400 साल पुरानी दुर्लभ किताब बताती है आपका भविष्य

कंप्यूटर का विकास भले ही अब हुआ है, लेकिन भारतीय ज्योतिष विज्ञान ने सैकड़ों साल पहले ही इसका खाका खींच दिया था। गवाह है करीब चार सौ साल पुरानी ज्योतिषसार नामक पुस्तक।

इसमें कंप्यूटर जैसा की बोर्ड है, साथ ही फलादेश व अन्य गणना का उल्लेख भी। सुरक्षित रखने के लिए पटना म्यूजियम में इसे भेजा जा रहा है। पुस्तक के स्वामी देव मुनी के नाम से विख्यात रीगा के रेवासी गांव के रहने वाले ज्योतिषाचार्य नागेंद्र मिश्र का दावा है कि इसमें लिखी हर बात सही है।

इसकी मदद से की गई भविष्यवाणी सही होती है। यह बात धीरे-धीरे इस कदर फैल गई कि लोगों का हुजूम ज्योतिषाचार्य के पास उमड़ने लगा। जमीन, कॅरियर या संतति संबंधी समस्याएं लोग लेकर आने लगे। नेपाल, दिल्ली और दूसरें राज्यों के लोग भी यहां पहुंचते हैं। ये लोगों को नि:शुल्क सलाह देते हैं। देव मुनी रीगा स्थित अपनी कुटी (बिहार सर्वोदय मंडल) में छह माह और इतने ही दिन दिल्ली के राजघाट में बिताते हैं। बापू को आदर्श, भगवती व अपनी मां को प्रेरणा स्वरूप देखने वाले मिश्र 65 वसंत पार कर चुके हैं। वह चुनाव के दौरान मतदाताओं में मताधिकार के लिए अलख जगाने व मतदान केंद्र पर तैनात अ‌र्द्धसैनिक बल को पानी से लेकर अल्पाहार पहुंचाने का काम भी करते रहे हैं।

यही वजह है कि स्थानीय प्रशासन व संगठनों द्वारा कई बार सम्मानित किए जा चुके हैं। पिछले दिनों वह पटना म्यूजियम गए तो एहसास हुआ कि दुर्लभ किताब धरोहर है। सो, इसके लिए म्यूजियम ज्यादा सुरक्षित है। उन्होंने इसके अधिकारियों से बात की। अगले माह से यह किताब म्यूजियम की शोभा बढ़ाएगी।

 

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