दिल्ली गैंगरेप: कोर्ट में दाखिल की जाएगी चार्जशीट

सामूहिक दुष्कर्म मामले में दिल्ली पुलिस की एक हजार पन्नों की चार्जशीट पूरी तरह से तैयार है। गुरुवार को पुलिस इसे हाईकोर्ट को दिखाएगी। हालांकि हाईकोर्ट में इस चार्जशीट का तीस पेज का संक्षिप्त रूप ही पेश किया जाना है। अगर कोई कमी नहीं पाई गई तो गुरुवार को ही इसे साकेत कोर्ट में दाखिल कर दिया जाएगा, जहां इस मामले पर सुनवाई की जाएगी। इस चार्जशीट में आरोपियों पर डकैती और हत्या के भी संगीन आरोप दर्ज किए गए हैं। इसके साथ ही पीड़ित को बस से कुचलने की कोशिश भी करने का आरोप लगाया गया है।

बुधवार को चार्जशीट तैयार करने वाले सभी इंस्पेक्टरों व दक्षिण जिला के आला अधिकारियों की पुलिस मुख्यालय में पुलिस कमिश्नर नीरज कुमार व अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक हुई। इसके बाद पुलिस के लीगल डिपार्टमेंट में घंटों चार्जशीट के एक-एक तथ्य का बारीकी से अध्ययन किया गया, ताकि केस की कड़ियां टूटती हुई मालूम न पड़े। जहां कमियां पाई गई उन्हें ठीक किया गया। पुलिस को बुधवार को ही चार्जशीट को फाइनल कर दिल्ली हाईकोर्ट को दिखाना था, किंतु अंतिम रूप देने में विलंब हो जाने के कारण हाईकोर्ट को नहीं दिखाया जा सका।

वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक इस चार्जशीट में कमियां पाए जाने की आशंका कम ही है। जघन्य अपराधों में कुछ वर्षो से इलेक्ट्रानिक (सीडी में) चार्जशीट तैयार की जाने लगी है। इस मामले में भी पुलिस ने फाइलों के अलावा इलेक्ट्रानिक चार्जशीट भी तैयार की है। पहले 1000 पन्नों की पूरी फाइल (चार्जशीट समेत) तैयार की गई थी। अब उसे स्क्रूटनी करके पूरी फाइल करीब 300 पन्नो की तैयार की गई है। बताया जाता है कि काफी दबाव में जल्दी चार्जशीट तैयार किए जाने की वजह से ऐसा हुआ।

वरिष्ठ अधिकारी की मानें तो किसी भी केस की तफ्तीश व चार्जशीट तैयार करने के लिए अधिकतम 90 दिनों का वक्त मिलता है। इस केस में जितने कम समय में चार्जशीट तैयार की गई, ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था। सूत्रों के मुताबिक चार्जशीट में इसका जिक्र है कि दरिंदगी के बाद रामसिंह व पवन ने पीड़िता व उसके दोस्त को नग्न करने के बाद चलती बस से अगले गेट से नीचें फेंका था।

नाबालिग आरोपी ने युवती से दो बार दुष्कर्म किया था। जिस चाटर्ड बस में वारदात की गई थी, उससे लिए नमूनों की फोरेंसिक रिपोर्ट आ गई है। पीड़ितों ने पुलिस को दिए बयान में जिस दरिंदगी व संघर्ष करने की बात बताई है, रिपोर्ट से उसकी पुष्टि हो गई। खून के धब्बे, बालों के गुच्छे मिलने व वारदात के बाद बस को धोने आदि की रिपोर्ट में पुष्टि हुई है। सीसीटीवी फुटेज से बस के लोकेशन की पुष्टि हो गई है। आरोपियों के खिलाफ नौ धाराओं के तहत केस दर्ज करने की बात कही है।

जानकारी के मुताबिक, चार्जशीट में आरोपियों पर आईपीसी की धारा 396 और धारा 302 के तहत भी आरोप लगाए गए हैं। चार्जशीट के मुताबिक, वारदात में शामिल नाबालिग ने युवती से दो बार दुष्कर्म किया था। पीड़ितों ने पुलिस को दिए बयान में जिस दरिंदगी व संघर्ष करने की बात बताई है, रिपोर्ट से उसकी पुष्टि भी हो गई। दिल्ली पुलिस इस केस को पहले मजिस्ट्रेट की अदालत में दाखिल करेगी और वहां से यह केस फास्ट ट्रैक कोर्ट में चला जाएगा। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कोर्ट में आरोपियों को नहीं लाया जाएगा। ऐसा सिर्फ बहुत अधिक जरूरत पड़ने पर ही किया जाएगा।

