सरकार के ‘स्किल इंडिया मिशन’ के तहत गोवा में ‘इन्टरनेशनल स्किल हब’ स्थापित किया जाएगा

नई दिल्ली, अगस्त, 2020: स्किल इंडिया मिशन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाते हुए और माननीय प्रधानमंत्री के आत्मानिर्भर भारत के विज़न को आगे बढ़ाने के लिए, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) के तत्वावधान में कार्यरत राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) ने आज राज्य में इन्टरनेशनल स्किल हब स्थापित करने के लिए कौशल विकास एवं उद्यमशीलता निदेशालय (डीएसडीई), गोवा सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।
देश में स्किलिंग इकोसिस्टम को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में इस सहयोग से गोवा में अत्याधुनिक स्किलिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थापना की सुविधा होगी। एक शीर्ष संस्थान के रूप में देश में उभरते रोजगार के अवसरों के लिए तैयार रहने के लिए गोवा के युवाओं को सशक्त बनाने की परिकल्पना की गई है। संस्थान का उद्देश्य एनएसडीसी के कार्यक्रमों जैसे टेक्निकल इन्टर्न ट्रेनिंग प्रोग्राम (टीआईटीपी) और इंडिया इन्टरनेशनल स्किल सेंटर (आईआईएससी) जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से स्थानीय उम्मीदवारों को अंतर्राष्ट्रीय प्लेसमेंट प्रदान करना है, जो गोवा को भारत में एक अंतरराष्ट्रीय स्किलिंग डेस्टिनेशन बनाने में योगदान देने वाला है।
यह घोषणा एक वेबकास्ट के माध्यम से की गई, जिसमें माननीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय, और स्वास्थ्य, उद्योग एवं व्यापार, महिला एवं बाल विकास और कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्री, गोवा सरकार, माननीय श्री विश्वजीत पी. राणे की उपस्थिति दर्ज हुई। अन्य प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्तियों में श्री प्रवीण कुमार, सचिव, एमएसडीई; श्री सी आर गर्ग, सचिव, कला और संस्कृति विभाग, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता, पुरातत्व, अभिलेखागार, सहयोग, कानून एवं न्यायपालिका और विधायी कार्य, गोवा सरकार; डॉ. मनीष कुमार, एमडी और सीईओ, एनएसडीसी; श्री दीपक देसाई, निदेशक, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता निदेशालय, गोवा सरकार; डॉ. नरेश त्रेहान, अध्यक्ष, मेदांता द मेडिसिटी और हेल्थकेयर सेक्टर स्किल काउंसिल; सुश्री ज्योति मायल, अध्यक्ष, पर्यटन और आतिथ्य कौशल परिषद उपस्थित रहे।
समझौते की शर्तों के तहत, गोवा सरकार अंतरराष्ट्रीय कौशल स्थापित करने के लिए भूमि प्रदान करेगी। एसएनएसडीसी और डीएसडीई जॉब रोल्स को शॉर्टलिस्ट करने के लिए , संस्थान में कौशल प्रशिक्षण के संचालन के लिए, प्रशिक्षण भागीदारों (टीपी) की पहचान करने के लिए, कौशल कार्यक्रम की निगरानी और सुविधा प्रदान करने के लिए संयुक्त रूप से जिम्मेदार होंगे। भारत में स्किलिंग को आगे बढ़ाने के लिए इन्डस्ट्रियल ईकोसिस्टम का उपयोग करते हुए, डीएसडीई और एनएसडीसी का लक्ष्य नॉर्थ गोवा के मापुसा में ओल्ड असिलो अस्पताल में छात्रों के लिए सर्वोत्तम बुनियादी सुविधाओं और इन्फ्रास्ट्रक्चर को लाना है। कौशल विकास परियोजना को राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क (NSQF) और संबंधित क्षेत्र कौशल परिषदों (SSCs) द्वारा दिए गए आकलन और प्रमाणपत्र के अनुसार लागू किया जाएगा।
भारत को वास्तविक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए, नए युग के कौशल का निर्माण करने में रीस्किलिंग और अपस्किलिंग की भूमिका पर अपने विचार साझा करते हुए कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्री माननीय डॉ. महेन्द्रनाथ पांडेय ने कहा कि, “जैसे ही हम एक नए परिवर्तनकारी युग में प्रवेश करते हैं तो हमें रोजगार के भविष्य के लिए पहले से अत्यधिक उत्पादक और कुशल कार्यबल बनाने की आवश्यकता होती है ताकि देश भर में अपने कौशल प्रयासों को बढ़ावा देकर अपने मिशन में एकजुट हुआ जा सके। देश की पुनरुद्धार रणनीति के हिस्से के रूप में हमें रीस्किलिंग, अपस्किलिंग और डीप स्किलिंग पर ध्यान केंद्रित करने की अत्यधिक आवश्यकता है। गोवा