आईबीएम ने निशुल्क डिजिटल कौशल प्रशिक्षण देने के लिए राष्ट्रीय कौशल विकास निगम से गठजोड़ किया

नई दिल्ली, 21 अगस्त, 2020: आईबीएम (एनवाईएसई: आईबीएम) ने आज राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) के साथ अपने गठजोड़ की घोषणा की। इसके तहत एक निशुल्क डिजिटल शिक्षा मंच ‘ओपन पी-टेक’, की पेशकश की जाएगी जो उभरती प्रौद्योगिकी और पेशेवर विकास के कौशलों पर केंद्रित है। गठजोड़ के भाग के रूप में ओपन पी-टेक के मंच से आईबीएम ऑनलाइन पाठ्यक्रम क्यूरेट करेगा और एनएसडीसी के ईस्किल इंडिया पोर्टल के जरिए उपयोगकर्ताओं को पेश करेगा ताकि भारतीय युवाओं को भिन्न कौशलों से युक्त किया जा सके जिससे भविष्य में भिन्न कैरियर में कामयाब रह सकें।

इस साझेदारी के तहत आईबीएम अपने 30 + ओपन पी-टेक पाठ्यक्रमों को ई-स्किल इंडिया के पोर्टल पर ज्ञान साझेदार के रूप में कैटलॉग (प्रदर्शित) करेगा। यह 60+ घंटे का ज्ञान है। आईबीएम उभरती प्रौद्योगिकी जैसे साइबर सिक्यूरिटी, ब्लॉकचेन, एआई और मशीन लर्निंग, क्लाउड, इंटरनेट ऑफ थिंग्स में ऑनलाइन पाठ्यक्रम मुहैया कराएगा। इसके साथ 18-22 साल के लोगों को सीखने वालों को पेशेवर कौशल, जैसे डिजाइन थिंकिंग के पाठ्यक्रम निशुल्क मुहैया कराए जाएंगे।

नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एनएसडीसी) के प्रबंध निदेशक और सीईओ डॉ. मनीष कुमार ने कहा, “युवाओं तक पैमाने और गुणवत्ता के साथ पहुंचने के लिए टेक्नालॉजी की शक्ति को आगे बढ़ाया जाना चाहिए। डिजिटल प्लैटफॉर्म जैसे ओपन पी-टेक और ई-स्किल इंडिया जैसे डिजिटल प्लैटफॉर्म के जरिए ऑनलाइन प्रशिक्षण को तेज किया जाना चाहिए ताकि भौगोलिक और सामाजिक आर्थिक बाधाओं से निपटा जा सके। डिजिटल लर्निंग से कामगारों में महिलाओं की ज्यादा भागीदारी संभव होगी क्योंकि नौकरी पर रखने की संभावना बढ़ जाएगी। कुल मिलाकर डिजिटल लर्निंग से युवाओं को रोजगार मिलने और आजीविका चला पाने की संभावना बनेगी।”

ईस्किल इंडिया एनएसडीसी की ओर से एक डिजिटल स्किलिंग पहल है और यह डिजिटल लर्निंग के संसाधनों को जोड़कर बढ़ाता है। इसके लिए यह भिन्न भारतीय और वैश्विक नॉलेज साझेदारों की सहायता लेता है ताकि भारत के युवाओं के लिए अपनी श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ को लर्निंग रीसोर्सेज को ऐक्सेस कर सके। इस समय भिन्न सेक्टर में, कई भाषाओं में 16 लाख मिनट से ज्यादा डिजिटल पाठ्यक्रम और सामग्री उपलब्ध है। इस तरह सीखने वालों को ऐसी टेक्नालॉजी और कैशल मुहैया कराए जाते हैं जिनकी आवश्यकता तेजी से बदलती डिजिटल दुनिया में फलने-फूलने के लिए होती है।

आईबीएम इंडिया/दक्षिण एशिया के प्रबंध निदेशक संदीप पटेल ने कहा, “महामारी के कारण डिजिटल पारगमन तेजी से हो रहा है। ऐसे में अगर हम चाहते हैं कि सीखने वाले युवाओं को तकनीकी और बाजार से संबद्ध कौशल से सशक्त किया जाए तो सीखने / पढ़ने के नए नियम भी होने चाहिए। एनएसडीसी के साथ हमारा गठजोड़ एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है ताकि नई पीढ़ी को डिजिटल कौशल से युक्त किया जा सके। ओपन पी-टेक युवाओं के लिए उभरती टेक्नालॉजी में बुनियादी ज्ञान और पेशेवर कौशल को आसान पहुंच में लाएंगे। देश के स्किल इंडिया मिशन से जुड़कर हम अपने डिजिटल शिक्षा के रुख को आगे बढ़ाने के लिए एक और कदम ले रहे हैं ताकि पेशेवरों की अगली पीढ़ी को आकर्षक भविष्य मिले जिसके वे योग्य हैं।”

आईबीएम का ओपन पी-टेक, एक निशुल्क डिजिटल शिक्षा मंच है जो उभरती प्रौद्योगिकियों और पेशेवर विकास कौशलों पर केंद्रित है। भारत में इसकी शुरुआत मार्च 2020 में हुई थी। यह प्लैटफॉर्म सीखने और शिक्षा देने वालों को बुनियादी प्रौद्योगिकीय सक्षमताओं से युक्त करता है और साथ में कार्यस्थल पर सीखने वाले कौशलों से लैस करता है। साझेदारी के तहत, ओपन पी-टेक प्लैटफॉर्म ऐसे पाठ्यक्रमों की पेशकश करेगा जिससे सॉफ्ट स्किल्स, इंटर पर्सनल स्किल्स, समस्या दूर करने के कौशलों का विकास हो। यह 11 प्रमुख कौशलों का सेट है जो आमतौर पर कॉलेजों में उपलब्ध नहीं होता है। पर इसकी मांग काफी है और रोजगार बाजार में इसका महत्व है। इस समय यह अंग्रेजी में उपलब्ध है और जल्दी ही भिन्न भारतीय भाषाओं में उपलब्ध होगी – शुरुआत हिन्दी से होगी और फिर 10 भारतीय भाषाएं जोड़ी जाएंगी। इनमें कन्नड़, तेलुगू, तमिल, पंजाबी, गुजराती, सिंधी ऊर्दू, बंगाली शामिल है।

यह साझेदारी पढ़ने और पढ़ाने वाले – दोनों को डिजिटल लर्निंग के संसाधनों तक सीधी पहुंच मुहैया कराएगी और यह उन सुविज्ञताओं में होगा जिनकी मांग या पूछ है। इस तरह, कैरियर की संभावनाएं टटोलने की अच्छी शुरुआत करने का जोरदार मौका मुहैया होगा। इसमें उद्योग से समर्थिक डिजिटल बैज या बिल्ले हासिल करना शामिल है। छात्र इन बिल्लों को अपने ऑनलाइन रीज्यूम में साझा कर सकेंगे।

भारत में आईबीएम ने पूर्व में कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय में प्रशिक्षण महानिदेशक, सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंड्री एजुकेशन, नीति आयोग और राज्यों के शिक्षा विभाग तथा कौशल मिशन से साझेदारी की है और देश के 22+ राज्यों में इसके शिक्षा और कौशल पहल के जरिए चार लाख से ज्यादा लर्नर्स को प्रभावित किया है।

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