ब्रह्मपुर/बक्सर, 9 मई। अंतिम चरण में 19 मई को होने वाले मतदान के लिए जनतांत्रिक विकास पार्टी ने अपना चुनाव प्रचार अभियान तेज कर दिया है। पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष सह बक्सर संसदीय क्षेत्र से उम्मीदवार अनिल कुमार ने आज ब्रह्मपुर विधानसभा के नियाजीपुर, एकौना, रामपुर मठिया, मझबारी आदि गावों में सघन जनसपंर्क कर भाजपा और राजद के उम्मीदवारों से जनता को झांसे में न आने के लिए आगाह किया। उन्होंने कहा कि अश्विनी चौबे और जगदानंद सिंह जैसे लोगों ने बक्सर को बर्बाद करने का काम किया है। वे किस मुंह से आज वोट मांग रहे हैं।
अनिल कुमार ने कहा कि जगदानंद सिंह 15 साल सिंचाईं मंत्री रहे। पांच साल सांसद रहे। लेकिन क्या बक्सर का कोई भला हुआ। क्या किसानों के खेत में पानी पहुंचा। किसानों को उनका समर्थन मूल्य मिला। नहीं ना। उन्होंने कहा कि जब जनता ने मौका दिया, तब कुछ किया नहीं। अब एक बार फिर से कह रहे हैं कि एक मौका और दे दीजिए। लेकिन जनता उन्हें मौका क्यों दे, जब दिया तब जनता पर सामंतवाद तरह से राज किया। जनता ने नेता बनाया और ये मालिक बन गए। लेकिन बक्सर के लिए कुछ नहीं किया। यहां जो चीनी मिल, कपड़ा मिल और अन्य उद्योग धंधे थे, वो भी बंद करवा दिया।
अनिल कुमार ने कहा कि यही हाल मौजूदा सांसद का भी है। अश्विनी चौबे साइबेरियन नेता हैं, फिर भी पिछली बार बक्सर की जनता ने झूठ मास्टर नरेंद्र मोदी के वादों की वजह से उनपर भरोसा किया। लेकिन चुनाव जीतने के बाद तो अश्विनी चौबे देश के प्रधान झूठमंत्री के न खायेंगे और न खाने देंगे वाले जुमले की भी हवा निकाल दी। बक्सर की जनता के हिस्से के विकास पर परिवार के भ्रष्टाचार को तरजीह दी। बक्सर में बनने वाला एम्स भागलपुर लेकर चले गए। वे केंद्र में मंत्री हैं, लेकिन एक अस्पताल पांच सालों में नहीं बनवा पाये।
इस दौरान अनिल कुमार ने ने एनडीए सरकार पर देश और संविधान के साथ खिलवाड़ करने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार में दलितों और अल्पसंख्यकों पर सबसे ज्यादा हमले हुए हैं। इस सरकार ने गरीबों और वंचितों की अनदेखी कर अपने चोर दोस्तों की चौकीदारी की है। इसलिए हम आपसे कहने आये हैं कि नेता को छोडि़ये और अपने बेटे – भाई को इस बार मौका दीजिए। 19 मई को सिलाई मशीन छाप पर बटन दबाईये। इस माटी की कसम, हमबक्सर की तस्वीर बदल देंगे। उद्योग से लेकर विकास के हर पैमाने पर खड़ा उतरने की कोशिश करेंगे।
जनसंपर्क के मौके रवि प्रकाश, मोहन राम, संजय मंडल, डॉ रामराज भारती, सुविदार दास, आशुतोष पांडेय, राजा यादव, मोहन गुप्ता, संतोष यादव, रमेश राम, चंद्रशेखर सिंह, अरुण सिंह, वीरेंद्र सिंह, रामाधार राम के साथ सैकड़ो कार्यकर्ता मौजूद थे।