगा। जिस दिन आपको लगे कि मैं अपने हित के लिए राजनीती कर रहा हूँ उस दिन आप मेरा साथ छोड़ दीजिए। मगर तबतक मेरे साथ संघर्ष कीजिए।

सन ऑफ़ मल्लाह ने उपस्तिथ लाखों समर्थकों से अपने वोट की अहमियत समझने का आह्वान करते हुए कहा कि आपका वोट किसी को प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री बना सकता है। आजतक आपने अपना वोट दूसरों को दिया है। आपने अपनी वोट की बदौलत 3% वालों को सत्ता पर काबिज किया है। एक बार अपना वोट आप अपने समाज को दीजिए, मेरा वादा है कि बिहार की गद्दी पर निषाद का बेटा ही काबिज होगा।

महारैला को संबोधित करते हुए संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ राजभूषण चौधरी ने समाज के लोगों से शिक्षा के प्रति जिम्मेदार होते हुए अपने बच्चों की शिक्षा पर प्राथमिक रूप से ध्यान देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि शिक्षा से समाज के विकास में तेजी आएगी तथा हमारा समाज तरक्की की ऊँचाइयों को प्राप्त करेगा।

अपने संबोधन में संघ के प्रदेश अध्यक्ष श्री अशोक चौहान ने कहा कि निषाद विकास संघ में अबतक साढ़े तीन लाख से ज्यादा पदाधिकारियों की नियुक्ति की जा चुकी है। उन्होंने संघ का जिक्र करते हुए कहा कि निषाद विकास संघ तथा इसके पदाधिकारी विआईपी पार्टी की रीढ़ की हड्डी है। उन्होंने समाज के तमाम लोगों से सामाजिक एकता के प्रति मजबूती से आगे बढ़ने का आह्वान किया।

महारैला को संबोधित करते हुए संघ की प्रदेश महिलाध्यक्ष श्रीमती निर्मला सहनी ने कहा कि संघ की मजबूती तथा निषाद आरक्षण की सफलता में समाज की माता-बहनों का योगदान अभूतपूर्व है। आज समाज की माता-बहनें सन ऑफ़ मल्लाह के साथ कदम-से-कदम मिलकर हक़-अधिकार की लड़ाई में अपनी आवाज बुलंद किए हुए है।

निषाद आरक्षण महारैला में अमर शहीद जुब्बा सहनी तथा वीरांगना फूलन देवी की विशालकाय प्रतिमा के बीच बना संसद भवन के आकार का बना भव्य मंच उत्सुकता का विषय बना रहा। साथ ही मुख्य मंच के बगल में दो और मंच बनाए गए थे जिसपर संघ के सैकड़ों पदाधिकारी मौजूद रहे। निषाद आरक्षण महारैला ने पिछले 20 सालों के सफलता के सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए।

सन ऑफ़ मल्लाह के साथ मंच पर संघ के प्रदेश अध्यक्ष श्री अशोक चौहान, प्रदेश युवाध्यक्ष श्री गौतम बिंद, प्रदेश महिलाध्यक्ष श्रीमती निर्मला सहनी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ राजभूषण चौधरी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री उमेश सहनी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री बैद्यनाथ सहनी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री ब्रह्मदेव चौधरी, राष्ट्रीय प्रधान महासचिव श्री छोटे सहनी, शेखपुरा जिलाध्यक्ष श्री पप्पू चौहान, श्री दिनेश बिंद, श्री विनय सिंह बिंद, श्री एसपी सिंह लवाना, महिला प्रदेश उपाध्यक्ष श्रीमती स्वर्णलता सहनी, वंश वैज्ञानिक श्री शिवबचन प्रसाद सिंह नोनिया, श्याम बिहारी बिंद, मदन मोहन निषाद सहित संघ के कई वरिष्ट पदाधिकारी मौजूद रहे।

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