उत्तर प्रदेश की निर्यात संभाव्यताओं को भुनाया जाए तो 30 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है राज्य से वस्तु निर्यातः

इंडिया एक्ज़िम बैंक के प्रकाशन “उत्तर प्रदेश से निर्यातः रुझान, अवसर और नीतिगत परिप्रेक्ष्य” का विमोचन माननीय वित्त और कॉर्पोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण द्वारा किया गया। उन्होंने यह शोध अध्ययन लखनऊ में 21 अगस्त को उभरते सितारे फंड के शुभारंभ के लिए आयोजित कार्यक्रम के दौरान जारी किया। तस्वीर में साथ हैं (बाएं से दाएं) : सुश्री हर्षा बंगारी, उप प्रबंध निदेशक, इंडिया एक्ज़िम बैंक; और श्री सिद्धार्थ नाथ सिंह, माननीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार।
उत्तर प्रदेश देश के सबसे बड़े निर्यातक राज्यों में से एक है और भारत की निर्यात वृद्धि में इसका महत्त्वपूर्ण योगदान है। भारतीय निर्यात-आयात बैंक (इंडिया एक्ज़िम बैंक) द्वारा प्रकाशित एक शोध अध्ययन के अनुसार, मूल्य की दृष्टि से वस्तु निर्यातों में उत्तर प्रदेश का पांचवां स्थान है। हालांकि हालिया दौर में राज्य से निर्यात वृद्धि अच्छी रही है, किन्तु राज्य में 12.2 अरब यूएस डॉलर की ऐसी निर्यात संभाव्यताएं हैं, जिन्हें अभी तक भुनाया नहीं गया है। यदि इन निर्यात संभाव्यताओं को भुना लिया जाए तो राज्य से वस्तु निर्यात बढ़कर 30 अरब यूएस डॉलर तक का हो सकता है।
यह बात “उत्तर प्रदेश से निर्यातः रुझान, अवसर और नीतिगत परिप्रेक्ष्य” शीर्षक से प्रकाशित बैंक के शोध अध्ययन में कही गई है। इस शोध अध्ययन का विमोचन माननीय वित्त और कॉर्पोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण द्वारा किया गया। उन्होंने यह शोध अध्ययन लखनऊ में 21 अगस्त, 2021 को इंडिया एक्ज़िम बैंक और सिडबी द्वारा उभरते सितारे फंड के शुभारंभ के लिए आयोजित कार्यक्रम के दौरान जारी किया। इस कार्यक्रम में वक्ताओं के रूप में वित्त मंत्रालय, उत्तर प्रदेश सरकार, इंडिया एक्ज़िम बैंक, सिडबी और एमएसएमई क्षेत्र के उद्यमी शामिल रहे। कार्यक्रम में भौतिक और वर्चुअल रूप से 500 से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया।
इस अध्ययन में अन्य के साथ-साथ फार्मासूटिकल्स, इलेक्ट्रॉनिक्स और मशीनरी, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ, टेक्निकल टेक्सटाइल जैसी उच्चतर मूल्य योजित वस्तुओं के विविधीकरण की जरूरत बताई गई है। अध्ययन में उत्तर प्रदेश के निर्यातों के लिए बाजारों का विवधीकरण करने की जरूरत भी बताई गई है।
अध्ययन में उत्तर प्रदेश में व्यापार के अनुकूल बुनियादी ढांचे का विश्लेषण भी किया गया है और मौजूदा खामियों को दूर करने के लिए कुछ रणनीतियां भी सुझाई गई हैं। इनमें अन्य के साथ-साथ निम्नलिखित शामिल हैं- कुछ और इनलैंड कंटेनर डिपो, एयर कार्गो सुविधाओं की स्थापना करना और राज्य में विभिन्न हवाईअड्डों से संपर्क बेहतर करना; निर्यात संबंधी बुनियादी ढांचे के विकास और इसे सुदृढ़ करने के लिए केंद्र द्वारा प्रायोजित व्यापार अवसंरचना निर्यात योजना (टीआईईएस) का लाभ उठाना; और राज्य में वेयरहाउसिंग और कोल्ड स्टोरेज सुविधाएं बढ़ाना। इसके अलावा, इस शोध अध्ययन में उच्च विनियमित उन्नत अर्थव्यवस्थाओं को निर्यात बढ़ाने के क्रम में राज्य में एसपीएस / टीबीटी इन्फ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ करने की जरूरत भी बताई गई है।
शोध अध्ययन में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश सरकार राज्य में रक्षा उपकरणों के लिए निवेश परिवेश में सुधार करने और राज्य में रक्षा औद्योगिक कॉरीडोर परियोजना की सफलता सुनिश्चित करने के लिए रक्षा उपकरण जैसे प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में पूंजीगत सब्सिडी प्रदान करने जैसे वित्तीय प्रोत्साहनों पर भी विचार कर सकती है। इसके अलावा, यह उल्लेख भी किया गया है कि राज्य में कई उत्पादों के लिए अच्छे क्लस्टर हैं, किन्तु ऐसे क्लस्टरों को और बेहतर बनाने के लिए इनका विस्तृत मूल्यांकन कर पता लगाना चाहिए कि किन क्षेत्रों में काम करने की जरूरत है।
इस मौके पर श्रीमती निर्मला सीतारमण ने देश में एमएसएमई क्षेत्र की स्पर्धात्मकता को बढ़ाने के लिए भारत सरकार द्वारा किए गए उपायों का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि इंडिया एक्ज़िम बैंक के उभरते सितारे कार्यक्रम से इक्विटी, ऋण और तकनीकी सहायता के जरिए एमएसएमई क्षेत्र के निर्यात उन्मुख उद्यमों को सहयोग दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इंडिया एक्ज़िम बैंक और सिडबी हर जिले में उभरते सितारों को चिह्नित करेंगे और जिलों के वाणिज्यिक चैंबरों में इसके प्रति जागरूकता फैलाएंगे।
इंडिया एक्ज़िम बैंक की उप प्रबंध निदेशक, सुश्री हर्षा बंगारी ने अपने संबोधन में उभरते सितारे कार्यक्रम के अंतर्गत भावी निर्यात चैंपियन कंपनियों के साथ मिलकर काम करने और उन्हें वित्तीय तथा सलाहकारी सहायता प्रदान करने की इंडिया एक्ज़िम बैंक की तत्परता पर बल दिया। सुश्री बंगारी ने बताया कि इस कार्यक्रम के अंतर्गत बैंक द्वारा अनूठे उत्पादों, प्रोसेस और तकनीक वाली कंपनियों को सहायता प्रदान की जाएगी और उन्हें अंतरराष्ट्रीय फलक पर ले जाने में उनकी मदद की जाएगी।
विस्तृत जानकारी के लिए कृपया संपर्क कीजिएः
श्री एस. प्रहलादन अय्यर, मुख्य महाप्रबंधक, शोध एवं विश्लेषण समूह
भारतीय निर्यात-आयात बैंक, 8वीं मंज़िल, मेकर चैम्बर्स IV, नरीमन पॉइंट, मुंबई 400 021.
फोनः +91 22-2286 0333, ईमेलः [email protected]

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