अच्छा हुआ मर गई पीड़िता : साध्वी ऋतंभरा

अच्छा ही हुआ, जो दिल्ली दुष्कर्म कांड की पीड़िता मर गई, अन्यथा समाज में उसे पल-पल मरना पड़ता। नारी शक्ति, उसकी करुणा, त्याग और बलिदान को भूलने वाला वर्ग उससे सम्मानजनक जीवन जीने का अधिकार छीन लेता है। यह कहना है साध्वी ऋतंभरा का। बुधवार को वृंदावन में एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि दुष्कर्म पीड़िताओं और प्रेम संबंधों से पैदा हुए बच्चों को अपनाया जाना चाहिए। शास्त्र भी कहते हैं कि जब युवती रजस्वला होती है, तो पवित्र हो जाती है। समाज नारी का अस्तित्व भूलना और वातावरण को महिला विरोधी बनाने का कार्य बंद करे।

साध्वी ने कहा कि भारत में ऐसी दरिंदगी की कल्पना कभी नहीं की गई थी। समाज से नारी को प्रोत्साहन देने की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि मरने से डरने वालों को जीने का अधिकार नहीं। साध्वी ने महिलाओं को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा, मैंने देखा है, रात 12 बजे भी अनेक महिलाएं नेताओं के ठिकानों के बाहर खड़ी मिलती हैं। वे ऊंचाई छूने के लिए इस तरह के कार्य करना बंद कर दें और अपनी क्षमता को पहचान कर सृजनात्मक कार्य करें, हीन भावना त्यागें।

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