एआई, एमएल और ब्लॉकचेन जैसी प्रौद्योगिकियों के जरिये डिजिटल क्रांति से भारतीय रीयल एस्टेट पारितंत्र में बदलाव आने को तैयार

नयी दिल्ली, नवंबर, 2021- रीयल एस्टेट क्षेत्र में आज आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सबसे बड़े उपायों में से एक और पासा पलटने वाला बनकर उभरा है जिससे उपभोक्ताओं को खरीद बिक्री में रणनीतिक निर्णय करने में सहूलियत मिल रही है। इस पूरे क्षेत्र में व्यापक प्रौद्योगिकी सुधार लाने की भारी संभावनाओं वाला एआई महज एक बटन क्लिक करके गहरा अनुभव प्रदान करने की क्षमता रखता है।

ये विचार रीयल एस्टेट क्षेत्र में एआई का दोहन विषय पर टेकआर्क द्वारा आयोजित एक वेबिनार में प्रख्यात नेताओं द्वारा व्यक्त किए गए। टेक्नोलॉजी एनालिटिक्स, रिसर्च और कंसल्टेंसी क्षेत्र की अग्रणी कंपनी टेकआर्क ने अमेरिकी मुख्यालय वाले टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म अर्बन कंपास इंक के विदेश विकास केंद्र कंपास के साथ मिलकर यह वेबिनार आयोजित किया जिसमें एआई और एमएल जैसी नयी पीढ़ी की प्रौद्योगिकियों के रीयल एस्टेट उद्योग में उपयोग पर चर्चा की गई।

इस परिचर्चा में भारत में रीयल एस्टेट क्षेत्र में परिवर्तन के लिए एआई की ताकत का इस्तेमाल और इसकी संभावनाओं के दोहन की वकालत की गई।

डेटा को सम्मिलित कर और एआई आधारित एलॉग्रिथम से कंपास जैसे अग्रणी रीयल एस्टेट प्लेटफॉर्मों को निर्णय करने की प्रक्रिया में सहूलियत हो रही है और साथ ही पुराने आंकड़ों के रखरखाव में भी मदद मिल रही है। साथ ही इससे प्रक्रिया में तेजी लाने और उपयोगी आंकड़ों का उपयोग करने में भी मदद मिल रही है।

कंपास आईडीसी में वरिष्ठ निदेशक और एआई प्रमुख रूशी भट्ट ने कहा, कंपास में हमारा प्रयास एक ऐसा प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराने पर है जो निश्चित प्रक्रिया को स्वचालित बना सके और एंड टु एंड प्रक्रिया को जहां तक संभव हो सके रीयल एस्टेट एजेंटों के लिए डिजिटल एवं बाधारहित बना सके। जहां तक भारत के परिदृश्य में एआई के उपयोग का संबंध है, यहां दो तरह के एप्लीकेशंस हैं जिनका निर्माण हमें प्रारंभ करने की जरूरत है। एक है उपभोक्ता केंद्रित जिसमें डिजिटल मार्केटिंग, वर्चुअल वॉकथ्रू, लीड जेनरेशन आदि शामिल हैं, जबकि दूसरा है अंतर्दृष्टि का पता लगाना जैसे कौन से मकान इस साल के अंत तक बिकने की संभावना है। भारतीय रीयल एस्टेट क्षेत्र में एआई को अंगीकार करने में अभी लंबा समय लगेगा, लेकिन उचित निवेश के साथ वृद्धि निश्चित तौर पर संभव है।

एआई ने भारतीय रीयल एस्टेट क्षेत्र में महत्वपूर्ण स्थान हासिल किया है और आने वाले वर्षों में इसका दायरा बढ़ने की संभावना है। हाल की रिपोर्ट्स के मुताबिक, 93.8 प्रतिशत लोगों का मानना है कि क्लाउड और एआई जैसी प्रौद्योगिकियों का उपयोग एनालिटिक्स आधारित सिफारिशों के लिए किया जाएगा और 67.1 प्रतिशत लोगों ने सुझाव दिया है कि एआई और एमएल का उपयोग आने वाले एक डेढ़ साल में गति पकड़ेगा।

