नई दिल्ली, अक्टूबर, 2021: स्किल इंडिया ने प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीटी) और राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) के उचित सहयोग से आज देश भर में 660 से अधिक स्थानों पर एक दिवसीय ‘शिक्षुता मेला’ का आयोजन किया। इस पहल के तहत, लगभग 51,991 प्रशिक्षुओं को काम पर रखा गया और इस कार्यक्रम में 5060 से अधिक संगठनों की भागीदारी देखी गई, जो 30 से अधिक क्षेत्रों जैसे बिजली, खुदरा, दूरसंचार, आईटी / आईटीईएस, इलेक्ट्रॉनिक्स, मोटर वाहन और अन्य में कार्यरत हैं। इसके अतिरिक्त, देश के इच्छुक युवाओं को वेल्डर, इलेक्ट्रीशियन, हाउसकीपर, ब्यूटीशियन, मैकेनिक और अन्य पदों सहित 500 से अधिक ट्रेडों (नामित और वैकल्पिक) से जुड़ने और अवसरों का चयन करने का अवसर मिला।.
आवेदकों को शिक्षुता मेले का हिस्सा बनकर कई लाभ प्राप्त हुए क्योंकि उन्हें डाइरेक्ट इंडस्ट्री एक्सपोजर प्राप्त करने के साथ-साथ संबंधित नियोक्ताओं से ऑन-द-स्पॉट शिक्षुता प्रस्ताव मिले। उन्हें सरकारी मानकों के अनुसार 5000 रुपये से 9000 रुपये प्रति माह तक मासिक स्टाइपेन्ड की पेशकश की गई है, यह उम्मीदवारों के लिए सीखने के दौरान कमाई करने का एक बड़ा अवसर है। उम्मीदवारों को आगे राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण परिषद ( NCVET) से प्रमाणन प्राप्त होगा जो प्रशिक्षण के बाद उनके रोजगार की संभावना को बढ़ाएगा।
श्री राजेश अग्रवाल, माननीय सचिव, कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) ने कहा, “हमें अप्रेंटिसशिप मेला के दौरान उम्मीदवारों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है, जो भारत के युवाओं को बाजार से संबंधित कौशल में पर्याप्त प्रशिक्षण प्रदान करने की हमारी प्रतिबद्धता पर प्रकाश डालता है। इस आयोजन के दौरान लगभग 52,000 प्रशिक्षुओं को काम पर रख जाने के साथ, मेरा विश्वास है कि हम ‘कुशल भारत’ के दृष्टिकोण को प्राप्त करने के लिए देश में कौशल मानकों को बढ़ाने में सक्षम होंगे। मैं उन सभी नियुक्त हुए प्रशिक्षुओं को बधाई देता हूं जिन्हें इस अवसर के दौरान 5,000 से अधिक प्रतिष्ठानों के साथ जुड़ने का अवसर मिला। जब मांग-संचालित कौशल प्रदान करने और नियोक्ताओं द्वारा सामना किए जाने वाले तकनीकी कौशल अंतराल को दूर करने की बात आती है तो शिक्षुता प्रशिक्षण, कौशल विकास का सबसे स्थायी मॉडल है। मुझे विश्वास है कि इस तरह की पहलों को आगे बढ़ाते हुए, हम संगठनों और उम्मीदवारों को शिक्षुता प्रशिक्षण के लाभों को पूरी क्षमता से प्राप्त करने के लिए समर्थन देंगे, जिससे सीखने के दौरान कमाने वाली शिक्षण प्रणालियों में नवाचारों की सुविधा होगी”।
डीजीटी की महानिदेशक (प्रशिक्षण) नीलम शम्मी राव ने कहा, “बाजार की बदलती गतिशीलता और इस नए क्रम में उद्योग के विकास के साथ, हमारे युवाओं को नौकरियों के भविष्य के लिए तैयार करने के लिए शिक्षुता एक महत्वपूर्ण घटक बनता जा रहा है। मैं उन सभी प्रशिक्षुओं को बधाई देती हूं जिन्हें शिक्षुता मेले के दौरान अवसर प्राप्त हुए हैं और मैं उनके भविष्य के प्रयासों के लिए उन्हें शुभकामनाएं देती हूँ।”
यह आयोजन भाग लेने वाले प्रतिष्ठानों के लिए एक बड़े अवसर के रूप में भी आया, जिन्हें एक कॉमन प्लेटफार्म पर संभावित प्रशिक्षुओं से मिलने का मौका मिला और वे अपनी आवश्यकताओं के अनुसार उम्मीदवारों का चयन कर सके। इस कार्यक्रम में रेलवे, ओएनजीसी, टाटा, मारुति उद्योग जैसे प्रमुख प्रतिष्ठानों और कई अन्य ने भाग लिया। इसके अतिरिक्त, कम से कम चार कामकाजी सदस्यों वाले लघु उद्योगों ने भी इस कार्यक्रम में प्रशिक्षुओं को काम पर रखा।
इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले उम्मीदवार 5वीं से 12वीं पास छात्र, कौशल प्रशिक्षण प्रमाणपत्र धारक, आईटीआई छात्र, डिप्लोमा धारक और स्नातक थे।
15 जुलाई, 2015 को माननीय प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई कौशल विकास और उद्यमशीलता की राष्ट्रीय नीति, 2015 शिक्षुता को पर्याप्त पारितोषिक के साथ कुशल कार्यबल को लाभकारी रोजगार प्रदान करने के साधन के रूप में मान्यता देती है। एमएसडीई ने देश में उद्यमों द्वारा काम पर रखे गए प्रशिक्षुओं की संख्या बढ़ाने के लिए भी कई प्रयास किए हैं। इसका उद्देश्य कुशल कार्यबल की आपूर्ति और मांग में अंतर को भरना है और नौकरी पर प्रशिक्षण प्राप्त और रोजगार के बेहतर अवसर हासिल करके भारतीय युवाओं की आकांक्षाओं को पूरा करना है।