में आज एनएसडीसी और डीएसडीई के बीच हुए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर, उस मिशन को प्राप्त करने की दिशा में एक अग्रणी कदम है। यह समझौता युवाओं को उद्योगों के अनुकूल कुशल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देगा और माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के विज़न आत्मनिर्भर भारत को पूरा करने की दिशा में भी महत्वपूर्ण साबित होगा और भारत की वैश्विक स्तर पर गहरी छाप छोड़ने में मदद करेगा। हमारा उद्देश्य राज्यों के साथ सहयोगपूर्ण तरीके से काम करना है ताकि देश में कौशल के अनुकूल ईकोसिस्टम का निर्माण करके प्रशिक्षण, मूल्यांकन और प्रमाणन प्रक्रिया को लागू किया जा सके”।
यह संस्थान हेल्थकेयर, टूरिज्म और हॉस्पिटैलिटी जैसे अन्य विशिष्ट क्षेत्रों में उन्नत कौशल प्रशिक्षण प्रदान करेगा और उभरते हुए उद्योगों की आवश्यकताओं के अनुरुप उनकी मांगों को भी पूरा करेगा। देश में एक उच्च स्तरीय प्रशिक्षण संस्थान की परिकल्पना के रूप में यह युवाओं के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण को आकांक्षी बनाने में मदद करेगा। प्रशिक्षण भागीदारों (टीपी) द्वारा शुल्क-आधारित मॉडल पर युवाओं को हुनरमंद बनाया जाएगा और इसके अलावा प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) जैसी सरकारी योजनाओं के माध्यम से भी प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। संयुक्त रूप से विचार-विमर्श करने के बाद, डीएसडीई और एनएसडीसी प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए एनएसडीसी से संबद्ध भागीदारों के पूल से प्रशिक्षण भागीदारों का चयन करेंगे। चयनित भागीदार ब्रांडिंग, प्रचार, परामर्श, प्रशिक्षण, प्रमाणन और प्लेसमेंट सहायता प्रदान करना सहित विशिष्ट परियोजना गतिविधियों को क्रियान्वित करने के लिए जिम्मेदार होंगे।
समझौते ज्ञापन पर टिप्पणी करते हुए, गोवा सरकार में माननीय जन स्वास्थ्य, उद्योग और व्यापार, महिला एवं बाल विकास, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्री, श्री विश्वजीत पी. राणे ने कहा कि, “गोवा का भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में महत्वपूर्ण योगदान रहा है और पिछले दशकों में भारतीय टूरिज्म और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। राज्य में इन्टरनेशनल स्किल डेवलपमेंट इन्स्टिट्यूट स्थापित करने के लिए एनएसडीसी के साथ हाथ मिलाने पर हमें प्रसन्नता हो रही है। विकसित तकनीकों और बाजार की मांग के अनुसार युवाओं को प्रशिक्षित करके राज्य के स्किल ईकोसिस्टम को एक नई गति देने की परिकल्पना की गई है। एनएसडीसी की विशेषज्ञता के अनुसार गोवा में मांग-संचालित कौशल प्रशिक्षण में विशेष रूप से स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में कौशल विकास की गति में तेजी से सुधार होगा। हम सुनिश्चित हैं कि यह संस्थान गोवा के युवाओं को नौकरी तलाशने की बजाय नौकरी पैदा करने वाला बनाने में मदद करेगा और राज्य के विकास को तेजी से आगे बढ़ाएगा। इस परियोजना को राज्य में लागू करने के लिए माननीय मुख्यमंत्री जी के मार्गदर्शन एवं समर्थन के लिए हम उनके आभारी हैं”।
एनएसडीसी और डीएसडीई का एक साथ मिलना सितंबर 2017 में हुआ था और राज्य भर में विभिन्न कौशल एवं प्रशिक्षुता पहल चलाई जा रही हैं। इसके साथ ही, एनएसडीसी ने गोवा में एनएसक्यूएफ मान्यता के तहत अन्य परियोजनाओं को लाने के लिए भी अनेक पहल की हैं। बहुत महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक ,फायर विभाग के तहत गोवा सरकार के राष्ट्रीय आपदा कैडेट कोर के लिए क्यूपी, पाठ्यक्रम और कंटेंट को एकत्रित किया गया है। एनएसडीसी के मार्केट लेड प्रोग्राम के तहत, 15,000 हजार से अधिक उम्मीदवारों ने 116 एनएसडीसी संबद्ध प्रशिक्षण केंद्रों और 12 प्रशिक्षण भागीदारों के माध्यम से प्रशिक्षण प्राप्त किया है। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत, राज्य में 17 प्रशिक्षण केंद्र चालू थे जहां पर 1500 उम्मीद्वारों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया है।

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