नई दिल्ली, 4 मई, 2022: अगले एक वर्ष में 10 लाख से अधिक प्रशिक्षुओं को नियुक्त करने के उद्देश्य से, कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय ने आज सेंट्रल पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज के साथ एक वर्चुअल वर्कशॉप का आयोजन किया। इस दौरान उन्हें मंत्रालय द्वारा किए गए नवीनतम सुधारों और पहलों में शामिल किया, जिससे उन्हें अधिक प्रशिक्षुओं के साथ जुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।
वर्कशॉप में 100 से अधिक सेंट्रल पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज के सीएमडी, एचआर मैनेजर और सीएसआर प्रमुखों ने भाग लिया, जिन्होंने अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग पर अपने काम को साझा किया और देश में अप्रेंटिसशिप मॉडल को सफल बनाने के अवसरों और चुनौतियों पर चर्चा की।
माननीय श्री धर्मेंद्र प्रधान, शिक्षा और कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्री और कौशल विकास और उद्यमशीलता और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय राज्य मंत्री माननीय श्री राजीव चंद्रशेखर ने वर्कशॉप में भाग लिया और सेंट्रल पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज के साथ अपने विचार साझा करते हुए उन्होंने कहा कि वे इस राष्ट्रीय निर्माण कार्य में किस प्रकार सर्वोत्तम योगदान दे सकते हैं।
माननीय श्री धर्मेंद्र प्रधान, शिक्षा और कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्री ने सेंट्रल पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज से कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए अभिनव तरीके तलाशने का आह्वान किया और समग्र कौशल भारत मिशन के तहत अपने स्थानीय क्षेत्रों के औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्रों, जन शिक्षण संस्थानों (जेएसएस) को अपनाने सहित, अधिक प्रशिक्षुओं को शामिल करने, एनएसक्यूएफ के साथ अपने कौशल ढांचे को संरेखित करने, कौशल विकास प्रयासों को बढ़ाने के लिए सीएसआर का लाभ उठाने का भी आह्वान किया।
उन्होंने आगे कहा कि, “हम राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की अनुशंसा को लागू कर रहे हैं। हमें अधिक व्यवसायिक और बहुमुखी कार्यबल बनाने के लिए शिक्षा और कौशल का मजबूत इंटीग्रेशन बनाना चाहिए।”
श्री प्रधान ने कहा कि, “काम करने की प्रवृति बदल रही है। हमें एनर्जी, सस्टेनेबिलिटी, डेटा मैनेजमेंट जैसे विषयों के बारे में ज्ञान का परिचय करवाना चाहिए। मैं सेंट्रल पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज के उपक्रमों से एक डायनामिक, प्रोग्रेसिव और मॉडर्न नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क की रूपरेखा तैयार करने के लिए अपने सुझावों और विचारों को सामने रखने का आह्वान करता हूं।”
कौशल विकास और उद्यमशीलता और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय राज्य मंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर ने सेंट्रल पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजे को संबोधित करते हुए कहा, “कंपनियों को न केवल फ्रेश स्किलिंग पर ध्यान देना चाहिए बल्कि अप-स्किलिंग, री-स्किलिंग और मल्टी-स्किलिंग पर भी ध्यान देना चाहिए; ताकि वे आज की नौकरियों के तेजी से बदलते स्वरूप को आसानी से अपना सकें। अप्रेंटिसशिप कौशल विकास के सबसे महत्वपूर्ण मॉडल में से एक होने के नाते, कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय और सेंट्रल पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज में प्रबंधन दोनों द्वारा व्यापक रूप से बढ़ावा दिया जाना चाहिए। स्किलिंग को या तो प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए या सभी कंपनियों में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कार्यबल में अनिवार्य किया जाना चाहिए। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि स्किल इंडिया मिशन के तहत हमारा कार्यबल औपचारिक रूप से कुशल और प्रमाणित है।
