श्रावण की समापन बेला में भक्तों को वितरित किया अनूठा प्रसाद

विदिषा 13 अगस्त 2019/श्रावण माह के शुभारंभ से ही विदिशा जिला वन विभाग की जो अनूठी पहल प्रारंभ हुई, उसी के अंतर्गत श्रावण की समापन बेला में स्थानीय माधवगंज स्थित श्री शिवालय पर विभाग द्वारा वितरित अनूठा प्रसाद सबको, विषेष रूप से पर्यावरण प्रेमी श्रद्धालुओं को बहुत लुभा रहा है। यह प्रसाद है वैज्ञानिक महत्व संपन्न औषधीय गुणों से भरपूर वेलवृक्ष के पौधें, जो भगवान श्री शिवषंकरजी को वेलपत्री के रूप में बहुत प्रिय हैं। श्रावण के अंतिम सोमवार को भी श्री षिवालय पर इन पौधों का व्यापक पैमाने पर वितरण किया गया।
जिला वन मण्डलाधिकारी एच सी गुप्ता की पहलपूर्ण निर्देष पर प्रसाद के रूप में इन पौधों का वितरण कर रहे वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि वैज्ञानिको के अनुसार जल और वेलपत्र में ध्वनि तरंगों को स्वीकार करने की क्षमता होती है, इसलिए भगवान श्री शिवजी को जलाभिषेक के साथ वेलपत्र चढ़ाने का पावन विधान है। इसीलिए धर्म-अध्यात्म को समर्पित पवित्र श्रावण माह में पर्यावरण संरक्षण की प्रेरक पहल नागरिको, विषेष रूप से पर्यावरण हितैषी श्रद्धालुओं को बहुत प्रमुदित कर रही है। विभाग सभी भक्तों सहित आम नागरिको को अधिकतम वेलवृक्ष सहित अन्य वृक्षो को लगाने उनके महत्व को समझाने का कार्य कर रहा है। विभाग समूचे जिले में व्यापक वृक्षारोपण के साथ पर्यावरण संरक्षण का सन्देश मैदानी स्तर पर दे रहा है। इस प्रकार के प्रयास सार्थक सफल भी हो रहे है, जिसके भविष्य में बेहतर परिणाम आएंगे। मंदिर पहुँचे श्री शिवभक्त भी इस प्रसाद को पूरी श्रद्धा के साथ ग्रहण कर पर्यावरण संरक्षण के सहयोगी बनने का संकल्प ले कर वापस घर जा रहे है।
चित्र उसी अवसर का।

जैन साध्वी के आग्रह पर महाराष्ट्र बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए आगे आए पेंषनविहीन वृद्धजन
किया ‘‘पत्रम्-पुष्पम्-तोयम्’’ सहयोग
विदिषा 13 अगस्त 2019/स्थानीय सिविल लाइन्स क्षेत्र स्थित श्रीहरि वृद्धाश्रम की सहयोगी एवं मार्गदर्शक तथा रामद्वारा स्थित पार्श्वनाथ जिनालय की जैन साध्वी हेमा दीदी के पहलपूर्ण आग्रह पर वृद्धाश्रम के बुजुर्गाे ने यथा योग्य नकद राशि एकत्रित कर महाराष्ट्र के बाढ़ पीड़ितों की सहायतार्थ शाासकीय खाते में जमा की। इस अवसर पर संस्था अध्यक्ष श्रीमती इंदिरा शर्मा ने भी अपनी और से 501 रु. की राशि बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए सरकार के खाते में साथ ही जमा की। इस अवसर पर जैन साध्वी हेमा दीदी ने बताया कि दान कितना किया गया है, यह महत्वपूर्ण नही है, महत्वपूर्ण यह है कि उसके पीछे कितनी आत्मिक-मार्मिक तथा परोपकारी भावना रही है। यथासमय की गई अल्प सहायता भी किसी के कुछ काम आ जाए यह अधिक महत्वपूर्ण है। उंन्हांेने बताया कि वृद्धावस्था पेंशन नही मिलने पर भी वृद्धजनो ने अपनी क्षमताअनुरूप 1 से 2 रु. बाढ़ पीड़ितों की सहायता हेतु भेंट किए हैं। यह उनकी समाजसेवा का अनुकरणीय तथा प्रेरक समर्पण है।

error: Content is protected !!