सिर चढ़ी सर्दी, दिल्ली में पारा फिर 3 डिग्री से नीचे

दिल्ली की सर्दी चरम पर है। कल की तुलना में आज मौसम ने मेहरबानी दिखाई है। आज सुबह पारा तीन डिग्री था अब और गिरा। जैसे-जैसे दिन चढ़ा पारा गिरा। सुबह दिल्ली का तापमान 2.9 डिग्री पहुंच गया। मौसम विभाग के मुताबिक इस आज और कल तापमान में गिरावट का सिलसिला जारी रहेगा और दिन का न्यूनतम तापमान तीन डिग्री सेल्सियस के आसपास या इससे नीचे पहुंच सकता है।

आपको बता दें कि कल दिल्ली में दिल दहलाने वाली सर्दी थी। शुक्रवार को न्यूनतम तापमान 2.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो कि सामान्य से चार डिग्री कम और इस मौसम का सबसे कम तापमान के रूप में रिकॉर्ड किया गया है। दिन का अधिकतम तापमान 15.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। सुबह के समय दिल्ली व आसपास के इलाके में आंशिक रूप से कोहरा भी देखने को मिला।

शुक्रवार को अधिकतम व न्यूनतम आर्द्रता 100 व 45 फीसदी दर्ज की गई। हवा की रफ्तार एक से चार किलोमीटर प्रति घंटे की बनती बिगड़ती रही। मौसम विभाग के अनुसार अगले एक-दो दिन में दिल्ली में पड़ने वाले कोहरे के कारण दृश्यता 200 मीटर या कुछ कम रह सकती है।

जमीन से आसमान तक परेशानी

शुक्रवार सुबह छाए कोहरे और खराब मौसम की वजह से दिल्ली के एयरपोर्ट पर लैंडिंग और टेक ऑफ करने वाली 85 उड़ानें प्रभावित हुई तो प्रभावित होने वाली ट्रेनों की संख्या सौ तक पहुंच गई है।

महानंदा एक्सप्रेस 23 घंटे, रीवा एक्सप्रेस 23 घंटे, स्वतंत्र स्पे. एक्सप्रेस 21 घंटे, फरक्का एक्सप्रेस 19 घंटे, अजमेर-कोलकाता सियालदह एक्सप्रेस 19 घंटे लेट चल रही है।

सड़क पर वाहन रेंगते रहे। हालात इतने खराब हो गए थे कि 12 उड़ानों और 72 ट्रेनों का परिचालन रद करना पड़ा और तीन उड़ानों के रूट में परिवर्तन करने पड़े।

दिल्ली के स्टेशनों पर पहुंचने वाली 25 ट्रेनें तीन घंटे से 12 घंटे की देरी से यहां पहुंची तो यहां के स्टेशनों से खुलने वाली 26 ट्रेनों के समय में परिवर्तन करना पड़ा। रेल प्रशासन और एयरपोर्ट अथारिटी के अधिकारियों की मानें तो शनिवार का दिन भी यात्रियों के लिए परेशानी भरा ही होगा क्योंकि एक दिन खराब हुए मौसम का असर दो-तीन दिनों तक बना रहता है। इसलिए यात्री ट्रेन और विमानों की पूरी जानकारी के बाद ही घर से निकलें।

हाड़ कंपा देने वाली ठंड के बीच छा रहे कोहरे ने पूरा जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। कोहरे का आलम यह है कि लोगों का घरों से निकलना दूभर हो गया है। सुबह के वक्त घर से पैदल निकलने वाले भी इस डर से सहमे रहते हैं कि पता नहीं सामने से कौन टक्कर मार जाए।

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