चलती बस में हुई गैंगरेप ने पुलिस के चाल, चरित्र की पोल खोल दी। लोगों का गुस्सा अभी भी सड़कों पर उतर रहा है। इसके बावजूद रोज रेप के नये मामले सामने आ रहे हैं। पुलिस के व्यवहार की रोज पोल खुल रही है।
वसंत विहार थाने में एक युवती अपने साथ हुए दुष्कर्म का मामला दर्ज कराने को महीनों तक भटकती रही, मगर उसका केस पुलिस ने दर्ज नहीं किया। युवती को अदालत की शरण लेनी पड़ी और अदालत के दखल के बाद पुलिस ने आरोपी आइएफएस निशिकांत सिंह के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। पुलिस ने साकेत कोर्ट की महानगर दंडाधिकारी नम्रता अग्रवाल की अदालत के आदेश पर गाजियाबाद की युवती की शिकायत पर निशिकांत पर कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।
पीड़िता के अनुसार दिसंबर 2010 में उसकी दोस्ती सोशल नेटवर्किग साइट फेसबुक के माध्यम से निशिकांत से हुई थी। उस समय वह आइएफएस की तैयारी कर रहा था। मार्च 2011 में युवती से मिलने पर निशिकांत ने प्यार का इजहार किया तो युवती ने पहले विवाह करने की बात कही। 8 जुलाई 2011 को आरोपी ने युवती को कालकाजी के शनिदेव मंदिर में बुलाकर एक महिला से मिलवाया और कहा कि यह उसकी मां है। महिला ने उसे सोने की अंगूठी, चांदी का सिक्का और 21 हजार रुपये देकर सगाई कर दी। 24 जुलाई को पीड़िता को पता चला कि निशिकांत की अन्य युवती से शादी की बात चल रही है। इस पर उसने मना कर दिया। इस दौरान वह आइएफएस अधिकारी बन गया।
आरोपी ने युवती को बेरसराय में भारत सरकार द्वारा दिए गए मकान पर 27 नवंबर को दिवाली की रात बुलाया। वहां पर उसने पंडित बुलाकर उससे शादी कर शारीरिक संबंध बनाए। वह आरोपी के साथ एक महीने तक पत्नी के रूप में रही। इसके बाद आरोपी ट्रेनिंग के लिए मुंबई चला गया। वहां जाने के बाद आरोपी ने उससे बात करना बंद कर दिया और एक दिन बताया कि उसके घर वाले दहेज के लिए दूसरी जगह शादी करा रहे हैं।
उसने विवाह की बात से इन्कार करते हुए कहा कि अब उनके बीच कोई संबंध नहीं है। युवती ने इसकी शिकायत वसंत विहार थाना को 10 मार्च 2012 को दी। इस पर 21 मार्च को आरोपी ने सीएडब्ल्यू सेल के समक्ष कहा कि वह युवती से विधिवत रूप से शादी करेगा। इस आश्वासन पर पीड़िता ने शिकायत वापस ले ली। 26 मार्च को युवती की शादी निशिकांत से ग्रेटर कैलाश पार्ट-2 में सनातन धर्म मंदिर में हुई। विवाह के कुछ समय बाद आरोपी ने फिर से उससे बात बंद कर दी और पटना चला गया। बाद में आरोपी ने युवती को बताया कि उसने उससे शादी करने से पहले ही किसी अन्य युवती से शादी कर ली थी, इसलिए इस शादी की कोई मान्यता नहीं है। युवती ने मामले की शिकायत पुलिस के आला अधिकारियों को की, मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके चलते उसने अदालत में अर्जी दायर की थी।