नयी दिल्ली, सितंबर, 2021 : वर्ल्ड यूनिवर्सिटी ऑफ़ डिज़ाइन में स्कूल ऑफ़ मैनेजमेंट अपने 5वें ग्लोबल गोल्स जैम की मेजबानी की। यह एक वैश्विक कार्यक्रम है जो सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) पर केंद्रित है। कार्यक्रम के तहत नवोन्मेषकों और डिजाइन पेशेवरों की टीमें दुनिया भर के 80+ शहरों में विभिन्न एसडीजी पर एक साथ काम किया जिससे इसका नाम – ग्लोबल गोल्स जैम पड़ा है। इस कार्यक्रम को डिजिटल सोसाइटी स्कूल – एम्स्टर्डम, यूएनडीपी और स्टार्टअप इंडिया ने समर्थन दिया है।
डब्ल्यूयूडी में इस दो दिवसीय डिज़ाइन थिंकिंग और सर्विस डिज़ाइन जैम में, सभी क्षेत्रों और संबंधित क्षेत्रों के पेशेवर और छात्रों ने भाग लिया और “हर दिन घर आने वाली पैकेजिंग के साथ हमें क्या करना चाहिए?” विषय पर अपने विचारों का योगदान दिया। हमारे जीवन में दैनिक दिनचर्या को पूरा करने वाले हर हिस्से में प्लास्टिक और पैकेजिंग की मौजूदगी को स्वीकार करते हुए, पैकेजिंग और सामग्री (कागज/प्लास्टिक) को फिर से डिजाइन करने / इस्तेमाल को कम करने / रीसायकल करने / पुन: उपयोग करने के लिए और बीच में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए रणनीतियों और समाधानों को तलाशने के लिए विचार-मंथन सत्र आयोजित किए गए।
प्रतिभागियों ने एकल विशिष्ट उत्पादों पर काम किया जैसे: भोजन / पिज्जा डिलीवरी बॉक्स या पूरी श्रेणी में शामिल वस्तुओं पर। प्रतिभागियों द्वारा प्रस्तुत किए गए चयनित विचारों और मॉडलों को वैश्विक स्तर पर लागू करने के लिए प्रस्तुत किया जाएगा।
पिछले कुछ दशकों से, दुनिया ने पर्यावरण के कहर की ओर अपनी आँखें खोली हैं जो मानव निर्मित उत्पादों के कारण हो रहे हैं, दुनिया भर में स्ट्रॉ, कटलरी, शॉपिंग बैग आदि के रूप में प्लास्टिक के उपयोग को कम करने के लिए कड़े कदम उठाए गए हैं, लेकिन ये चीजें हमारे जीवन में खुद इतनी अहम हो गई हैं कि इसके बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है! विशेष रूप से पिछले दो वर्षों में लोग प्लास्टिक की ओर वापस मुड़ गए हैं और स्वच्छता और सफाई की समस्याओं के साथ-साथ घर से बाहर न निकलने की असुविधा के कारण अन्य पैकेजिंग सामग्री का उपयोग बढ़ गया है।
स्कूल ऑफ मैनेजमेंट के डीन डॉ. संमित्र चित्ते ने कहा, “हमें अपने पिछले ग्लोबल गोल जैम्स में बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिली और हम यह देखकर उत्साहित हैं कि भागीदारी के लिए कई आवेदन आए। आखिरकार चर्चा करने के लिए यह विषय बहुत महत्वपूर्ण था, और जब कोई यह महसूस कर सकता है कि वे योगदान करने के लिए क्या कर सकते हैं, तो घर के प्रत्येक सदस्य के लिए जिम्मेदारी से सोचना और एक बेहतर और स्वस्थ धरती की ओर मार्ग प्रशस्त करना आवश्यक हो जाता है।”
डॉ. संजय गुप्ता (कुलपति, वर्ल्ड यूनिवर्सिटी ऑफ़ डिज़ाइन) ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा, “डब्ल्यूयूडी में ग्लोबल गोल्स जैम भारत में नवाचार गतिविधियों के वार्षिक कैलेंडर पर मजबूती से स्थापित किया गया है। इस साल हमारा ध्यान शहरों के पुनरुत्थान पर था, जहां हमारा लक्ष्य प्राकृतिक संसाधनों से और अधिक खर्च किए बिना खुद को समर्थ बनाए रखने वाले शहरों के लिए मॉडल बनाना था। जिस तरह से इस आयोजन को तैयार किया गया, उससेहमें सभी क्षेत्रों में स्थिरता के बारे में अधिक बात करने का मौका मिला और हम जमीनी स्तर पर जागरूकता फैलाने में सक्षम रहे।”
वेबिनार सभी के लिए खुला था और विषय के अनुरूप किसी भी पेशेवर या छात्र के विचारों को उनके विचारों को साझा करने और प्रभावी समाधान खोजने के लिए रणनीति तैयार करने में योगदान करने के लिए स्वागत किया गया था।