चिंटेल्स इंडिया के प्रबंध निदेशक और क्रेडाई एनसीआर के कोषाध्यक्ष प्रशांत सोलोमन ने कहा, कोविड रीयल एस्टेट उद्योग के लिए एक बड़ा अवसर लेकर आया है क्योंकि इसने हमें हमारे काम करने और सोचने के तरीके में बदलाव लाने को विवश किया है। हमने जो तत्काल प्रभाव देखा वह है ऑनलाइन लेनदेन की ओर लोगों का रूख, संपत्तियों का वर्चुअल टूर करने के लिए वीआर और एआर का अधिक उपयोग एवं ड्रोन और एआई जैसी प्रौद्योगिकियों का उपयोग। भला हो एआई और एलाग्रिथम्स का जिससे परिचय होने से लोग अपनी पसंद और जरूरत के आधार पर मकान तलाशने में समर्थ हैं। रीयल एस्टेट महज एक मकान उपलब्ध कराने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक संपूर्ण पारितंत्र उपलब्ध करा रहा है और यही एक रास्ता है जिसके जरिये आप यह हासिल कर सकते हैं और वह है एआई जैसी प्रौद्योगिकियों को अपनाना।

प्रौद्योगिकी विश्लेषक और टीकाकार प्रशांत कुमार राय ने कहा, रीयल एस्टेट उद्योग कर क्षेत्र, विधि क्षेत्र और दस्तावेज तैयार करने के समानांतर आगे बढ़ने को तैयार है। पिछले दो वर्षों में हमने एआई, एमएल, वीडिया वॉकथ्रू जैसी नयी पीढ़ी की प्रौद्योगिकियों में बढ़त दर्ज की है। सबसे बड़ी चीज खोज एवं मिलान के क्षेत्र में देखने को मिलेगी। जहां तक इस उद्योग का संबंध है, भारत के रीयल एस्टेट बाजार में कुछ ऐसी अग्रणी कंपनियां हैं जो एआई का उपयोग कर रही हैं और हमें जल्द ही इसी तरह की और कंपनियां देखने को मिलेंगी। इससे निश्चित तौर पर ऐसा पारितंत्र तैयार होगा जहां पूरे रीयल एस्टेट क्षेत्र में एआई का उपयोग देखने को मिलेगा।

ग्रैंड थॉर्नटन डीजीटीआई इंडिया के पार्टनर, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन प्रणव कौशिक ने कहा, यह क्षेत्र सतत रूप से डिजिटल पहल कर रहा है, लेकिन अब भी कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जहां प्रौद्योगिकी ने अपने पांव नहीं पसारे हैं। प्रबंधन के दृष्टिकोण में बदलाव और संगठनों में कार्यबल को नए सिरे से कौशल प्रदान करने से रीयल एस्टेट क्षेत्र में एक सतत डिजिटल परिवर्तन सुनिश्चित होगा। एआई, एमएल और ब्लॉकचेन जैसी प्रौद्योगिकियों से नियामकों, एजेंटों और कंपनियों सहित पूरे पारितंत्र को जोड़ने में मदद मिलेगी और सूचनाओं का निर्बाध आदान प्रदान होगा।श्

इस कार्यक्रम का संचालन करते हुए टेकआर्क के संस्थापक और मुख्य विश्लेषक फैसल कावुसा ने कहा, एआई और एमएल से युक्त प्रौद्योगिकियां निजी तौर पर संपर्क बढ़ा रही हैं जोकि पूरे रीयल एस्टेट क्षेत्र में जरूरी है। लेकिन अत्यधिक प्रतिस्पर्धी और भारी पूंजी की आवश्यकता वाले इस क्षेत्र को मौजूदा नेताओं की ओर से आवश्यक सहयोग की जरूरत है जिससे यह प्रौद्योगिकी की बाधाओं को पार कर सके।

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