पुलिस आज करेगी आशीष नंदी से पूछताछ

जयपुर साहित्योत्सव में दलितों और पिछड़ों को लेकर दिए गए विवादास्पद बयान के सिलसिले में जयपुर पुलिस समाजशास्त्री आशीष नंदी से बुधवार को पूछताछ करेगी। पुलिस ने मंगलवार को नंदी को एक नोटिस जारी किया था। नंदी के साथ-साथ साहित्योत्सव के आयोजक संजोय रॉय को भी नोटिस जारी किया गया था, लेकिन उन्हें हाई कोर्ट से राहत मिल गई है।

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुलिस नंदी से पूछताछ कर उनका बयान दर्ज करेगी। हालांकि आशीष नंदी ने राजस्थान पुलिस की ओर से कोई नोटिस मिलने से इन्कार करते हुए कहा कि वे अपने बयान को लेकर जेल जाने को तैयार हैं।

नंदी ने कहा, यदि 75 साल की उम्र में मुझे दलित प्रताड़ना अधिनियम के तहत सजा दी जाती है तो मैं जेल जाऊंगा। मैं विरोध नहीं करूंगा, क्योंकि मैं 45 सालों से दलितों-आदिवासियों के लिए काम कर रहा हूं और मैं यह अपमान स्वीकार नहीं करूंगा। मैं जेल जाने को तैयार हूं। सोमवार को जयपुर पुलिस की ओर से आयोजक संजोय रॉय से कहा गया था कि जब तक मामले की जांच पूरी नहीं हो जाती वे शहर छोड़कर न जाएं। मंगलवार को हाई कोर्ट ने उन्हें राहत दे दी। अपने स्थगन आदेश में अदालत ने पुलिस को निर्देश दिया कि गिरफ्तारी के हालात में वह रॉय को एक हफ्ते पहले नोटिस भेजेगी। इसी के साथ कोर्ट ने पुलिस के उस निर्देश पर स्टे दे दिया, जिसमें जांच पूरी होने तक उनसे शहर न छोड़ने को कहा गया था। रॉय ने बताया कि अब हम जयपुर से जा सकते हैं। हालांकि हम जांच में पुलिस का सहयोग करेंगे।

नंदी शनिवार को उस समय विवादों में आ गए थे जब साहित्योत्सव में एक चर्चा के दौरान उन्होंने कहा था कि ज्यादातर भ्रष्ट लोग पिछड़ी और दलित जातियों से आते हैं और अब जनजातियों से भी आने लगे हैं। इसे लेकर मचे बवाल के बाद राजस्थान के दलित समुदाय के नेता राजपाल मीणा ने नंदी और साहित्योत्सव के आयोजक के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई थी। मामले के सामने आते ही राजनीतिक पार्टियों ने भी इसे लपक लिया और एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने नंदी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस को ज्ञापन सौंपा था।

हालांकि नंदी ने बाद में माफी मांगते हुए कहा था कि मेरे बयान को गलत समझा गया। दलित चिंतक कांचा इलैया, कवि एवं समीक्षक अशोक वाजपेयी समेत कई बुद्धिजीवियों ने भी नंदी का समर्थन किया है। कांचा इलैया के मुताबिक नंदी का बयान, अच्छी मंशा के साथ कहा गया एक खराब कथन था। हमें नंदी की मंशा पर शक नहीं है।

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