इस चार्जशीट के मुताबिक, 16 दिसंबर को वारदात के दिन बस में तीनों आरोपी यात्रियों की तरह पहले से बैठे हुए थे, जिससे पीड़ित लड़की और उसके दोस्त को लगा कि बस में यात्री ही बैठे हुए हैं। तीन आरोपियों ने लड़की के दोस्त से पूछा कि इतनी रात को लड़की को कहां ले जा रहा है और फिर झगड़ा शुरू कर दिया। इस पर लड़की के दोस्त ने एक आरोपी को मारा भी।

इसके बाद आरोपियों ने उसे आयरन रॉड से मारा। लड़की ने इसका विरोध किया तो उसे भी पीटा गया। बाद में आरोपी लड़की को बस में पीछे ले गए, जहां उसके साथ दुष्कर्म किया गया। इस दौरान लड़की ने बचने के लिए तीन आरोपियों राम सिंह, विनय और अक्षय ठाकुर को दांतों से काटा भी। तीनों आरोपियों के शरीर पर काटे जाने के निशान के नमूनों को फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है। आरोपी राम सिंह ने वारदात के बाद बस को धोया था और कुछ कपड़े जला दिए थे। दो लोगों ने उसे ऐसा करते देखा था, ये दोनों अब पुलिस के गवाह हैं।

इसके साथ पुलिस ने साकेत मॉल से उस दिन शाम साढ़े पांच से साढ़े आठ बजे के बीच की सीसीटीवी फुटेज भी हासिल कर ली है। इसमें दोनों पीड़ित मॉल में दिख रहे हैं। पुलिस को फोन से कई अहम सबूत मिले हैं। कॉल डिटेल्स से पता चला है कि पीड़ित लड़की के दोस्त का मोबाइल लूटने के बाद एक मोबाइल पर दो कॉल आरोपियों ने रिसीव की, जिससे साफ हो गया है कि वे लोग एक साथ थे।

इस मामले में हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए चार्जशीट पेश करने से पहले खुद को दिखाने का आदेश दिया था। सूत्रों की मानें तो कमी पाई गई, तब हाईकोर्ट पुलिस को कमियां दूर करने के निर्देश देकर फिर से चार्जशीट तैयार करने को कह सकता है। ऐसी परिस्थिति में चार्जशीट दाखिल करने में दो-चार दिन विलंब हो सकता है। दूसरी तरफ, इंडिया गेट पर प्रदर्शन के दौरान घायल सिपाही सुभाष की मौत के मामले की जांच सीबीआइ से कराए जाने की मांग को लेकर बुधवार को हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई। हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई के लिए चार जनवरी की तारीख तय की है।

इस बीच बुधवार को चीफ जस्टिस कबीर ने साकेत कोर्ट में फास्ट ट्रैक कोर्ट का उद्घाटन भी किया। इसी स्पेशल कोर्ट में रेप और गैंग रेप से जुड़े केसों की सुनवाई डे टु डे आधार पर की जाएगी। साकेत कोर्ट कॉम्प्लेक्स में थर्ड फ्लोर पर कोर्ट नंबर-305 को फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाया गया है। वसंत विहार में चलती बस में लड़की से गैंग रेप सहित साउथ और साउथ ईस्ट डिस्ट्रिक्ट के रेप और गैंग रेप से जुड़े मामलों की सुनवाई अब इसी कोर्ट में होगी। साकेत जिला कोर्ट से संबद्ध 2500 वकीलों ने कथित तौर पर निर्णय लिया है कि वे इस केस से दूर रहेंगे ताकि इस कांड की सुनवाई के दौरान तुरंत न्याय सुनिश्चित हो सके। ऐसे में सरकार को बचाव पक्ष के लिए वकील को नियुक्त करना पड़ सकता है।

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