सजा से बचने के लिए आरोपी या उसके परिजन किस-किस तरह के हथकंडे अपनाते हैं, इसका बड़ा उदाहरण कापसहेड़ा में सामने आया है। नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के आरोपी सुभाष गुलिया को जमानत मिलने पर परिजनों ने उसे नेपाल भेज दिया। फिर द्वारका कोर्ट में उसके नेपाल जाने व वहा उसकी मृत्यु हो जाने की झूठी बात बता फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र पेश कर दिया गया।
ट्रायल के दौरान अचानक पीड़ित के मरने की बात आने पर सेशन जज को शक हो गया था और उन्होंने पुलिस को मृत्यु प्रमाण पत्र की जाच करने व आरोपी के बारे में पता लगाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद पुलिस जाच से पता चला कि सुभाष गुलिया जिंदा है और अपना नाम बदलकर परिवार समेत जयपुर में रहता है।
पुलिस सोमवार दो दिसंबर को जयपुर से उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। एडिशनल कमिश्नर साउथ वेस्ट जिला अनिल कुमार ओझा के मुताबिक आरोपी सुभाष उर्फ विक्की 12वीं पास है और वह वर्तमान में जयपुर में फर्जी नाम से वाल पेपर का धंधा चला रहा था। आरोप है कि 2007 में कापसहेड़ा इलाके में सुभाष गुलिया ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म किया था। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। उस दौरान सुभाष, झज्जर के बादली में रहता था। कुछ समय बाद सुभाष के परिजनों द्वारा निजी मुचलके की राशि जमा करने की शर्त पर कोर्ट से उसे जमानत मिल गई थी। ट्रायल के दौरान सुभाष के मरने की खबर पर द्वारका कोर्ट की सेशन जज ममता त्यागी व वीके दहिया को शक हुआ और उन्होंने 2010 में सुभाष के मृत्यु प्रमाण पत्र की जाच करने के निर्देश दिए। इंस्पेक्टर सोम नाथ परटुही के नेतृत्व में पुलिस टीम कई जगहों पर गईं। इसके बाद पुलिस को पता लगा कि सुभाष की मा राजस्थान के चुरु जिला स्थित अपने मायके सिद्धमुख गाव में रहती है और सुभाष मोनू के नए नाम से जयपुर में रह रहा है। वह नेपाल में कुछ समय रहने के बाद जयपुर आ गया था। आखिरकार पुलिस ने दो साल की मश्क्कत के बाद उसे दबोच लिया।