..तो अब नहीं कटेगा रक्षा मंत्रालय का बजट

सरहद पर पाक की ओर से अचानक हुई तनाव बढ़ाने की कोशिशों के मद्देनजर सरकार ने सैन्य बजट में कमी का प्रस्ताव रद करने का फैसला किया है। साथ ही रक्षा मंत्रालय और तीनों सेनाओं को स्पष्ट कर दिया गया है कि उन्हें सभी आवश्यक परियोजनाओं के लिए धन की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। सूत्रों के मुताबिक बदले हालात में रक्षा तैयारियों और सैन्य स्थिति की समीक्षा के बाद सरकार में उच्चस्तर पर यह फैसला लिया गया है। दो दिन पूर्व हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की सुरक्षा संबंधी समिति की बैठक में हालात की समीक्षा के बाद राय बनी थी कि सीमा पार से हो रही उकसावे की कोशिशों पर जवाबी कार्रवाई के लिए सरकार मजबूती से सेना के साथ खड़ी होगी।

सूत्रों के मुताबिक सेनाध्यक्ष बिक्रम सिंह को भी यह बता दिया गया है कि सीमा पर सैन्य तैयारियों को चुस्त रखने की परियोजनाओं में कोई काट-छांट न हो और उन्हें प्राथमिकता के आधार पर बढ़ाया जाए। गोला-बारूद की स्थिति भी दुरुस्त करने को कहा गया है। बीते दिनों आर्थिक मुश्किलों का हवाला देते हुए वित्त मंत्रालय ने सभी मंत्रालयों के बजट में कटौती की थी। इस कड़ी में रक्षा मंत्रालय को चालू वित्त वर्ष में दिए गए 69 हजार करोड़ रुपये में 10 हजार करोड़ की कटौती का फैसला किया गया था। बदले हालात में सीमा व रक्षा तैयारियों की समीक्षा के बाद रक्षा मंत्रालय को कटौती न करने का भरोसा दिया गया है।

सेना दिवस के मौके पर जनरल सिंह ने भी तस्दीक करते हुए कहा था, माउंटेन स्ट्राइक कोर सहित अन्य सभी महत्वपूर्ण परियोजनाओं के लिए सरकार ने पूरे समर्थन का भरोसा दिया है। महत्वपूर्ण है कि पूर्वी मोर्चे पर सीमा पर हिफाजत के इंतजाम मुकम्मल करने के लिए सेना की योजना के तहत दो इंफैंट्री ब्रिगेड और दो बख्तरबंद ब्रिगेड खड़ी की जानी हैं। बारहवीं पंचवर्षीय योजना (2012-17) के दौरान पूरी होने वाली इस परियोजना पर पूर्व में वित्त मंत्रालय की ओर से आपत्ति आई थी।

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