उन्होंने कहा कि, “स्किलिंग एंड री-स्किलिंग युवाओं को कोविड के बाद नए अवसरों के अनुकूल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के विज़न के अनुसार युवाओं के लिए कौशल को आकांक्षी बनाना है। इंडस्ट्री को जॉब रोल को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए।”
कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय ने प्रमाणित किया है कि सभी कंपनियों को स्किल इंडिया पोर्टल पर खुद को रजिस्टर करने की आवश्यकता है। प्रत्येक स्किल सेंटर पंजीकृत होना चाहिए चाहे वह कंपनी के स्वामित्व वाला हो या अनुबंधित नेतृत्व वाला प्रशिक्षण केंद्र, ताकि डेटा एकत्रीकरण के लिए सिंगल प्लेटफॉर्म सुनिश्चित किया जा सके।
2.5% से 15% के मौजूदा बैंड में कॉन्ट्रैक्चुअल स्टाफ सहित सेंट्रल पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज द्वारा नियुक्त प्रशिक्षुओं की संख्या को कुल कर्मचारी संख्या के अधिकतम 15% तक बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
एमएसडीई ने अनुशंसा की कि सेंट्रल पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज को डीजीटी की ड्यूल सिस्टम ऑफ ट्रेनिंग योजना/फ्लेक्सी एमओयू योजना के माध्यम से स्किलिंग-वर्कप्लेस कन्वर्जन्स का समर्थन करना चाहिए। ट्रेनिंग ऑफ ट्रेनर्स कार्यक्रम में भाग लेना चाहिए, वैश्विक मांगों के लिए कौशल की ओर ध्यान देने के साथ पाठ्यक्रम का आधुनिकीकरण और एमएसडीई के तहत प्रयोगशालाओं के उन्नयन, प्रयोगशालाओं की स्थापना, राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थानों /आईटीआई/जन शिक्षण संस्थान केंद्रों और प्रधानमंत्री कौशल केंद्रों के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए सहयोग करना चाहिए।
सेंट्रल पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज को ऐसे अभिनव सहयोगों का समर्थन करने और शामिल करने के लिए भी कहा गया है जो उद्योग के लिए तैयार प्रशिक्षित जनशक्ति को निरंतर आगे बढ़ाएंगे और धीरे-धीरे सेंट्रल पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज में प्रमाणित कुशल श्रमिकों को काम पर रखने की दिशा में आगे बढ़ेंगे। सेंट्रल पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज के सब-कान्ट्रैक्टर को उनके अनुबंध के तहत प्रमाणित कुशल व्यक्तियों के कुछ प्रतिशत को नियुक्त करने, मौजूदा श्रमिकों को उनकी नियमित गतिविधियों को बाधित किए बिना आरपीएल के माध्यम से प्रशिक्षित करने का भी निर्देश दिया गया है।
यह भी सुझाव दिया गया कि सेंट्रल पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज के प्रशिक्षण केंद्रों का उपयोग एनएसटीआई/आईटीआई/पीएमकेके/जेएसएस फैकल्टी के ट्रेनिंग ऑफ ट्रेनर्स के लिए किया जा सकता है और पाठ्यक्रम विकास में सक्रिय भागीदारी होनी चाहिए।
स्किल इंडिया ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग मंत्रालय के साथ साझेदारी में हाल ही में 21 अप्रैल, 2022 को देश के 700+ स्थानों पर एक दिवसीय ‘प्रधानमंत्री नेशनल अप्रेंटिसशिप मेला’ का आयोजन किया। यह आयोजन सफल रहा, जिसमें पावर, रिटेल, टेलिकाम, आईटी, इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोटिव सहित 30 से अधिक क्षेत्रों से 1,51,497 छात्रों और 8,968 प्रतिष्ठानों ने भाग लिया। इस इंडस्ट्री-यूथ कनेक्ट प्लेटफॉर्म पर एक ही दिन में 29,000 से अधिक प्रशिक्षुओं को काम पर रखा गया। कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय हर महीने इन अप्रेंटिसशिप/रोजगार मेला का आयोजन जारी रखेगा और कौशल विकास के अप्रेंटिसशिप मॉडल को बढ़ावा देने के लिए देश भर में 250+ क्लस्टर-आधारित कार्यशालाओं का भी आयोजन करेगा।