हीरो सेंटर फॉर इनोवेशन एंड टेक्‍नोलॉजी (सीआईटी) को ‘ग्रीनको प्‍लेटिनम’ रेटिंग मिली

सीआईआई- आरएसपीसीबी स्‍कीम और आर एंड डी कैटेगरी के तहत ग्रीन रेटिंग पाने वाली पहली आर एंड डी फैसि‍लिटी बनी
नई दिल्‍ली, 20 जनवरी, 2022- हीरो मोटोकॉर्प, टू-व्‍हीलर बनाने में दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी, को प्रतिष्ठित कंफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्‍ट्री (सीआईआई) ग्रीन बिजनेस सेंटर ने ग्रीन कंपनी रेटिंग सिस्‍टम के तहत हीरो ग्‍लोबल सेंटर फॉर इनोवेशन एंड टेक्‍नोलॉजी (सीआईटी) के लिये ‘ग्रीनको प्‍लेटिनम’ की प्रतिष्ठित रेटिंग से सम्‍मानित किया गया है। हीरो मोटोकॉर्प स्‍थायित्‍वपूर्ण भविष्‍य बनाने की अपनी प्रतिबद्धता पर खरी उतरी है।
हीरो ग्‍लोबल सेंटर फॉर इनोवेशन एंड टेक्‍नोलॉजी (सीआईटी) शोध एवं विकास की प‍हली फैसिलिटी बन गया है, जिसे आर एंड डी कैटेगरी के तहत ग्रीनको प्‍लेटिनम रेटिंग मिली है और यह एकमात्र यूनिट है, जिसे सीआईआई- राजस्‍थान स्‍टेट पॉल्‍यूशन कंट्रोल बोर्ड (आरएसपीसीबी) के तहत ग्रीन रेटिंग मिली है। इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (आईजीबीसी) पहले ही इस सेंटर को 91 अंकों के साथ प्‍लेटिनम प्रमाणन दे चुकी है और इस प्रकार यह भारत के विनिर्माण क्षेत्र की सर्वोच्‍च-रेटिंग पाने वाली फैसिलिटी बन गई है।
इस उपलब्धि पर अपनी बात रखते हुए, हीरो मोटोकॉर्प के चीफ टेक्‍नोलॉजी ऑफिसर डॉ. अरूण जाउरा ने कहा, “हमें खुशी है कि हमारी सतत् हरित पहलों के कारण हीरो ग्‍लोबल सेंटर फॉर इनोवेशन एंड टेक्‍नोलॉजी (सीआईटी) को सीआईआई जैसी उद्योग की एक प्रतिष्ठित संस्‍था से यह सम्‍मान पाने वाली एकमात्र आर एंड डी फैसिलिटी होने की विशेषता मिली है। यह रेटिंग्‍स पर्यावरण के हिसाब से स्‍थायित्‍वपूर्ण परिचालन सुनिश्चित करने के लिये हमारी सुविधा के बड़े पैमाने के प्रयासों का प्रमाण हैं। हीरो मोटोकॉर्प में हम सभी अपने मार्गदर्शन के महत्‍वपूर्ण सिद्धांतों के तौर पर पर्यावरण के स्‍थायित्‍व और संरक्षण के लिये मजबूती से प्रतिबद्ध हैं।”
‘ग्रीनको प्‍लेटिनम’ रेटिंग सीआईआई अपने ग्रीन कंपनी रेटिंग सिस्‍टम के तहत उद्योगों को पर्यावरण के संरक्षण के लिये नेतृत्‍व और प्रतिबद्धता के प्रदर्शन पर देता है। इसकी रूपरेखा अत्‍यंत व्‍यापक है, जिसमें कंपनियों के ग्रीन फीचर्स के प्रदर्शन का मूल्‍यांकन 10 विस्‍तृत हरित मापदंडों पर किया जाता है। इन मापदंडों में ऊर्जा क्षमता, नवीकरण योग्‍य ऊर्जा, जल संरक्षण, कचरे का प्रबंधन, मटेरियल का संरक्षण, हरित आपूर्ति श्रृंखला, उत्‍पाद का प्रबंधन एवं जीवनचक्र मूल्‍यांकन, पर्यावरण के लिये नवाचार और हरित बुनियादी ढांचा, आदि शामिल हैं।

error: Content is protected !!